विकसित भारत की संकल्पना की ओर अग्रसित हो रहा है देश- केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते
पर्यटन संरचनाओं के विकास के लिए किए जा रहे हैं कार्य - सांसद हिमाद्री सिंह
अमरकंटक में अव्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री का कार्यक्रम हुआ फ्लाप शो,कुर्सिया रहीं खाली
अनूपपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजनांतर्गत 1400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की 52 पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाओं को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से समर्पित किया गया। प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण इन स्थलों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का निर्माण करके देश के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के समग्र अनुभव की गुणवत्ता में सुधार करना है। स्वदेश एवं प्रसाद योजनाओं के अंतर्गत प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित एवं लांच की गई है। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई परियोजनाओं में अनूपपुर जिले के अमरकंटक स्थित मां नर्मदा मंदिर तथा अमरकंटक के 16.45 करोड़ के विकास कार्य शामिल हैं।
वर्चुअल माध्यम से अमरकंटक स्थित मां नर्मदा के तट रामघाट में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर भारत सरकार के केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि के तौर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वशिष्ठ शर्मा, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवार, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के सहायक निदेशक जितेन्द्र जाधव, भारत पर्यटन रायपुर के प्रबंधक मयंक दुबे, पूर्व जनपद अध्यक्ष पुष्पराजगढ़ हीरा सिंह श्याम, अंबिका तिवारी, रामगोपाल द्विवेदी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी पुष्पराजगढ़ दीपक पाण्डेय, एसडीओपी सोनाली गुप्ता, तहसीलदार अनुपम पाण्डेय सहित पर्यटन एवं अन्य विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अमरकंटक मंदिरों एवं आश्रमों के संत एवं पुजारी व बड़ी संख्या में नागरिक, स्थानीय रहवासी, युवा एवं महिलाएं उपस्थित रहें।
प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल माध्यम से देश के जिन परियोजनाओं को समर्पित किया, उनमें पवित्र नगरी अमरकंटक के 16.45 करोड की लागत के नर्मदा मंदिर के आसपास के विकास यथा प्रवेश द्वार, प्रतीक्षा मंडप, प्रसाद वितरण के लिए भोजन एवं रसोई, कियोस्क, मंदिर की रोशनी, इन्द्रदमन झील, मां की बगिया, कपिलधारा का विकास, रामघाट का दक्षिण तट, सोनमूड़ा के घाट का विकास, मेला मैदान, पैदल चल पथ का विकास, पर्यटन सुविधा केन्द्र का विकास, सार्वजनिक सुविधाओं का विकास शामिल है।
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था रही, कार्यक्रम को देखना सुनाने आए लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था कड़ी धूप में होने से लोग प्रधानमंत्री को सुने बिना वापस चले गयें। वहीं विभाग के अधिकारी सिर्फ विशिष्ठ मेहमानों की आवभगत में लगे रहें। धूप में लगी कुर्सिया खाली रहीं जिससे प्रधानमंत्री का कार्यक्रम फ्लाप शो साबित हुआ।
अमरकंटक में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में लघु फिल्मों के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र के विकास की गाथा का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न लोककल्याणकारी योजनाओं के साथ अधोसंरचना के विकास के कार्यों को गति दी जा रही है। जिससे विकसित भारत की संकल्पना की ओर देश अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सद्प्रयासों से जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने के बाद वहां के जनजीवन की बहाली हुई। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा के उद्गम से लेकर सम्पूर्ण तट के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्य किए गए हैं तथा पर्यटन विकास की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। जिससे क्षेत्रीय लोगों को बहुतायत में लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में बदलाव परिलक्षित होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन की बड़ी संभावनाएं हैं। अमरकंटक इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पर्यटन विकास के माध्यम से क्षेत्रीय विकास को बल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर भारत प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अग्रसर है।
सांसद हिमाद्री सिंह ने कहा कि अमरकंटक मां नर्मदा का उद्गम क्षेत्र है। यहां के विरासत को अक्षुण्य रखने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के पर्यटन संरचनाओं के विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए अमरकंटक का विकास कार्य किए गए हैं तथा आगे भी आवश्यकता के अनुरूप विकास के संवर्धन के कार्य किए जाएंगे।
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