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बुधवार, 27 जुलाई 2022

सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर पंचायत के खाते से राशि का आहरण करने वाले सचिव सहित 03 को 10-10 वर्ष का कारावास

मामला जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत कांसा का अनूपपुर। अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर आरपी सेवेतिया की न्यायालय ने थाना कोतवाली अनूपपुर के धारा 467, 468, 409, 420, 471, 34, 120बी भादवि के प्रकरण में आरोपित 26 वर्षीय भूपेन्द्रक कुमार पटेल पुत्र नरेश प्रसाद पटेल निवासी ग्राम कांसा, 50 वर्षीय प्रेम सिंह कंवर पुत्र स्वआ.धनीराम कंवर निवासी ढोडहा तराई, थाना कोरबा जिला कोरबा छ.ग., 37 वर्षीय मोहन सिंह राठौर पुत्र महिपत सिंह राठौर, निवासी अनूपपुर, 26 वर्षीय क्रत्यरन्ज.यनाथ पटेल पुत्र हरीनाथ पटैल, निवासी दुलहरा अनूपपुर को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 74000/- रू. के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। पैरवी लोक अभियोजक दुर्गेन्द्रा सिंह भदौरिया ने की। ज्ञात हो कि भूपेन्द्र् पटेल भाजपा मंडल अनूपपुर का मिडिया प्रभारी हैं। अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पचायत कांसा अन्तोर्गत आने वाले ग्रामों तथा जनमानस के उत्थारन व प्रगति के लिए शासन द्वारा समय पर दी जाने वाली राशि का उपयोग किये जाने के संबंध में सेन्ट्र ल ग्रामीण बैंक के शाखा अनूपपुर में चुनाव से निर्वाचित सरपंच एवं सचिव के संयुक्ति खाते को संचालित किये जाने के दौरान राशि को आहरित करने के लिए बैंक ने चेक बुक जारी की जिसके संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच बिरासा बाई को यह जानकारी लगी कि चेक क्र. 227026 एवं 227027 के माध्य म से पंचायत की राशि निकाली गई। जबकि उसने किसी भी राशि निकाले जाने के संबंध में चेक पर कोई हस्ता क्षर नहीं की, संदेह होने पर कलेक्ट र एवं पुलिस अधीक्षक तथा अपने विभाग को जानकारी दी, जिसके आधार पर थाना अनूपपुर में अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लेते हुए विवेचना के साक्षियों के कथन कर विवादित चेकों को तथा उससे संबंधित अभिलेख को सबूत जब्तध करते हुए आरोपितों के विरूद्ध अपराध किया जाना पाये जाने पर उनके विरूद्ध अनुसंधान समाप्ति पर न्यातयालय में प्रस्तुएत किया गया। जहां अभियोजन यह संदेह से परे प्रमाणित करने में सफल रहा है कि 12 मई 10 से 16 मई 10 के मध्य आरोपितों ने बेईमानी कर नगद राशि को प्राप्तल करने हेतु आपराधिक षडयंत्र करते हुए अपने पर न्य1स्तत विवादित चेकों के माध्यजम से राशि आहरित की। न्या यालय ने अपने आदेश में कहा कि आरोपितों को जिस मामले में दोषी ठहराया गया है, वह किसी व्य।क्ति विशेष के प्रति नहीं है, बल्कि समाज के प्रति होने वाले आर्थिक एवं सामाजिक अपराध है, आरोपित भूपेन्द्रक पटेल एवं प्रेमसिंह गांव के सचिव जैसे महत्व पूर्ण पद में रहते हुए अपने में न्यास्तह की गई राशि को कूटरचित दस्ताूवेज तैयार कर मोहन सिंह राठौर व कृत्य्न्ज्यनाथ पटेल के माध्यसम से चेक को बैंक में प्रस्तुेत कर राशि आहरित की है, इस प्रकार सभी आरोपित द्वारा जिस प्रकार का अपराध किया गया है, उससे यह प्रतीत होता हैं कि ग्रामीणों के लिए शासन द्वारा पंचायत के खातों में दी जाने वाली राशि से योजना बनाकर ग्रामीणों तक पहुंचा सके, जिसमें ग्राम पंचायत सचिव अपना महत्वतपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मामले में सचिव द्वारा ही शासकीय राशि का कूटरचित दस्तातवेज के आधार पर सरपंच के फर्जी हस्ताहक्षर करते हुए चेक जारी की, जिससे राशि आहरित हुई, ऐसी स्थिति में उन्हें कठोर कारावास एवं प्रावधानित दण्डा से मय अर्थदण्डच के दण्डित किया जाना उचित प्रतीत होता है।

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