मामला स्थानीय जनजाति के छात्रों को प्रवेश से वंचित व पीएचडी प्रवेश में गड़बड़ी पर
अनूपपुर। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में कथित रूप से प्रवेश से वंचित करने तथा पीएचडी प्रवेश में गडबडिय़ों के सम्बंध में लेकर स्थानीय संगठनों ने ज्ञापन सौंपा था। जिस पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामले को संज्ञान लेते हुए कुलपति को नोटिस जारी कर आयोग के समक्ष उपस्थित होने की बात कहीं हैं।
जानकारी अनुसार भारत सरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के पत्र के अनुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में स्थानीय जनजाति के छात्रों को कथित रूप से प्रवेश से वंचित करने तथा पीएचडी प्रवेश में गड़बड़ी के संबंध में ग्राम बरसोत, पुष्पराजगढ़ के रोशन ने अभ्यावेदन के अनुरूप नोटिस दिया गया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को अभ्यावेदन 2 अगस्त को प्राप्त हुआ और आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के अन्तर्गत उसे प्रदत्त शक्तियों का अनुसरण करते हुए इस मामले का अन्वेषण /जांच करने का निश्चय किया है। कुलपति से अनुरोध किया गया है कि इस सूचना /पत्र के प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर अधोहस्ताक्षरी को डाक से या स्वयं उपस्थित होकर या किसी अन्य सचार साधन से सभी तथ्य तथा आरोपों / मामलों पर की गई कार्रवाई से संबंधित सूचना प्रस्तुत करेंने का नोटिस जारी किया गया है।
समन हो सकता है जारी
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उप निदेशक आरके दुबे ने नोटिस जारी करते हुए उल्लेख किया कि कृपया ध्यान रखें कि यदि नियत अवधि में आयोग को उत्तर प्राप्त नहीं होता है तो वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के खण्ड (8) के अन्तर्गत उसे प्रदत्त दीवानी अदालत की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है तथा व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए आपको समन जारी कर सकता है। गौरतलब हो कि इस पूरे मामले में पहली पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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