विषयक पर सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन
अनूपपुर। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के योग संकाय/योग विभाग एवं विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय,मेघालय के फिजियोथेरेपी विभाग के द्वारा कोरोना के कारण व्यक्तित्व विकास मे संकट को दूर करने के लिए योग विषयक पर सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें।
विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार प्रो.सुरेश लाल वर्णवाल ने कहा कि योग व्यक्तित्व के बदलाव मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कोरोना के कारण उत्पन्न संकट मे योग हमारे लिए नए अवसर दिला सकता है। हमे नियमित रूप से योगाभ्यास करने की आवश्यकता है।
विभागाध्यक्ष, हिमालय विश्वविद्यालय, शिमला एवं पूर्व संकायाध्यक्ष योग पतंजलि विश्वविद्यालय,हरिद्वार प्रो. जीडी शर्मा पूर्व ने कहा कि योग एक ऐसी विद्या है को हमे अंदर एवं बाहर दोनों तरफ से संतुलित कर सकता है। मानव मे समग्र विकास मे योग बहुत ही उपयोगी है।
मंगलवार के सत्र कि अध्यक्षता करते हुये योग भारती, यूयसए के संस्थापक प्रो.एनवी रघुराम ने कहा कि योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान तनाव एवं अवसाद मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्होने वेदों, उपनिषदों से अनेक द्र्ष्टांत देकर इसके बारे मे विस्तार पूर्वक बताया। साउंड माइंड रेजोनेन्स तकनीकी एवं साइक्लिक ध्यान कि वैज्ञानिकता के बारे मे भी बताया।
कार्यक्रम मे प्रो. आलोक श्रोत्रिय, प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा, डॉ पूजा चौधरी, डॉ. प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ. श्याम सुंदर पाल, डॉ संदीप ठाकरे,डॉ नीलम श्रीवास्तव, अंशुमान दत्ता, अरविंद गौतम, गुरुनाथ करनाल, विवेक नेगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। धन्यवाद डॉ क्लौरे मुखिम दोन्ना सहायक प्राध्यापक, फिजियोथेरेपी विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय द्वारा किया गया।
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