10 घाटों से प्रतिदिन लाखो की रेत हो रही चोरी, रेत चोरी गिरोह सक्रिय, प्रशासन मौन
अनूपपुर। जिले में खनिज माफिया द्वारा सोन, तिपान, केवई, गोडरू, बकान, अलान सहित अन्य नदियों से रोजाना रात के समय रेत का अवैध उत्खन्न कर दर्जनों डंफर वा ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से परिवहन किया जा रहा है। जिले भर में हो रही रेत की इस चोरी पर खनिज विभाग सहित जिला प्रशासन व पुलिस विभाग पूरी तरह से मौन है। जिसके चलते खनिज माफिया सक्रिेय होकर अपना गिरोह बनाकर रेत चोरी की घटना को अंजमा देते हुए विवाद की स्थिति निर्मित करते है। जिससे कारण शासन को राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है। जिले के कोतवाली अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, बिजुरी एवं भालूमाड़ा थाना क्षेत्र की पुलिस इन रेत चोरो पर कार्यवाही करने से परहेज कर रहे है।
10 अवैध घाटों से प्रतिदिन चोरी हो रही रेत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के पांच थाना क्षेत्र में 10 अवैध घाट जिनमें कोतवाली अनूपपुर अंतर्गत सीतापुर घाट, मानपुर घाट, कन्या शिक्षा परिसर के पास स्थित कचरा घाट, जेल बिल्डिंग के आगे चिल्हाहरी घाट, कोतमा थाना अंतर्गत निगवानी घाट, बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कोठी घाट एवं कटकोना घाट, भालूमाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत सोन नदी के भालूमाड़ा घाट, जैतहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलिया फाटक के अंदर से एवं तिपान नदी स्थित बलबहरा खदान जैतहरी से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में रेत चोरी की जा रही है। लेकिन इन थाना क्षेत्रों के थाना प्रभारी द्वारा इन अवैध रेत चोरी करने वालो पर लगाम कस पाने में अपनी असमर्थता व्यक्त करते नजर आ रहे है।
आधा दर्जन नदियों का बिगाड़ रहे अस्तित्वा
जिले की जीवनदायनी कही जाने वाले आधा दर्जन प्रमुख नदियों का अस्तित्व संकट में है, जहां रेत चोरी करने वाले गिरोह अवैध तरीके से घाट बनाकर सूरज ढलते ही अपने-अपने वाहन को नदियों में उतार कर रेत का अवैध उत्खनन करते आसानी से देखे जा सकते है। लेकिन इन गिरोह को ना तो पुलिस का भय है और ना ही खनिज विभाग का डर है। जिनके द्वारा चोरी के रेत लोड़ कर सड़को में वाहन फर्राटा मारते नजर आ जाते है। लेकिन इन रेत लोड़ वाहनों की जांच करने जिला प्रशासन वा पुलिस विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा जहमत नही उठाई जा रही है। जिसके कारण रेत के अवैध उत्खनन पर अंकुश नही लग पा रहा है।
कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रैक्टरों का हो रहा उपयोग
कोतमा, भालूमाड़ा सहित बिजुरी थाना क्षेत्र में कृषि कार्य के नाम पर परिवहन विभाग में ट्रैक्टर ट्रॉली पंजीकृत कर उनका उपयोग व्यावसायिक रूप से अवैध रेत के परिवहन में उपयोग करते नजर आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार परिवहन विभाग में ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली को कमर्शियल पंजीकृत करने पर ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली की कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स शासन को जमा करना अनिवार्य होता है, लेकिन अधिकतर ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली के मालिक द्वारा टैक्स बचाने के चक्कर में वाहन को कृषि कार्य हेतु पंजीकृत कराए हुए है। जानकारी के अनुसार परिवहन कार्यालय अनूपपुर में एक भी ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली का पंजीयन कमर्शियल रूप में नही हुआ है। जो कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्ट र इंजन वा ट्रॉली का रेत चोरी करने में किया जा रहा है।
इनका कहना है
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है, खनिज विभाग एवं पुलिस की संयुक्ति टीम बनाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
शिव कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें