टैक्सी यूनियन ने दिया समर्थन, पुलिस वाहन रोक जताया विरोध
अनूपपुर। केंद्र सरकार द्वारा भारतीय न्याय
संहिता 2023 के तहत ई-टैंडर मामले में दोषी पाए जाने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना
व 7 साल तक की सजा के प्रावधान के खिलाफ सोमवार 1 जनवरी को देशभर के ट्रक,बस चालक हड़ताल पर चले गए हैं। इस काले कानून
को वापिस लेने की मांग कर रहें हैं। अनूपपुर में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट
कांग्रेस के आह्वान पर अनूपपुर में ड्राइवर एकता संघ के बैनर तले सैंकड़ों ट्रक,बस चालकों ने हड़ताल कर सड़क जाम करते हुए इस
कानून की वापसी की मांग के नारे लगायें। इस हड़ताल में अनूपपुर टैक्सी यूनियन भी
शामिल है। देर रात तक पेट्रोल पंपों पर लोगों की भीड़ नजर
आई। इस दौरान चालको ने कलेक्टर मांग पत्र सौपते हुए नए कानून के संशोधन पर वाहन
चालको के खिलाफ जो कड़ी सजा और भारी जुर्माना का प्रवधान किया गया है उन्हें वापस
लेने की मांग की है।
भारत सरकार के सड़क दुर्घटना संबंधी नए कानून
से डरे सहमें बसों और ट्रकों के चालकों की हड़ताल का अनूपपुर जिले में जबरदस्त असर
देखने को मिल है। वाहनों का परिचालन ठप रहने से आम यात्री इस भीषण ठंड में कई तरह
की परेशानियां सहने को मजबूर हो गए हैं। नए कानून का विरोध करते हुए अनूपपुर के समातपुर
तालाब के पास हड़ताल पर बैठ गए। जिसके वजह से शहर में जाम की स्थिति बन गई। जिले
में आज बस के भी पहिए थम गए हैं। बसों का संचालन न होने से पड़ा बस स्टैंड वीरान हैं, यात्री परेशान हैं। इस दौरान चालकों ने नारेबाजी
करते हुए पुलिस वाहन को भी रोक लिया। जैतहरी में स्थित मोजर बेयर पावर प्लांट में
लगे निजी ट्रक ड्राइवर हड़ताल में चले गए। जिसके कारण काम प्रभावित हो रहा हैं।
जैतहरी चौक में भी वाहन चालकों ने इस कानून का विरोध करते हुए हड़ताल पर बैठे हुए
हैं। शहर में वाहन चालकों द्वारा चक्का जाम किए जाने से बसों, ऑटो के पहिए थमने से लोगों को दिक्कतों का
सामना करना पड़ रहा है। कई यात्री बस स्टैंड पर बस, ऑटो का इंतजार करते हुए बस स्टैंड पर बैठे हुए
हैं। जिले में आज ऑटो का चालक भी हड़ताल पर है। जिसके कारण यात्रियों को आने-जाने
में सबसे जाता मुसीबत का सामना करना पड रहा हैं।
ड्राइवर एकता संघ द्वारा कलेक्टर को एक मांग
पत्र सौंपा जिसमे भारत सरकार द्वारा नए कानून के संशोधन पर वाहन चालको के खिलाफ जो
कड़ी सजा और भारी जुर्माना का प्रवधान किया गया है उन्हें वापस लेने की मांग की गई
है। मांगे न माने जाने पर आज ही से गाड़ि़यां न चलाने के बात करते हुए पूरे देश में
पहिए रोकने की बात कहीं, सरकार द्वारा जो नया कानून लागू किया
गया है इसे वापस लिया जाये। एक जनवरी 2024 से वाहन चालको द्वारा वाहन नहीं चलाया गया।
इससे देश को होने वाली आर्थिक क्षति की जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
इन प्रावधानों का किया जा रहा है विरोध
सरकार द्वारा जो नया कानून लागू किया गया है
इसमें ड्राईवर की सजा 10 साल एवं 7 लाख रूपये जुर्माना घोषित किया गया है।
एक्सीडेंट होने पर इस कानून को वापस लिए जानें बावत्। जो कानून सरकार द्वारा बनाया
गया है जिसमें यदि दुर्घटना हो जाता है तो ड्राईवर को 10 साल की सजा 47 लाख का
जुर्माना से दण्डित किया जाना है ऐसे में ड्राईवर जिसकी सेलरी कहीं पर तीन हजार
रूपये या कही पर 7000 रूपये महीनें की सैलरी वाला जिसका कोई रहने का ठिकाना नहीं
है एवं सैलरी का कोइ अता पता नहीं ऐसे में ड्राईवर सात लाख का जुर्माना कहा से दे
पाएगा जिसके कार्य का कोई समय नहीं रहता और ऐसे में 10 साल की सजा हो जाती है तो
ड्राईवर के परिवार का पालन पोषण कौन करेगा। पहले कानून में ड्राईवर की जमानत होना
फिर वाहन की जामानत होना तय था।
थाना भालूमाडा के अंतर्गत बदरा तिराहा एनएच 43
में ड्राइवर यूनियन ने परिवहन कानून के नए निगम का किया विरोध करते हुए काला कानून वापस लेने की मांग की। सड़क पर हादसा
होने पर पालको के खिलाफ होने वाली कठोर कार्यवाही के प्रस्ताव का विरोध किया। इस दौरान पुलिस ने समझाएं दी।
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