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मंगलवार, 21 सितंबर 2021

आजादी के 75 वर्ष बाद भी बिमार व्यक्ति को पालना में पक्की सडक़ तक ले जाने विवस ग्रमीण

आपातकालीन सेवा के वाहन भी पहुंचने से करते हैं इंकार अनूपपुर। गांधी का भारत गांवों में बसता हैं। आजादी के सात दशक के बाद भी गांधी गांवों तक विकाश की किरण से अछूता हैं। आज भी सडक़ के अभाव में ग्रमीण बिमारी से ग्रसित व्यक्ति को चारपाई का पालना बना गांव से चार किलोमीटर दूर पक्की सडक़ तक ले जाने के लिए विवस हैं। सरकारें आई और गई सत्ता के जनप्रतिनिधियों ने अपने विकाश को ही विकाश समझा इससे ग्रमीणों को आज भी विकास की अर्थी को कंधो ढोने को मजबूर हैं। जिले के आदिवासी विकाशखण्ड़ पुष्पराजगढ़ के ग्राम खाल्हे धबई गांव जहां सडक़ के आभाव मे ग्रामीण कीचड़ युक्त सडक़ों पर आवाजाही कर रहे है। किसी के बीमार होने पर खाट मे लिटा चार किमी. पैदल चल पक्की सडक़ जाते है। इतना ही नही 100, 108 सहित आपातकालीन सेवा के वाहन भी नही पहुंचते। पुष्पराजगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत अमदरी खाल्हे धबई टोला में 742 मतदाता है। जिसमें 370 पुरुष, 372 महिला व 259 अवयस्क हैं। जहां के लोग 4 किलोमीटर पक्की सडक़ की समस्या से जूझ रहें है। सडक़ के अभाव में आपातकालीन सेवाएं तक गांव में प्रवेश से मनाही कर देती है, जिससे परेशान ग्रामीणों को घर के बीमार मरीजों को खाट पर लादकर ४ किलोमीटर का फासला तय करते हुए मुख्य मार्ग तक पहुंच रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह आज की समस्या है, पूर्व में भी सडक़ की मांग लेकर सांसद और विधायक को भी पत्र सौंपा गया, आश्वासन मिले, लेकिन राजस्व के दर्ज रिकार्ड के फेर में विभागीय अधिकारियों ने इसका निर्माण नहीं कराया, जिसका खामियाजा आज यहां के ग्रामीणों को भुगताना पड़ रहा है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत अमदरी का राजस्व ग्राम धबई 2 मोहल्ले मे बसा हुआ है। दोनों मोहल्ले के बीच की दूरी लगभग 4 किमी है। जिनका नाम टिकरा धबई व खाल्हे धबई है। टिकरा धबई तक पहुंच मार्ग बना हुआ है। लेकिन खाल्हे धबई राजस्व ग्राम नहीं होने की वजह से मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ सका है। खाल्हे धबई ग्राम की महिला चम्पी बाई पति रूप सिंह की तबियत 18 सितम्बर को अचानक खराब हो गई, परिजनों ने पंचायत की सरपंच उर्मिला मार्को को घटना की सूचना देते हुए एम्बुलेंस वाहन 108 को डायल किया गया। सरपंच पति राम मिलन सिंह ने 108 पर फोन लगाया, उधर से लोकेसन पूछे जाने पर अमदरी पंचायत धबई ग्राम के खाल्हे धबई मोहल्ला होना बताया गया, तब आपातकालीन सेवा 108 से बात कर रहे भोपाल कंट्रोल रुम से कहा गया कि आपके द्वारा दी गई लोकेशन तक 108 वाहन नहीं पहुंचाया जा सकता। जिसके बाद विवश होकर ग्रामीणों ने बीमार महिला को खाट पर लिटा कर कंधों पर रख पैदल 4 किमी दूरी तय करते हुए मुख्य मार्ग पर ऑटो से बेनीबारी उपस्वास्थ केन्द्र पहुंचे। सांसद विधायक के आश्वासन बाद भी नहीं निर्माण ग्रमीणों ने बताया कि इसके लिए सांसद विधायक सहित जिले के अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन मिला हैं। 6 अक्टूबर 2019 को पंचायत ने सडक़ की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया और जनपद व सांसद को दिया। 21 नवम्बर 2020 को ग्राम पंचायत अमदरी द्वारा सांसद व स्थानीय विधायक को पुन: पत्र लिखा गया। पुन: 15 अगस्त 2019 को सरपंच उर्मिला मार्को की अध्यक्षता मे पंचायत ने सर्वसम्मति से मार्ग निर्माण का प्रस्ताव परित कर जनपद पंचायत को दिया। कलेक्टर को 5 नव बर 2019 को ज्ञापन ग्रामीणों द्वारा सौंपा गया। इतना ही नहीं पूर्व में 5 अक्टूबर 2014 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुष्पराजगढ़ आगमन पर तात्कालीन सरपंच राम मिलन सिंह मार्को के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपकर सडक़ निर्माण की मांग की गई थी। अनुविभागीय दण्डाधिकारी पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी ने बताया कि यह गांव पहाड़ के दोनों ओर बसा हुआ है, जिसकी दूरी लगभग 4 किमी है मेरे संज्ञान मे यह बात आई है जल्द ही सडक़ निर्माण के लिये उच्च अधिकारी से चर्चा कर निर्माण कराया जायेगा।

1 टिप्पणी:

  1. शर्मनाक,क्या करते हे, शासन प्रशासन के नुमाइंदे। कहां जाता है विकास का धन

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