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शनिवार, 24 जुलाई 2021

अनूपपुर: गुरू पूजन कर शिष्यों ने मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व, गुरू अश्रामों में लगा भक्तों का तांता


अनूपपुर/अमरकंटक। पवित्र नगरी अमरकंटक सहित पूरे जिले में गुरु पूर्णिमा पर्व शनिवार को हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। अमरकंटक व आसपास क्षेत्रों मेें सुबह से ही शिष्य गुरू पूजन के लिए गुरूओं के आश्रमों में तांता लगा रहा। अमरकंटक में श्री कल्याण सेवा आश्रम
, श्री मृत्युंजय आश्रम, श्री शांति कुटी,श्री मार्कंडेय आश्रम, श्री फलाहारी बाबा आश्रम, श्री धारकुंडी आश्रम सहित अन्य छोटे-बड़े आश्रमों में शिष्यों ने गुरु पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा कल्याण दास जी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर राम कृष्ण आनंद महाराज, महामंडलेश्वर शारदा नंद महाराज,श्री महंत राम भूषण दास महाराज का आर्शीवचन लिया।

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी माना जाता है अत: इस दिन वायु की परीक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान भी किया जाता है।

इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और उसे यथाशक्ति दक्षिणा,पुष्प,वस्त्र आदि भेंट करता है। शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है, तथा अपना सारा भार गुरु को दे देता है। सामान्यत:  लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं परन्तु वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है। जो जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से मुक्त करा व्यक्ति या सत्ता ईश्वर तक पहुंचा सकती हैं,ऐसी सत्ता ही गुरु हो सकती है। हिंदू धर्म में गुरु होने की 13 शर्तें बताई गई हैं।

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