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सोमवार, 27 सितंबर 2021

मलेरिया विभाग में फर्जी भर्ती एवं सीएचओं के नियम विरूद्ध स्थानांतरण पर तीन निलंबित

उप जिला विस्तार अधिकारी केपी सिंह, मुख्य लिपिक चंदू एवं लेखापाल एमके दीक्षित निलंबित अनूपपुर। मलेरिया विभाग में 14 लोगो फर्जी नियुक्ति एवं एनएचएम की गाईड लाइन के विपरीत जाकर सीएचओ के स्थानांतरण के मामले में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीडी सोनवानी के बाद 27 सितम्बर को क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें रीवा द्वारा कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यलय में पदस्थ उप जिला माध्यम विस्तार अधिकारी के.पी. सिंह, लेखापाल एम.के. दीक्षित एवं मुख्य लिपिक चंदू पाव को निलंबित कर दिया गया है। मलेरिया विभाग में फर्जी तरीके से 14 लोगो की ार्ती किए जाने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी गाइड लाईन के विपरीत जाकर सीएचओं के स्थानांतरण किए जाने के मामले में कलेक्टर सोनिया मीना के द्वारा प्रेषित किए पत्र के आधार पर क्षेत्रीय संचालक रीवा द्वारा निलंबित किया गया है। जानकारी के अनुसार उप जिला माध्यम विस्तार अधिकारी केपी सिंह एवं मुख्य लिपिक चंदू पाव द्वारा मलेरिया विभाग में विभिन्न पदों की भर्ती प्रक्रिया की शिकायत होने पर नियमानुसार जांच दल गठित की जाकर प्रकरण की जांच कराई गई। जिसमें केपी सिंह की संलिप्ता पाए जाने पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए तथा उन्होने अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एवं हठधर्मिता करते हुए म.प्र. भर्ती नियम 1986 में दिए गए प्रावधानों के विरूद्ध भर्ती प्रक्रिया की गई। जांच प्रतिवेदन 1 दिसम्बर 2020 को अपर संचालक संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. भोपाल द्वारा क्षेत्रीय संचालक को निर्देश दिए गए थे, जिस पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल के निर्देशानुसार एवं म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के भाग चार के नियम 9 (1) के अनुसार उप जिला माध्यम विस्तार अधिकारी को तत्काल प्रभाव निलंबित कर दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी गाइड लाईन के विपरीत जाकर लेखापाल एमके दीक्षित ने स्थापना शाखा का कार्य संपादित करते हुए सीएचओं के स्थानांतरण हेतु कलेक्टर एवं प्रभारी मंत्री के समक्ष भ्रामक जानकारी प्रस्तुत कर सीएचओं की अनियमित तरीके से स्थानांतरण आदेश जारी किया गया था। जिस पर तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बीडी सोनवानी एवं लिपिक व लेखापाल एमके दीक्षित दोषी पाए गए थे। कलेक्टर सोनिया मीना ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल को पत्र प्रेषित कर तृतीय श्रेणी कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किया गया, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल ने पत्र के माध्यम से क्षेत्रीय संचालक को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। क्षेत्रीय संचालक रीवा द्वारा कार्यालय लेखापाल एम.के. दीक्षित को अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एवं हठधार्मिता कर विभाग के नियमों की अनदेखी कर एनएचएम की गाइड लाइन के विपरीत सीएचओं के स्थानंातरण आदेश जारी कर म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम (3) के तहत दोषी पाया गया, जिस पर लेखापाल एम.के. दीक्षित को क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य रीवा द्वारा निलंबित कर दिया गया है।

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