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सोमवार, 15 अप्रैल 2024

विशेष न्यायालय का फैसला: शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिये आजीवन कारावास, 1.33 हजार का जुर्माना

 


नाबालिक का अपहरण कर किया दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन कराना चाहता था आरोपी

अनूपपुर। विशेष न्यायालय (अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) रविन्दर सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपपुर की न्यायालय ने थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध की धारा 363, 363ए, 376(2)एन, 5एल/6 पॉक्सो एक्ट, 3(2)5 एससी एसटी एक्ट, 3(1)डब्ल्यू (II) एससी एसटी एक्ट तथा म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का आरोपी 35 वर्षीय सैय्यद असगर अली पुत्र सैय्यद ताजुद्दीन अली निवासी पुरानी बस्ती अनूपपुर को शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिये आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। वहीं 1 लाख 33 हजार रूपयें के जुर्माने का आदेश दिया हैं। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक हेमन्त अग्रवाल द्वारा की गई।

प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने सोमवार को बताया कि 10 जून 2021 को 16 वर्ष 05 माह की नाबालिग बालिका के लापता हो जाने पर पिता द्वारा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखवाई। अन्वेषण के दौरान घटना के लगभग 50 दिन पश्चात पीडिता के मिलने पर पीडिता ने बताया कि आरोपी असगर शादी का झांसा देकर अंबिकापुर ले गया और वहां उसके साथ उसने कई बार बलात्कार किया और धर्म परिवर्तन कराए जाने की बात कहीं, जिसके आधार पर प्रकरण में अपराध से संबंधित धाराओं को बढ़ाने हुए, पीडिता सहित साक्षियों के कथन लेखबद्ध कर, आवश्यक वैज्ञानिक साक्ष्य का संकलन कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया गया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने और अभिलेख पर आए समस्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई। वहीं घटना के समय पीडिता 16 वर्ष की बालिका थी जबकि आरोपी 35 वर्ष का था, जिस पर न्यायालय ने दण्ड के साथ पीडिता के पुर्नवास के लिये प्रतिकर दिए जाने निर्देशित किया, साथ ही अपराध में प्रयुक्त बाईक को विक्रय कर विक्रय की राशि को भी राजसात किये जाने का आदेश दिया।

आरोपित को अलग-अलग धाराओं में शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिये आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। जिसम धारा 363 में 02 वर्ष 2000 रू., 363ए भादवि में 5 वर्ष 5000 रू., 376(2)एन भादवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृत जीवन काल तक आजीवन कारावास व 50000 रू., 3(2)5 एससी एसटी एक्ट में आजीवन कारावास व 25000 रू. 3(1)डब्ल्यू (II) एससी एसटी एक्ट में 01 वर्ष व 1000 रू. तथा म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में 02 वर्ष एवं 50000 रू. के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किया गया। 1 अगस्त को गिरफ्तारी से अभी तक न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध था।

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