सफेद ऑयल के नाम पर छत्तीयसगढ़ से होता डीजल का अवैध परिवहन व
भंडारण
अनूपपुर। जिले में व्हाइट ऑयल (सफेद तेल) के नाम पर डीजल का अवैध परिवहन
व भंडारण के मामले की शिकायत पर बुधवार को जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के
अधिकारियों एवं थाना प्रभारी बिजुरी की संयुक्त टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 43
बैहाटोला टोल प्लाजा के समीप टैंकर वाहन क्रमांक जीजे 03 बीवाई 8465 में भरे ऑयल
की जांच की गई। जहां ऑयल की संदिग्धता पर खाद्य अधिकारी बालेन्द्र सिंह परिहार एवं
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सीमा सिन्हा ने नमूना लेते हुए उसे आयुषी लेबोरेटरी भोपाल
भेजा जाएगा। जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि लैब की जांच के पता चलेगा कि बाद ऑयल, व्हाइट ऑयल है या डीजल, वहीं
टैंकर को जप्त करते हुए बिजुरी थाना में सुरक्षार्थ खड़ा करवाया गया है।
व्हाइट ऑयल का बिल लगाकर डीजल का अवैध परिवहन
औद्योगिक क्षेत्रों में इस्ते माल होने वाले सफेद तेल का बिल
लगाकर छत्तीऑसगढ़ से डीजल का अवैध परिवहन कर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों
में स्थापित कोयला खदानों में पहुंचाया जा रहा है। जानकारी अनुसार छत्तीवसगढ़ में
डीजल की कीमत 10 से 12 रूपये प्रति लीटर सस्ता होने के कारण म.प्र. के सीमावर्ती
अनूपपुर जिले के कोयला खदानों व औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध रूप से डीजल का
परिवहन कर उनका भंडारण कर अधिक दाम में बेचकर मुनाफा कमाते हैं। टैंकर में मिले
बिल में सफेद तेल जो कि नागपुर से बिलासपुर आ रहा है। जप्त किए टैंकर का रूट चार्ट
उल्टा था, टैंकर बिलासपुर की ओर ना जाकर अनूपपुर की ओर आ रहा था।
ओ.बी. रिमूवल कंस्ट्रक्शन की जांच में पहुंच अधिकारी
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आमाडांड खदान में
(ओ.बी.रिमूवल) मिट्टी हटाने का कार्य निजी कंपनियों के माध्योम से कॉलरी द्वारा
करवाया जाता है। जिसमें डीजल की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ से अवैध तरीके से परिवहन
कर उनका भंडारण करने की शिकायत मिली थी, जिस
पर जांच के लिए खाद्य अधिकारी सहित टीम ने आमाडांड मे ओ.बी रिमूवल निर्माण स्थम
पहुंचे, जहां वहां भी वैसे ही टैंकर खड़े पाए गए। लेकिन खाली थे। जिसके
बाद टीम ने विधिवत जांच की कार्रवाई की गई।
डीजल परिवहन वा भंडारण के ये है नियम
जानकारी के अनुसार कई निजी कंपनियों द्वारा छ.ग. से बड़ी
मात्रा में सस्ता, डीजल अवैध रूप से खरीद कर टैंकरो के माध्यम से परिवहन कर लाया
जा रहा है। जबकि नियमानुसार डिपो से निकलने वाले डीजल के टैंकर सीधे अपने रूट
चार्ट के अनुसार पेट्रोल पंप में ही पहुंचाया जाना होता है। जहां से औद्योगिक
संस्थानों वा निजी कंपनियों की आपूर्ति के लिए उक्त संस्थान पेट्रोल पंप से ही
अधिकतम 2200 लीटर डीजल ड्रमों के माध्यम से ट्रांसपोर्ट कर सकता है, इससे अधिक मात्रा में डीजल का परिवहन करने के लिए विस्फोटक लायसेंस
की अनिवार्यता होती है, जिसमें बकायदे भंडारण स्थल, वाहन का नंबर वा डीजल की क्षमता अंकित होती है।
इनका कहना है
टैंकर वाहन में चालक द्वारा सफेद तेल का बिल दिखाया गया है, जिसके बाद ऑयल का सैम्पिल लेकर उसे लैब भेजा गया है, जिसके बाद ही उक्त ऑयल डीजल है या सफेद तेल पता चल सकेगा।
फिलहाल टैंकर को बिजुरी थाना में खड़ा करा दिया गया है।
बालेन्द्र सिंह परिहार, खाद्य
अधिकारी अनूपपुर
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