आंदोलन की चेतावनी,एसडीएम ने दिया आश्वासन
अनूपपुर। इंदिरागांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में स्थानीय एवं जनजाति छात्रों को प्रवेश से वंचित किए जाने एवं छात्रावास घोटाला, पीएचडी घोटाला, धोखाधड़ी, कूटरचना कूटरचित दस्तावेजों की जांच करवाने एसडीएम पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी को सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन रविवार को सौंपा है। जिसमें विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही इस मामले में दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सही ढंग से जांच नहीं करने पर विवि गेट पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों के ज्ञापन पर एसडीएम ने जांच कर कार्रवाई के आश्वासन दिए हैं। वहीं ज्ञापन की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, प्रदेश मुख्यमंत्री को भी भेजा गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जनजाति विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर घोटाला किया जा रहा है, लेकिन जब घोटाला की जांच करने कोई जाता है तो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जांच अधिकारी को गुमराह कर देते हैं। एसडीएम अभिषेक चौधरी ने बताया कि ज्ञापन मिला है, मामले में जांच की जाएगी। जबकि दूसरी ओर विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी द्वारा इस आरोप को निराधार बताते हुए मामले में प्रबंधन समिति के साथ चर्चा करने की बात कही है। अधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से विश्वविद्यालय की गतिविधियां बंद है। बच्चों का नामांकन हुआ नहीं है। जिसके कारण इन दो साल में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। पूर्व के मामले में जांच भी हुई और इसे निराधार पाया गया है। फिर भी मामले को प्रबंधन के समक्ष रखा जाएगा।
सहीं तरीके से नहीं हुई जांच
ग्रामीणों का आरोप है कि मामले की अधिकारियों द्वारा सही जांच नहीं की गई है। वहीं इस प्रकरण में हाईकोर्ट से किसी को भी आज तक दोषमुक्त नहीं किया गया है और ना ही इन आरोपों को निराधार बताया है। प्रकरणों से संबंधित फाइल को जप्त कर जांच होगी तो सभी प्रमाण एवं साक्ष्य मिल जाएगे। ज्ञापन में बताया कि विश्वविद्यालय में पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय एवं जनजाति छात्रों को प्रवेश से वंचित किया जा रहा है तथा प्रवेश सीटों की संख्या कम कर दी गई है। पीएचडी घोटाला करके अपने परिचितों को लाभ दिया गया है। केवल दसवी पास लडक़ी को पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा में बायो टेक्नॉलोजी विषय की ऑल इंडिया टॉपर बना दिया गया है। साथ ही पीएचडी की कोर्स वर्क की परीक्षा पास करा दिया तथा शोध उपाधि समिति से भी अनुमोदन दे दिया है।
100 सीटर का नहीं बना छात्रावास
3 दिसम्बर 2014 को जारी पत्र में ओबीसी छात्रों के लिए 100 सीट तथा 100 सीट की दो हॉस्टल बनाने के लिए आईजीएनटीयू को केंद्रीय सहयोग राशि रुपए पांच करोड़ चालीस लाख भेजा गया। जिसमें तीन करोड़ की अतिरिक्त राशि लगाकर दूसरा निर्माण किया गया। और विवि ने भारत सरकार को झूठी एवं बनावटी जानकारी भेजकर बताया कि ओबीसी छात्रों के लिए 100 सीट तथा 100 सीट की दो हॉस्टल बन गई है। और 200 ओबीसी छात्रों के नाम की फर्जी लिस्ट भारत सरकार को भेजी गई है जबकि ओबीसी छात्रों के लिए ना तो हॉस्टल बना है ना ही उसमें ओबीसी छात्रों ने शिफ्ट किया हैं।
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