कोतमा थाना के गांजा
प्रकरण में वॉयरल ऑडियों की कार्यवाही पर उठे सवाल
अनूपपुर। कोतमा
थाना में 24 नवम्बर को बाइक से बरामद किये गये 2 किलो गांजा के प्रकरण में वॉयरल ऑडियों
के बाद जहां पुलिस महकमें में खलबली मच गई थी, पूरे मामले की जांच एसडीओपी कोतमा विरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा करते
हुए कोतमा थाना मे पदस्थ दो सहायक उपनिरीक्षको का आचरण संदिग्ध पाया गया था। एसडीओपी
कोतमा के जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवॉर ने 8 दिसम्बर को
सहायक उपनिरीक्षक सुरेश कुमार अहिरवार थाना कोतमा को पुलिस अधीक्षक कार्यालय अनूपपुर
के विधिक शाखा में आगामी आदेश तक ड्यूटी लगाई गई। वहीं सहायक उपनिरीक्षक अरविंद राय
के संदिग्ध आचारण पाये जाने के बाद भी अभयदान दे दिया गया है।
संदिग्ध आचरण फिर भी
पुलिस अधिकारियों की चुप्पी
वॉयरल ऑडियों में गांजा के प्रकरण को रफादफा करने, अरोपित की पत्नी से पुलिस वाहन के निजी चालक के माध्यम 1 लाख 10
हजार रूपये में मामला सेटलमेंट करने जैसे आरोप तथा सहायक उप निरीक्षक अरविंद राय का
आचरण संदिग्ध पाये जाने के बाद भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अभयदान से जिले
में पुलिस की छवि के साथ उनकी कार्यशैली पर कई सवाल उठ खड़े हो रहे है। इतना कुछ होने
के बाद भी सहायक उपनिरीक्षक अरविंद राय के खिलाफ अब तक कार्यवाही ना होना पुलिस अधिकारियों
के कार्यो की निष्क्रियताओं को दर्शा रहा है।
कोतमा मे इनके क्रियाकलापो की है चर्चा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सहायक उपनिरीक्षक अरविंद राय के
क्रियाकलापों की चर्चा कोतमा क्षेत्र में सुर्खियों बटोरे हुए है। जहां लोगो ने दबी
जुबान में बताया कि क्षेत्र में अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में इनका श्रेय
व भूमिका सबसे आगे रही है। जिसके कारण जनता में पुलिस के प्रति प्रतिशोधात्मक भावना
को जागृत पैदा हो रही है और समाज पुलिस के प्रति असहयोगात्मक तरीका अपना चुकी है।
एनडीपीएस एक्ट जैसे संगीन मामलों के साथ
ही कई शिकायतों के बावजूद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की सह पर कई वर्षो से कोतमा
अनुभाग में जमें हुए है, जिससे इनकी कार्यशैली
से लॉयन आर्डर की स्थिति निर्मित हो सकती है।
इनका कहना है
जांच रिपोर्ट आ गई है, शीघ्र ही नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी
शिव कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
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