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बुधवार, 4 अगस्त 2021

अनूपपुर: 52 किमी सडक़ के निर्माण के लिए 3 वर्ष 4 टेंडर, कार्यदेश के बाद भी नहीं हो सका प्रारभ्भ


दो विभागों के बीच फंसा पेंच
,पीडब्ल्यूडी फंसा रहा पेंच

अनूपपुर। पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत आज भी सडक़ों की समस्याओं से जूझ रहा है। दशकों से ग्रेवल या डामरयुक्त बनी सडक़ का दोबारा निर्माण कार्य आरभ्भ नहीं होने से ११९ ग्राम पंचायतों के साथ डिंडौरी और शहडोल जिले की सीमाओं को छूने वाली सडक़ आज भी बदहाल बनी हुई है। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पुष्पराजगढ़ को सडक़ों के जाल से जोडऩे घोषित की गई सडक़ों में शामिल पटना (लांघाटोला)-सरई-केलमनिया मार्ग भी शामिल है। जो पिछले तीन साल से लगातार जारी हो रहे टेंडर के बाद भी अब तक सडक़ निर्माण कार्य से वंचित है।

बताया जाता है कि इस सडक़ के निर्माण में भी लगातार आदेशों और निविदाओं ने इसे उलझाए रखा। जिसके कारण तीन साल बाद भी सडक़ का निर्माण कार्य आर भ नहीं हुआ है। अब एमपीआरडीसी द्वारा जारी किए गए टेंडर में बुढ़ार की सिंघानिया कंपनी ने सडक़ निर्माण की जिम्मेदारी उठाई है। जिसका सर्वे कार्य चल रहा है। लेकिन निर्माण कार्य कंपनी ने अब तक आरभ्भ नहीं किया है। विभागीय जानकारी के अनुसार पूर्व में पटना ग्राम पंचायत के लांघाटोला से करपा- अहिरगवां, केलमनिया घाट से नीचे अंतरा(शहडोल) 52 किलोमीटर लम्बी सडक़ को पीएमजीवाइएस को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके वर्ष 2019-20 में इसे शासन ने निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी। लेकिन अधिक बजट और निर्माण को देखते हुए इसे एमपीआरडीसी को हस्तांतरित कर दिया गया। जिसमें सालभर बाद भी एमपीआरडीसी विभाग द्वारा सडक़ का निर्माण नहीं कराया जा सका है। माना जाता है कि इस ५२ किलोमीटर ल बी मार्ग के निर्माण के लिए एमपीआरडीसी के जारी टेंडर में लगभग १५० करोड़ की लागत निर्धारित की गई है।

सडक़ की बदहाली से ७५ से अधिक गांव प्रभावित

विभागीय जानकारी के अनुसार बजट और टेंडर के अभाव में पटना-करपा मार्ग पर दशक से निर्माण कार्य या मेंटनेंस वर्क नहीं हुआ है। जिसके कारण यह मार्ग पूरी तरह से गड्ढों व बेस के अवशेषों तक बची है। इसमें भारी वाहनों को गुजरने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, लेकिन छोटी कार, बाइक सहित साइकिल सवार लोगों के लिए मुश्किल भरा डगर बना हुआ है। पैदल यात्रियों को भी सडक़ के किनारे उतरकर चलना पड़ता है। इससे लगभग पुष्पराजगढ़ विकासखंड की ११९ ग्राम पंचायतों में से ७५ से अधिक गांव प्रभावित हैं।

तीन सालों में चार टेंडर, पीडब्ल्यूडी लगा रहा पेंच

पीडब्ल्यूडी विभाग के अनुसार इस सडक़ के निर्माण के लिए तीन साल पूर्व टेंडर जारी किए गए थे। जिसमें मात्र एक निविदा मिला था, इसमें कंपनी द्वारा अधिक दर लगाया था। जिसे निरस्त कर दिया गया। वहीं दूसरी और तीसरी बार जारी हुए टेंडर में कोई कंपनी सामने नहीं आई। अब चौथी टेंडर में सिंघानिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा गया है। लेकिन सालभर से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित होने के बाद तत्काल ही एमपीआरडीसी को जिम्मेदारी सौंपे जाने पर अब भी लोक निर्माण विभाग द्वारा पेंच वर्क कार्य कराया जा रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जितनी बजट राशि पेंचवर्क के लिए आवंटित होती है, वह बुरी तरह से बदहाल सडक़ के पेंचवर्क को पूरा करने में अपर्याप्त साबित हो रहा है।

एसडीओ पीडब्ल्यूडी पुष्पराजगढ पंकज बागरी का कहना हैं कि पूर्व में जारी टेंडर में कार्य नहीं हुए थे, अब एमपीआरडीसी द्वारा नए टेंडर में वर्क कराया जा रहा है। सडक़ के सर्वेक्षण का कार्य जारी है। कार्य विलम्बता में एमपीआरडीसी ही इस सम्बंध में कुछ बता पाएगी।

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