अनूपपुर। आगामी जनगणना को जातिगत आधार पर कराने के लिए यादव महासभा का प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया हैं कि देश में आखिरी बार जातिगत जनगणना 1931 में की गई थी, जिसके आधार पर पिछड़ा वर्ग की संख्या एवं स्वरूप को माना जा रहा हैं। 90 वर्षों में ओबीसी की संख्या का स्वरूप बहुत बदलाव हुआ है जिसमें सैकड़ों नई जातियों को इसमें शामिल किया गया हैं। पिछड़ा वर्ग की भलाई के लिए केंद्र सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों द्वारा पिछड़ा वर्ग के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं के सही ढंग से क्रियान्वयन एवं जनसंख्या के आधार पर समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए जातिगत जनगणना की आवश्यकता हैं।
महासभा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य निरंजन यादव ने बताया कि पिछड़ा वर्ग राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रमुख स्तंभ और राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रखर आवाज हैं। यादव महासभा प्रधानमंत्री से अपेक्षा करती है कि भारत सरकार जनगणना 2022 को जातिगत आधारित करवायें। साथ ही यादव महासभा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में ऑल इंडिया कोटे में पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया। पिछड़ा वर्ग कमीशन को संवैधानिक दर्जा, मेडिकल प्रवेश,नीट परीक्षा में आरक्षण के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट,एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्तियों में समाज के छात्रों के लिए नए नियम बनाए गए, जिससे समाज के होनहार छात्रों को फायदा होगा।
ज्ञापन सौंपने में यादव महासभा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य निरंजन यादव,संभाग प्रभारी गोवर्धन यादव, युवा जिला अध्यक्ष मोहन यादव, जिला उपाध्यक्ष सुरेश यादव, चंद्रशेखर यादव, भूरा यादव, कुंभलाल यादव, शकुंतला यादव, सुरेश यादव, शिवदयाल यादव, संतोष यादव, शीतल यादव,तेजभान यादव, छोटेलाल यादव, लालदास यादव,नरेश यादव, श्यामकरण यादव, केशव यादव, सुनील यादव,रमेश यादव,अमर लाल यादव,अश्विनी यादव, हरि यादव सहित समाज के अन्य जन शामिल रहें।
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