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सोमवार, 21 मार्च 2022

परियोजना अधिकारी,सुपरवाइजर एवं कंप्यूाटर आपरेटर संघ ने मांगो को लेकर सौंपा ज्ञापन

हड़ताल से जाने से कार्य हुआ प्रभावित अनूपपुर। जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी,सुपरवाइजर एवं कंप्यूुटर आपरेटर संघ 21 मार्च सोमवार से अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं। तीनों संघों ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर अपर कलेक्टर सरोधन सिंह को मुख्यमंत्री के नाम अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा। संयुक्त मोर्चा आई.सी.डी.एस. परियोजना अधिकारी संघ एवं पर्यवेक्षक संघ (म0प्र0) के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम दिये गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि प्रदेश के परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों की वेतन विसंगति एवं पदोन्नति संबंधी मांग विगत 25 वर्षों से शासन स्तर पर लंबित है, जिसका विभाग द्वारा कोई निराकरण नही किया गया है, जिससे प्रदेश के परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों में बेहद निराशा एवं गंभीर आक्रोश है। ज्ञापन में कहा हैं गया है कि परियोजना अधिकारियों की ग्रेड-पे 3600 रुपए से बढ़ाकर 4800 रूपए किया जावे, वर्तमान में देश के अन्य राज्यों में सबसे कम एवं विकाखण्ड स्तरीय समकक्ष अधिकारियों में सबसे कम ग्रेड-पे परियोजना अधिकारियों का है। पर्यवेक्षकों का ग्रेड-पे 2400 रूपए से बढ़ाकर 3600 रूपए किया जाये, परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों का ग्रेड-पे बढ़ाकर क्रमशः 4800 एवं 3600 रूपए करने का निर्णय विभागीय मंत्री से अनुमोदित प्रस्ताव अगस्त 2018 से वित्त मंत्रालय में लंबित है। ज्ञापन में परियोजना अधिकारियों को सामान्य प्रशासन, पुलिस, वित्त विभाग की तरह चार स्तरीय (टाइम स्केल) देने, पर्यवेक्षकों का नियमित प्रमोशन करके परियोजना अधिकारी के रिक्त से पद भरने, वर्तमान में विगत 30 वर्षों से अनेक पर्यवेक्षक एक ही पद पर पदस्थ है। पर्यवेक्षक को पूरे सेवाकाल में 3 प्रमोशन दिया जाये। परियोजना अधिकारियों को आहरण संवितरण अधिकार पुनः देकर विकेन्द्रीकरण करने, प्रदेश में शेष बचे संविदा पर्यवेक्षकों को नियमित करने, विकासखण्ड सशक्तिकरण अधिकारी के पद नाम से प्रभारी शब्द हटाने, विकासखण्ड सशक्तिकरण अधिकारी के 313 स्वीकृत पदों को समर्पित करके उतनी ही राशि से हर जिले में सहायक संचालक ट्रेनिंग का पद सृजित करने, इससे शासन पर कोई भी वित्तीयभार नही आयेगा एवं प्रमोशन चैनल खुलेगा। वर्ष 2014 के बाद के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों/विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी की परिवीक्षा अवधि समाप्त की जावे एवं पर्यवेक्षकों को प्रतिमाह भ्रमण के आधार पर नियमित यात्रा भता दिये जाने की मांग की हैं। कंप्यूलटर आपरेटर संघ की मांग कंप्यूलटर आपरेटर संघ ने सौंपे गये ज्ञापन में कहा हैं कि महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत विभागीय कार्य के संचालन हेतु पूरे प्रदेश के 453 परियोजना कार्यालय एवं 52 जिला कार्यालय में मौखिक आदेश पर 500 से भी ज्यादा कम्प्यूटर ऑपरेटर विगत कई वर्षों से नियमित कर्मचारी की भांति अपनी सेवाएं शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर से भी कम की दर पर अपनी सेवाएं दे रहे है। वर्तमान समय में पूरे विभागीय कार्य का संचालन ऑनलाइन हो जाने के परिणाम स्वरूप लिपिकिय श्रेणी का कार्य भी कम्प्यूटर ऑरेटरों को करना पड़ रहा है। विभाग अन्तर्गत संचालित हितग्राही मूलक योजनाए प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना जिसमें लगातार प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हो रहा है। लाडली लक्ष्मी योजना जो प्रदेश सरकार की मुख्य योजना है, सी एम हेल्पलाइन कार्यालयीन कार्य जैसे समस्त कार्यों का संचालन विभाग अन्तर्गत मौखिक रूप से कार्यरत ऑपरेटरों के द्वारा किया जा रहा है। ऑपरेटरों के पास विभाग की ओर से कोई कार्यादेश न होने के कारण हमे अधिकारियों के अनुकम्पा एवं न्यून्तम मजदूरी दर से भी कम मानदेय में अपने व अपने परिवार का जीवन यापन बड़ी कठिनाईयों के साथ करना पड़ रहा है। कई बार ऑपरेटरों को अधिकारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के कार्य से पृथक कर दिया जाता है। अधिकारियों की गलती होने पर भी ऑपरेटरों को दोषी बना कर उसे कार्य से बाहर कर अपने चिर परिचितों को कार्य में रख लिया जाता है। आज एक व्यक्ति जो विगत 8 से 10वर्षों से विभाग को अपनी सेवाएं दे रहा था उसकी रोजी रोटी छीन जाती है, और किसी स्तर पर भी उसे न्याय नहीं मिलता। महिला एवं बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश अन्तर्गत कार्यरत समस्त ऑपरेटर मध्यप्रदेश शासन एवं महिला बाल विकास विभाग से निवेदन किया हैं की ऑपरेटरों को दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मचारी की श्रेणी में लाए जाने हेतु शासन से स्तर ऑपरेटर हित में कार्यवाही करने, जिससे प्रदेश 500 से अधिक दक्ष युवा जो विभाग अन्तर्गत अस्थायी रोजगार पर है उनका रोजगार एवं भविष्य सुरक्षित हो सके एवं शासन द्वारा निर्धारित न्युनतम मजदूरी दर एवं अन्य सुविधाए जो शासन द्वारा निर्धारित है वह विभाग अंतर्गत कार्यरत ऑपरेटरों को प्राप्त हो सके।

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