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गुरुवार, 19 अगस्त 2021

जनपद कोतमा के 7 ग्राम पंचायतों में फर्जी फर्म को किया गया 21 लाख का भुगतान

संचालक बना मजदूर, दुकान का पता नही कोतमा। जनपद कोतमा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतो में विकास कार्यो एवं कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर भर्रेशाही मची हुई है। इन योजनाओं के नाम पर अधिकारी, कर्मचारियों सहित प्रधान व सचिव मिलीभगत कर शासकीय रूपयों की बंदरबांट करने में लगे हुए है। मामला जनपद पंचायत कोतमा के 7 ग्राम पंचायतों का है, जहां फर्जी फर्म और जीएसटी नंबर के सहारे 21 लाख का भुगतान किया गया है और सबसे बड़ी बात फर्म संचालक का नाम जॉब कार्ड में जोड़ कर उसे मजदूर बनाते हुए उसे मजदूरी का भुगतान भी किया गया है। फर्जी फर्म और जीएसटी के सहारे भुगतान जनपद पंचायत कोतमा अंतर्गत ग्राम पंचायत सिलपुर, सारंगगढ़, बेलियाछोट, विचारपुर, उरतान, गोडारू में मटेरियल सप्लायर गिट्टी, सीमेंट, रेत, रॉड, ईंट, मुरूम एवं अन्य सामग्री खरीदी के नाम पर ग्राम पंचायत के प्रधान और सचिव ने मिली भगत कर बिलों में जीएसटी नंबर के साथ छेड़छाड़ कर एक ही जीएसटी नंबर के सहारे उमेश शर्मा ग्राम पंचायत गोडारू निवासी द्वारा सातों ग्राम पंचायतों में फर्जी फर्म उमेश ट्रेडर्स का जीएसटी नंबर जय माता दी ट्रेडर्स में उपयोग कर लाखो रुपए का भुगतान प्राप्त किया गया। जिसमें उक्त ग्राम पंचायतों के सचिवों की मिलीभगत स्पष्ट दिख रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उमेश ट्रेडर्स और जय माता जी ट्रेडर्स के नाम की बिल में अंकित पते पर कोई भी दुकान या फर्म ही संचालित नही है। फर्जी फर्म को किया गया 21 लाख का भुगतान जनपद कोतमा के ग्राम पंचायत सिलपुर में वर्ष 2021 में लगभग 60,890 रूपए, सारंगगढ़ में लगभग 66,470, बेलियाछोट में 8,98,800, विचारपुर में 5,63,695, उरतान में 79,510, गोडारू में 4,70,300 रूपए का भुगतान मे. जय माता दी ट्रेडर्स एवं उमेश ट्रेडर्स फर्म के नाम से कुल 21,39,666 रुपए बीते 6 महीनो में भुगतान सचिवों ने अपने चहेते फर्म का करते हुए शासकीय पैसे का बंदरबांट किया गया जिसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को होने के बावजूद उन्होने मौन स्वीकृति धारण किए हुए है। फर्म संचालक बना मजदूर ग्राम पंचायत गोडारू निवासी उमेश शर्मा के साथ सचिव ने सांठगांठ कर अपने ग्राम पंचायत गोडारू में पहले जॉब कार्ड क्रमांक एमपी-46-001-012-001/137 बनवाकर लगभग 10 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान भी ले लिया गया है। उसके पश्चात 7 ग्राम पंचायतों से मटेरियल सप्लायर के 2 फर्म का एक ही जीएसटी नंबर के सहारे लगभग 21 लाख रुपए का भुगतान ग्राम पंचायतों से अपने खाते पर निर्माण सामग्री सप्लायर के नाम पर कराया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ ग्राम पंचायतों में इनके द्वारा ठेकेदारी भी की जा रही हैं और कागजों में निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत बनी हुई है। राजेंद्र त्रिपाठी, सीईओ जनपद कोतमा जानकारी मिली है, मैं सातों ग्राम पंचायत में उक्त दोनो फर्म के जीएसटी नंबर और बिलो की जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जायेंगी।

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