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मंगलवार, 1 मार्च 2022

शिवालय में गूंजे हर हर महादेव,शिव का हुआ जलाभिषेक, शिव की भक्ति मे लीन दिखे श्रद्धालु

नर्मदा उद्गम में श्रद्धालुओं ने लगाई अस्था की डुबकी, जगह-जगह लगे मेले,सांसद ने मेले का किया शुभारंभ अनूपपुर/अमरकंटक। फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के मौके पर 01 मार्च को जिलेभर में हर्षोउल्लास के साथ महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया। शिवालयों में सुबह से ही भक्तों ने भगवान शिव-पार्वती की विशेष पूजा अर्चना कर प्रसाद के भोग लगाए। इस मौके पर कुछ स्थानों पर विशेष भंडारे के साथ मेले का भी आयोजन किया गया। जबकि अमरकंटक के मां नर्मदा उद्गम कुंड (सरोवर)में हजारों शिवभक्तों ने डुबकी लगाकर हर हर महादेव का जयघोष से सारा वातावरण गुंजायमान कर दिया। देवालयो में लोग पूजा अर्चना, रुद्राभिषेक व जप करते देखे गये। मां नर्मदा उद्गम मंदिर में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने उद्गम मंदिर में मां नर्मदा व भगवान शंकर के देवालयों में मत्था टेका तथा भक्ति में लीन नजर आये। नर्मदा तट में श्रद्धालुओं ने स्नान किया तथा भोलेनाथ की पिंडी में जल का अर्पण किया।
सांसद ने मेले का किया शुभारंभ महाशिवरात्रि पर्व 1 मार्च के अवसर पर सर्किट हाउस ग्राउंड अमरकंटक में 27 फरवरी से 3 मार्च तक आयोजित पांच दिवसीय महाशिवरात्रि मेला का शुभारंभ महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर सांसद हिमाद्री सिंह द्वारा फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर विधायक पुष्पराजगढ़ फुंदेलाल लाल सिंह, एसडीएम पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी, पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत प्रशासकीय समिति के उपाध्यक्ष संतोष पांडे तथा नगर परिषद अमरकंटक के पूर्व पदाधिकारी गण व मुख्य नगरपालिका अधिकारी चैन सिंह परस्ते प्रमुख रुप से उपस्थित रहें। मेला स्थल पर शासकीय विभागों पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, उद्यानिकी विभाग, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल, कृषि विभाग, आयुष विभाग, जनजाति कार्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, ओरियंट पेपर मिल अमलाई द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का सांसद ने अवलोकन किया। एवं नागरिकों तथा बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं दी। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर अमरकंटक में स्थित आश्रमों ने भंडारा तथा जगह-जगह भक्तो ने प्रसाद का वितरण किया।
अमरकंटक में महाशिवरात्रि का महत्व मां नर्मदा को शंकरी अर्थात भगवान शंकर की पुत्री कहा जाता है। अन्य नदियो से विपरीत नर्मदा से निकले हुए पत्थरों को शिव का रूप माना जाता है, ये स्वयं प्राण प्रतिष्ठित होते है अर्थात नर्मदा के पत्थरों को प्राण प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसी कारण देश में ही नही विदेशों में भी नर्मदा से निकले हुए पत्थरो की शिवलिंग के रुप में सर्वाधित मान्यता है। जिसके कारण अमरकंटक में महाशिवरात्रि का बड़ा महत्व है। वहीं वेदों के अनुसार महाशिवरात्रि के मौके पर शिव की पूजा-अर्चना करने से मानव को मोक्ष की प्राप्ती होती है। मान्यता यह भी है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। जबकि अन्य मान्यताओं में इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। इस मौके पर नर्मदा सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर माता नर्मदा एवं शिव को जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि के साथ अपने परिजनों की मनोकामना पूरी होने का वर मांगा। बताया जाता है कि अमरकंटक में महाशिवरात्रि के मौके पर हजारों शिवभक्तों ने मां नर्मदा उद्गम कुंड में स्नानकर पूजा अर्चना की। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर जिला मुख्यालय अनूपपुर के शंकर मंदिर, तिपान शिव मंदिर, रामजानकी मंदिर, बुढ़ी माई मढिय़ा मंदिर, ठाकुरबाबा धाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही। सभी मंदिरो में भंडारा शाम तक बटता रहा। सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्थ् पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के मार्गदर्शन में अमरकंटक मेले में पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है। प्रत्येक सेक्टर का प्रभारी राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ती, सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था का प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को बनाया गया है। एसडीओपी पुष्पराजगढ़ आशीष भराडे, एसडीओपी कोतमा शिवेन्द्र सिंह एवं 08 निरीक्षक सहित 300 का बल सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। इसके अतिरिक्त बी.डी.डी.एस. की टीम एवं पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा भी समस्त धार्मिक स्थानों एवं मेला क्षेत्र की चेकिंग कराई जा रहीं है। घाटों में मोटर बोट, लाईफ जैकेट एवं संकेतक की पर्याप्त व्यवस्था सहित नाईट पेट्रोलिंग की व्यवस्था भी की जा रहीं है। अस्थाई मेला कन्ट्रोल,पब्लिक अनाउन्समेंट सिस्टम के माध्यम से निरंतर मानीटरिंग की जा रही है। मंदिरों, मेला क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था सुनिष्चित रहे इसके लिए पृथक से पेट्रोलिंग व्यवस्था लगाई गई है। शिवलहरा मेले पर उमड़ी भीड़ भालूमाड़ा के अघोरी बाबा, हनुमान मंदिर, राम-जानकी मंदिर, अमन चौक, लाइन दफाई सहित अनेक मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना किए। कुछ स्थानों पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। जबकि ऐतिहासिक पाडंवकालीन नागवंशी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध केवई नदी तट स्थित शिवलहरा मंदिर धाम में दो दिवसीय मेला प्रारंभ हुआ, जहां सुबह से ही लोग केवई नदी में स्नान कर शिव को जल चढ़ाएं। यहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। दूरदराज से मेला में आने वाले लोगों ने भी दर्शन कर पूजा-अर्चना किए। मेले में सुरक्षा के लिए भालूमाड़ा पुलिस के साथ आसपास के थानों का बल व जिला प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा कोतमा नगर में भी महाशिवरात्रि पर्व की धूम रही। श्रद्वालुओं द्वारा भोले नाथ के मंिदरो में पहुंच बेल, फूल, धतूरा, बेर, मदार के फूल लेकर अर्पण कराया गया। इस दौरान जगह-जगह शिवजी का रुद्राभिषेक का आयोजन भी होता रहा। नगर के श्री गौरीशंकर मंदिर, बस स्टैंड परिसर, धर्मशाला मंदिर, विकास नगर, लहसुई कैम्प सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी भगवान भोले नाथ के जयकारो की गूंज बनी रही। इसी तरह जैतहरी के वार्ड 3 में स्थापित सिद्धबाबा डोंगरिया में भव्य मेला का आयोजन किया गया।

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