वन मंडलाधिकारी ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतते हुये शाम को
जंगल न जाने ग्रामीणों से की अपील
अनूपपुर। वन
मंडल अनूपपुर सीमा में छग से आयें दो हाथियों ने जिले के के जैतहरी एवं कोतमा वन
परिक्षेत्र आंतक फैला रखा हैं। ग्रमीण पूरी रात रतजगा कर अपने जानमाल की रक्षा करते
हैं। बुधवार एवं गुरुवार की रात जैतहरी रेंज के चोलना गांव में एक ग्रमीण के घर का
दरवाजा तोड़ते हुए कोतमा वन परिक्षेत्र के पडौंर से सोननदी पार कर जैतहरी वन
परिक्षेत्र के कुकुरगोड़ा एवं चोई गांव के जंगल में दिन में विश्राम कर रहें हैं।
6 जनवरी की अनूपपुर वन मंडल के जैतहरी एवं कोतमा वन परिक्षेत्र
की सीमा को पार करता हुआ एक हाथी छत्तीसगढ़ के मरवाही वन परिक्षेत्र के जंगल से मप्र
के अनूपपुर वन परिक्षेत्र में पूर्व से रह रहें एक दो दांत वाले हाथी से मिलकर दोनो
बुधवार एवं गुरुवार की मध्य रात जैतहरी रेंज के चोलना गांव में 2 बजे रात अनिल केवट
के घर का दरवाजा तोड़ते हुए कोतमा वन परिक्षेत्र के पडौंर के मेला के संगम स्थल के
सोननदी को पार कर वन परिक्षेत्र जैतहरी के कुकुरगोड़ा एवं चोई गांव के मध्य धनगवां
बीट के जंगल में गुरूवार को विश्राम कर रहें है। वहीं अत्यधिक लेंटाना होने के
कारण वर्तमान समय तक दोनों हाथियों के प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं जा सका हैं। ग्रामीण
और वन विभाग का मैदानी अमला हाथियों के विचरण दौरान सोननदी एवं उसके आसपास विचरण
पर पड़े पैरों के निशान झाड़ियो को तोड़कर खाते, चलने से हाथियों के आ जाने का आभास हुआ है।
अनूपपुर वन मंडलाधिकारी एसके प्रजापति ने हाथी प्रभावित
क्षेत्र एवं देर रात हाथियों के संभावित विचरण क्षेत्र के ग्रामीणों से सतर्कता
बरतते हुये जंगल एवं गांव के मध्य अलग-थलग खेतों में घर बनाकर रह रहें ग्रामीणों
को शाम को अंधेरा होने के पूर्व ही सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की हैं। जैतहरी
एवं कोतमा वन परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारियो एवं मैदानी अमले को सतत
निगरानी रखते हुए सतर्कता एवं ग्रामीणों की सुरक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
दोनों हाथियों का समूह देर शाम रात को किस क्षेत्र में जायेंगे यह देर रात होने पर
ही पता चल सकेगा।
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