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शनिवार, 6 अप्रैल 2024

नर्सिंग कॉलेजों में सीबीआई का कसता शिकंजा: तीसरे दिन मॉडर्न नर्सिंग कॉलेज राजेंद्रग्राम में खंगाले जा रहे दस्तावेज


नियमों को दर किनार कर कम जगह में बनाया कॉलेज, लैब भी नहीं मिली, संचालक मोहित तोमर सीबीआई टीम को नहीं दे पा रहें सहीं जबाब

अनूपपुर। हाईकोर्ट की ग्‍वालियर खंडपीड के आदेश के बाद प्रदेश भर में नियम विरुद्ध संचालित नर्सिंग कॉलेजों पर सीबीआई ने छापामारी कार्रवाई हो रही हैं। अनूपपुर जिले में लगातार तीसरे दिने शनिवार 6 अप्रैल को पुष्पराजगढ़ के राजेंद्रग्राम स्थित मॉडर्न नर्सिंग कॉलेज में सीबीआई की टीम ने छापामारी कर कॉलेज के रिकॉर्ड खंगाल रहीं हैं।

ज्ञात हो कि सीबीआई की टीम ने 5 अप्रैल को करियर नर्सिंग कॉलेज पर कार्रवाई की थी। इस दौरान सीबीआई को जांच में करियर नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग नहीं मिली। एक घर में नर्सिंग कॉलेज का बोर्ड लगाया गया था। शुक्रवार जिला मुख्‍यलाय के संजीवनी नर्सिंग और करियर नर्सिंग कॉलेज में छापामारी कर कॉलेज के रिकॉर्ड खंगाल चुकी हैं। गौरतलब है कि नर्सिंग कॉलेज संचालन में भारी अनियमितता की शिकायत मिली थी जिसे न्यायालय के संज्ञान में लाया गया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने इसकी जांच करने सीबीआई को जिम्मेदारी दी गई।

जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत राजेंद्रग्राम में मोहित तोमर द्वारा संचालित मॉडर्न नर्सिंग कॉलेज में शनिवार की सुबह से सीबीआई की 5 सदस्यी टीम में छापामार कार्रवाई कर कॉलेज के रिकॉर्ड खंगाल रहीं हैं। जिले में कई नर्सिंग कॉलेज के पास भवन, लैब की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। जिले में एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग कॉलेज, पीजीडीसीए और अन्य तरह के कोर्स संचालित हो रहे हैं। तय पैमाने के अनुसार नर्सिंग कॉलेज संचालित नहीं होने पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को इसकी जांच सौंप थी। इसके बाद सीबीआई लगातार नर्सिंग कॉलेज का जांच कर रही हैं।

जानकारी अनुसार मॉडर्न नर्सिंग कॉलेज का किसी भी संस्था से कोई संबंध नहीं है। इसकी जानकारी या उल्लेख किसी भी बैनर पोस्टर में देखने को नहीं मिला हैं। सीबीआई की टीम की जानकारी के बाद मॉडर्न नर्सिंग कॉलेज के संचालक ने आनन-फानन में सामने खड़ी बस में अपना बैनर लगा नर्सिंग कॉलेज की जानकारी उजागर की। बताया जा रहा हं कि कॉलेज के पास खुद का कोई भवन नहीं है। किसी प्रकार के लैब चिकित्‍सा उपकरण और न ही प्रथमिक उचचार की सुविधा नहीं हैं। जबकि नियमानुसार नर्सिंग कॉलेज के लिए लगभग 24 हजार वर्ग फिट एरिया में निर्माण का होना जरूरी है और हजार हजार वर्ग फिट में सात लैबों का संचालन होना चाहिए। क्लास रूम की व्यवस्था होनी चाहिए। इस तरह के कॉलेज महज कागजों में संचालित होते हैं। 6 वर्ष से जिले में संचालित निजी नर्सिंग कॉलेज प्रशासन की साठ- गांठ कर संचालित किया जा रहा है।

नियम विरुद्ध चल रहे नर्सिंग कॉलेजो सीबीआई ने पहले भी शासकीय नर्सिंग कॉलेज के अलावा 4 निजी कालेजों में छापामारी कर रिकार्ड खंगाले हैं।

आदिवासी अंचल में बिना व्यवस्थाओं के नर्सिंग कॉलेजों के संचालन हो रहें हैं। आदिवासी अंचल में फर्जी तरीके से कॉलेजों के संचालन कर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। जिस पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई की टीम ने छापामारी की है। जहां सभी बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। हालांकि इस विषय में अभी सीबीआई ने अपनी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

तीन वर्ष पहले उजागर हुआ था घोटाला

बता दे कि लगभग चार वर्ष पहले ग्वालियर में शिकायत के बाद मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज का बड़ा घोटाला उजागर हुआ था। इस घोटाले से तकरीबन 1 लाख छात्र-छात्राओं का भविष्य अब भी दांव पर लगा हुआ है। जानकारी अनुसार कोरोना काल के समय अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश में नियमों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को भी मान्यता दे दी गई थी। इन कॉलेजों के पास न तो पर्याप्त मात्रा में जमीन थी और न ही अस्पताल। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियां मिली थीं। याचिकाकर्ता के शिकायत के आधार पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी है।

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