प्रीलिटिगेशन के 243 मामलों में 17 का निराकरण, 1 करोड़ 85 लाख से अधिक का हुआ अवार्ड
अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित कोतमा व राजेन्द्रग्राम तहसील स्तरीय न्यायालय में 10 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर रत्नेश चन्द्र सिंह बिसेन के मार्गदर्शन में किया गया। जिला न्यायालय में न्यायाधीश रत्नेश चन्द्र सिंह बिसेन ने दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस दौरान जिले के तीनों न्यायालय के लिए कुल 14 खंडपीठों का गठन कर दाण्डिक, शमनीय प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला मुख्यालय अनूपपुर, तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित प्रकरणों मेें से 4118 प्रकरणों को लोक अदालत में रेफर किया गया था, जिनमें कुल 247 प्रकरणों का निराकरण सम्भव हो सका। जबकि प्रीलिटिगेशन के 243 प्रकरण में से 17 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। आयोजित लोक अदालत में कुल 1 करोड़ 85 लाख 29 हजार 983 राशि अवार्ड हुई। इस मौके पर न्यायाधीश भू-भास्कर यादव,राजेश कुमार अग्रवाल, भूपेन्द्र नकवाल, स्वयं प्रकाश दुबे,रामाअवतार पटेल,आरती सिंह,सृष्टि पटेल निधि चिटकारा, रवि साहू, भाविनी सिंह, रश्मि काकोटिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी प्रदीप सिंह, अधिवक्ता ्रदुर्गेश पांडेय एवं राम नरेश त्रिपाठी सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
माता और पुत्र के बीच समझौता
माता और पुत्र के बीच बेदखली को लेकर वाद न्यायालय में विचाराधीन था। 80 वर्षीय माता ने न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था कि उसके पुत्र उसके साथ अभद्रता करते हैं। जिससे व्यथित होकर वह उन्हें जायजाद से बेदखल करना चाहती है। लोक अदालत के अवसर पर न्यायाधीश की उपस्थिति में दोनों पक्षों को बैठाकर समझाईश दी गयी, जिसपर पुत्रों ने माता का ध्यान रखने और उनके साथ सम्मानपूर्वक रखने करने की बात कही। माँ ने भी बच्चों के साथ रहने की बात कही और दोनों पक्षों के मध्य लोक अदालत में राजीनामा हुआ।
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