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शनिवार, 3 जुलाई 2021

चौथे दिन: हड़ताल से वापस लौटने को तैयार नहीं नर्स, स्टाफ की कमी में मरीज हो रहे रेफर


संविदकर्मियों के भरोसे जिलें की और कोविड आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था

अनूपपुर। जिले में अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी नियमित नर्सो का चौथे दिन शनिवार नगर में रैली निकाल सरकार पर वादा खिालफी का अरोप लगाते हुए नारेबाजी की। इस हड़ताल के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी संविदाकर्मी के कंधों पर थोप दी गई है। जिसके कारण स्वास्थ्य केन्द्रों पर सेवाएं लडख़डऩे लगी है। जिला चिकित्सालय जैसी बड़ी संस्था में सैकड़ों नियमित नर्सो की जगह अब मात्र 28 संविदकर्मी स्टाफ अपनी सेवाएं दे रही है। जिसके कारण सामान्य वार्ड से लेकर महत्वपूर्ण वार्डो का काम प्रभावित होने लगा है। यहां हाई रिस्क में आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद शहडोल रेफर करना पड़ रहा है। जबकि ऑपरेशन थियेटर में स्टाफ की कमी के कारण गम्भीर मामलों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पडऩे पर अन्य स्टाफों के सहयोग से गम्भीर केस को भी सम्भाल लिया जाएगा, लेकिन वास्तविकता तो यह दिखने लगी है कि प्रत्येक वार्ड चाहे सामान्य मरीज वार्ड हो या एसएनसीयू, मेटरनिटी, पीआईसीयू, बर्न वार्ड और ऑपरेशन थियेटर में एक-दो संविदाकर्मी स्टाफ के सहारे मरीजों के सामान्य बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। शनिवार को नर्सेस एसोसिएसन मप्र के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे नियमित कर्मचारियों का चौथा दिन रहा, जिसमें दो सैकड़ा के आसपास नियमित और कोविड संविदाकर्मी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर नगर में रैली निकाल कर सरकार की नजरअंदाजी के विरोध किया।

शासन ने लगाया है एस्मा, काम पर वापस लौटने को तैयार नहीं नर्से

सीएमएचओ डॉ. एससी राय के अनुसार 28 जून का नर्सेस एसोसिएसन के बैनर तले जब सामूहिक अवकाश की घोषणा कर 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई थी, तभी मप्र शासन द्वारा एस्मा लगाते हुए इसे अवैधानिक बताया और काम पर वापसी की बात कही थी। लेकिन दूसरी ओर स्टाफ नर्स अपनी मांगों को पूरा कराए वगैर काम पर वापस लौटने को राजी नहीं है।

नर्सेस एसोसिएसन मप्र जिला इकाई अनूपपुर जिला अध्यक्ष नीना खेस का कहना है कि सरकार से लगातार बातचीत और दिए गए ज्ञापनों के बाद सिर्फ कोरा आश्वासन मिला है। कोरोना महामारी के दौरान भी नर्सो ने अपनी मांगों को अलग रखकर मरीजों की सेवा की। बावजूद अपनी बाजिव मांगों को मांगने पर शासन द्वारा एस्मा लगाकर हमें डराने का प्रयास किया जा रहा है। ये प्रांतीय स्तर पर आयोजित हो रहा है। अपनी मांगों को लिए हम वापस काम पर नहीं लौटेंगे। सरकार हमारी मांगे मांग लें आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त हो जाएगी।

वीरान पडऩे लगी अस्पताल परिसर

कोरोना संक्रमण के बावजूद जिला अस्पताल में भीड़ दिखने की जगह अब वीरानी नजर आने लगी है। सामान्य रूप से सर्दी-खांसी और सामान्य संक्रमण के इलाज के लिए मरीज जिला अस्पताल या स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच रहे हैं। बताया जाता है कि रोजाना लगभग 25-30 ओपीडी मरीजों की पर्ची कट रही है। लेकिन एसएनसीयू, कोरोना आइसोलेशन वार्ड जैसे हाई रिस्क वार्ड में स्टाफों की कमी से अस्पताल प्रबंधक के साथ साथ स्वास्थ्य प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है।

सीएमएचओ डॉ.एससी राय ने बताया कि शासन ने पूर्व से ही एस्मा लगा दिया था, बावजूद स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। चूंकि यह प्रदेश स्तरीय मामला है, इसलिए शासन स्तर पर ही जो निर्देश दिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा।

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