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रविवार, 2 अक्तूबर 2022

आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल रोग के प्रति जागरूकता अभियान चलाएं- राज्यपाल

सिकल सेल से बचाओ विषय पर जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में आयोजित हुआ सेमिनार अनूपपुर। सिकल सेल की बीमारी एक अनुवांशिकी बीमारी है। सिकल सेल की बीमारी से बचाव के लिए मध्यप्रदेश में समन्वित प्रयास होना चाहिए। सिकलसेल की बीमारी के विषय में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है, सिकल सेल की बीमारी किन कारणों से होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है, इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। प्रदेश में सिकलसेल की बीमारी को समाप्त करने के लिए विश्वविद्यालयों में शोध होना चाहिए तथा शोध के परिणाम जनमानस तक पहुंचाना चाहिए। इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक द्वारा सिकल सेल की बीमारी के बचाव के लिए अच्छा शोध कार्य कर रही है। अन्य विश्वविद्यालयों को भी शोध करना चाहिए। 2 अक्टूीबर शनिवार को प्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में सिकल सेल पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहें थे। राज्यपाल कहा कि कोरोना महामारी 100 साल बाद आई है, जिसके बचाव के लिए निरंतर प्रयास किए गए किंतु सिकलसेल बीमारी कई सालों से है, जिस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया इस बीमारी से लड़ने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। गुजरात में सिकलसेल की बीमारी में कमी आई है। मध्यप्रदेश में भी बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करना होगा तथा समाप्त करने के लिए प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि सिकलसेल बीमारी को समाप्त करने के लिए पहली बैठक राज्य भवन में हुई, दूसरी बैठक झाबुआ में हुई, तीसरी बैठक खरगोन में बुलाई गई और चौथी बैठक जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक सिकलसेल बीमारी के बचाव के लिए बेहतर से बेहतर प्रयास करें। मध्यप्रदेश के झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में सिकलसेल बीमारी से बचाव के लिए कार्य प्रारंभ हो गए हैं, मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य एवं अन्य जिलों में भी सिकल सेल के प्रति जागरूक करने तथा गर्भवती महिलाओं का स्क्रीनिंग का कार्य प्रारंभ कराएं। युवाओं के विवाह के समय देखने की आवश्यकता है कि कहीं दंपत्ति में से कोई सिकल सेल से पीड़ित तो नहीं है, इसी प्रकार मां के गर्भ की जांच होनी चाहिए तभी सिकलसेल बीमारी से बचा जा सकता है। गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग होने से भी सिकल सेल रोग का पता लगाया जा सकता है। प्रसूति के बाद 72 घंटे में जांच करने पर भी सिकलसेल से पीड़ित बच्चे को राहत दिया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि सिकलसेल बीमारी अनुवांशिकी बीमारी है इस बीमारी के संबंध में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सिकलसेल बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़-नाटकों के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अच्छी फिल्में भी बनाई जाएं तथा फिल्मों का प्रदर्शन प्राथमिकता के साथ जनजातीय बहुल क्षेत्रों में किया जाए। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि सिकलसेल की बीमारी के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है, इसके संबंध में चिकित्सकों को भी समुचित जानकारी होनी चाहिए। इसकी जांच ढंग से हो और दवाइयां भी उपलब्ध होनी चाहिए। कुलाधिपति मुकुंद ईश्वरलाल शाह ने कहा कि राज्यपाल सिकलसेल रोग के विषय में किसी डॉक्टर से भी ज्यादा जानकारी रखते हैं। सिकलसेल बीमारी के प्रति लोगों को जागरूकता आवश्यक है। जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक जनजातियों की कला, साहित्य, संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है तथा जनजातीय समुदाय को जागरूक करने का भी कार्य कर रहा है। कुलपति जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक जनजाति के शौर्य पर लेखन का कार्य कर रहा है, वन औषधि के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोगिक प्रशिक्षण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। सेमिनार में सांसद हिमाद्री सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, सिकल सेल प्रकोष्ठ के संयोजक दीपक खांडेकर, शहडोल संभागायुक्त राजीव शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन डी.सी. सागर, कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। जिले के दो दिवसीय प्रवास के तहत माननीय राज्यपाल का हुआ आगमन
हेलीपैड पर जनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने किया स्वागत इसके पूर्व मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल रविवार को प्रातः 10:30 बजे अनूपपुर जिले के दो दिवसीय प्रवास के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक हेलीपैड पहुंचे जहां राज्यपाल का इंगांराजविवि के हेलीपैड में प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री बिसाहूलाल सिंह, सांसद हिमाद्री सिंह, संभागायुक्ती राजीव शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर, कलेक्टर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ मुकुल शाह, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रकाश मणि त्रिपाठी ने गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया।
राज्यपाल से बैगा बालिकाओं ने भेंट कर किया संवाद, की प्रशंसा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बालिकाओं के शैक्षणिक उत्थान के लिए संचालित शारदा विद्यापीठ पोड़की में अध्ययनरत छात्राओं ने जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के सभागार में रविवार को कार्यक्रम के पश्चात मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल से भेंट की। इस अवसर पर शारदा कन्यापीठ पोड़की के शैक्षाणिक स्टाफ व प्रबंध समिति के सदस्य उपस्थित रहें। राज्यपाल ने छात्राओं से संवाद करते हुए सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न किये, जिसका छात्राओं ने बेबाकी से जवाब दिया, जिसकी राज्यपाल ने सराहना की। इस अवसर पर छात्राओं ने संस्कृत में सरस्वती वाचन किया। जिसको सुनकर राज्यपाल ने छोटी-छोटी बच्चियों की मुक्तकंठ से प्रसंशा की। राज्यपाल ने बच्चियों को खूब मन लगाकर पढ़ाई करने तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की शुभकामनाएं दी।

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