अमरकंटक में देखने को मिला शिमला का नाजारा, बर्फबारी के बीच पेड़ से टकराई कार,चालक गंभ्भीर
अनूपपुर। जिले में लगातार तीसरे दिन मंगलवार को भी झमाझम बारिश के
साथ जमकर ओलावृष्टि से शिमला का मज़ा अमरकंटक में देखने को मिला। मंगलवार की सुबह
से ही आसमान में घने बादलों की लुका छिपी के बीच काले बदरा ने रिमझिम बारिश होती
रहीं। अनूपपुर जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली, जिसकी वजह से किसानों की फसलों को भारी नुकसान भी हुआ है। सब्जी, गेहूं व चना-मसूर की खेती करने वाले किसानों की मुसीबत बढ़ गई है।
किसानों का कहना है कि उनकी फसल बर्बाद हो गई है। जिले के अनूपपुर तहसील के 19
गांवों में ओलावृष्टि हुई हैं जहां फसलो को नुकसान नहीं हुआ हैं। पुष्पराजगढ़
तहसील के 47 गांवों में सं 10 गांवों में ओलावृष्टि का असर हुआ हैं।
अमरकंटक में देखने को मिला शिमला का नाजारा
मंगलवार की दोपहर पुष्पराजगढ़ तहसील के अमरकंटक सहित आसपास
क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। जिससे पूरी धर्मनगरी में शिमला का
नाजारा देखने को मिला। सड़को पर सफेद चादर बिछ गई। अमरकंटक संवाददाता मुन्नू पाण्डेय ने बताया कि अमरकंटक में वर्षो
बाद यह नराजा देखने को मिला हैं। छोटे आंवला के अकार के ओले गिरे जिससे छोटे-बड़े पौधों को भरी
नुकसान हुआ हैं, सड़को
पर सफेद चादर बिछ गई। इस ओलावृष्टि एक सवार का संतुलन बिगड़ने से कार पेड़ से जा
टकराई जिससे कार चालक को सिर पर गभ्भीर चोटे आई जिसे रेफर किया गया हैं।
बारिश और ओलावृष्टि से किसान परेशान
पुष्पराजगढ़ तहसील के गांव में जहां ओलावृष्टि का असर जमकर हुआ
हैं। सब्जी के साथ और भी फसलों की खेती करने वाले किसानों बताया कि "बारिश ने
बर्बाद कर दिया है। इस बार काफी सब्जियां लगाई थीं, कई एकड़ में तरबूज की खेती की थी, खीरा लगाया था. इसके अलावा टमाटर लगाया था और भी सब्जियां लगाई थीं, लेकिन जिस तरह से बारिश हुई और फिर ओलावृष्टि हुई उसने पूरी फसल
बर्बाद कर दी है." किसान बताते कहते हैं कि "सब्जी की फसल में छोटे-छोटे
फल लगने शुरू हो चुके थे और जिस तरह से फल लग रहे थे उन्हें इस बार बहुत उम्मीद थी
की अच्छी खासी कमाई होगी, लेकिन उससे पहले
ही कुदरत ने ऐसा झटका दिया कि की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं और उनकी पूरी फसल
इस ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई"।
बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
कुछ किसान बताते हैं कि जिस तरह से बेमौसम बारिश का दौर शुरू हुआ
है, खेत में गेहूं की
फसल पक कर तैयार है। चना मसूर की फसल पक कर तैयार है कटाई का समय है लेकिन अब यह
फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। बेमौसम बरसात में उन्हें मुसीबत में डाल दिया
है। किसानों ने बताया कि अब उनकी पकी पकाई गेहूं की फसल बर्बाद होने की कगार पर है, अगर बेमौसम बारिश का दौर न थमा तो और नुकसान हो जाएगा, क्योंकि हर दिन बारिश हो रही है और ओलावृष्टि की वजह से उनकी फसल
भी बर्बाद हो रही है। कुछ जगहों पर जहां-जहां ओलावृष्टि हुई है वहां के किसानों का
कहना है कि उनकी फसलों का तो बहुत नुकसान हुआ है। उम्मीद थी कि इस बार अच्छी
पैदावार मिलेगी, लेकिन कुदरत ने उनसे
वो भी छीन लिया।
बीते 24 घंटे में जिले में
24.3 मिलीमीटर औसत
वर्षा दर्ज
अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले
में बीते 24 घंटे में 24.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान वर्षामापी केन्द्र
अनूपपुर में 32.4, कोतमा में 31.4, बिजुरी में 17.8, जैतहरी में 30.4, वेंकटनगर में 33.2, पुष्पराजगढ़ में 38.4 तथा बेनीबारी में 10.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापी केन्द्र अमरकंटक में वर्षा
निरंक रिकार्ड की गई।
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