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गुरुवार, 16 सितंबर 2021

धान मिलिंग के लिए बिजली बनी ढाल,चेतवनी के बाद भी 6.50 में 1.37 लाख क्विंटल धान का उठाव

19 फीसदी चावल का हुआ भंडारण, 81 फीसदी के लिए डेढ़ माह अनूपपुर। जिले के ओपन कैप सहित गोदामों में भंडारित धान की मिलिंग में मिलर के साथ विभाग भी गम्भीर नहीं दिख रहा है। कलेक्टर द्वारा 30 अक्टूबर तक जिले की सभी धान की बोरियों का उठाव करते हुए मिलिंग की दी गई चेतावनी के बाद भी मिलिंग में रफ्तार नहीं बढ़ी, वहीं विभागीय आंकड़ों में भी अनुबंध उठाव और मिलरों द्वारा उठाई जा रही बोरियों में खेल खेला जा रहा है। जिसके कारण अब अक्टूबर माह के अंत तक धान की मिलिंग कार्य पूरा करने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। मिलिंग की धीमी रफ्तार से अब तक गोदाम में मात्र 19 फीसदी चावल का भंडारण हुआ है। इससे द्वार प्रदाय योजना के तहत राशन की दुकानों तक आवंटन होने वाले खाद्यान्न प्रभावित हो रहा हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार जिले में 65737 एमटी धान का मिलिंग कार्य किया जाना है। जिसमें हाल के दिनों नई नीतियों में जिले के 13 मिलर ने एग्रीमेंट करते हुए धान का उठाव आरम्भ किया है। एग्रीमेंट में 2 लाख 64 हजार क्विंटल धान का मिलिंग होना प्रस्तावित है। लेकिन अब तक मिलरों द्वारा मात्र 1 लाख 37 हजार क्विंटल धान का उठाव किया गया है। जबकि विभाग द्वारा डीओ के रूप में 1 लाख 53 हजार क्विंटल के बनाए गए हैं। इसमें विभाग को 92000 क्विंटल चावल चाहिए। लेकिन मिलरों द्वारा मात्र 83000 क्विंटल चावल का भंडारण किया गया है, यानि किए गए धान उठाव में चावल की मात्रा 9000 क्विंटल कम है। जो निर्धारित एग्रीमेंट का 19 फीसदी चावल है। मिलर बिजली समस्या बनी ढाल, निर्धारित मात्रा में भी कम उठाव धान की मिलिंग में अब मिलरों ने बिजली कटौती की समस्या को ढाल बनाते हुए कम बिजली आपूर्ति के कारण मिलिंग कार्य प्रभावित बताया है। यह कुछ हद तक सही भी हैं। जिले में इन दिनों विद्युत व्यवास्था चरमराई हैं खास कर ग्रमीण क्षेत्रों में जहां बिजली का आने-जाने का समय निधारित नहीं हैं। वहीं समझौता पत्र के तहत मिलरों को अब तक 2 लाख 64 हजार क्विंटल धान का उठाव करना था, लेकिन मात्र 1 लाख 37 हजार क्विंटल किया है, जो 50 फीसदी है। जबकि कलेक्टर ने इससे पूर्व अगस्त माह में आयोजित विभागीय अधिकारियों, मिलरों की बैठक में बिजली विभाग को बिजली की आपूर्ति बनाते हुए मिलरों से इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए थे। लेकिन कलेक्टर के बार-बार चेतवनी के बाद भी मिलर व विभाग ने इसमें गम्भीरता नहीं दिखाई। जिसमें अब कलेक्टर ने फिर नाराजगी जताते हुए विभाग से निर्धारित समय में पूरी मिलिंग प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। तो मिलरों से वसूली के साथ ब्लैक लिस्ट की होगी कार्रवाई समझौता पत्र और धान मिलिंग की नई नीति के तहत कलेक्टर द्वारा जारी चेतावनी पत्र में अगर मिलरों ने सभी धान का मिलिंग कार्य पूरा नहीं किया तो सम्भव है कि ऐसे मिलरों पर बचे पर धान के तहत नुकसान के रूप में वसूली की कार्रवाई और काली सूची में डालने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं नागरिक आपूर्ति विभाग और जिला खाद्य आपूर्ति विभागीय अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सुस्त गति से धान के उठाव और मिलिंग पर दोनों विभागों के माथे पर चिंता की लकीर खींची हुई है।

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