भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने सुनाई 04 वर्ष की सजा व जुर्माना
अनूपपुर। विशेष न्यायाधीश
पंकज जायसवाल (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की न्यायालय ने विशेष प्रकरण थाना
विशेष पुलिस लोकायुक्त रीवा, भ्रष्टाचार निवारण
अधिनियम की धारा 7, 13(1)डी, 13(2), के आरोपी शैलेन्द्र शर्मा तत्कालीन पटवारी हल्का बरगवां नं.02 तहसील
अनूपपुर के प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार का अपराध प्रमाणित पाने पर 04 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 रू. की राशि का
अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। आरोपी को न्यायालय से तत्काल जेल भेज दिया गया। पैरवी प्रभारी
जिला अभियोजन अधिकारी, विशेष लोक अभियोजक
(लोकायुक्त) हेमन्त अग्रवाल द्वारा की गई।
जिला अभियोजन
अधिकारी ने बताया कि प्रकरण वर्ष 2016 में फरियादिया मीना केवट तत्कालीन बरगवां
गांव की पंच थी, उसके द्वारा गांव के निवासी जो पढ़े लिखे नहीं थे, और वह जिस जमीन पर काबिज थे उसे मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के
अन्तर्गत पट्टा मिलना था जिसके लिये गांव के निवासियों द्वारा समस्त कार्यवाही
हेतु शिकायतकर्ता मीना केवट को अधिकृत किया था, जिसके संबंध में मीना केवट आरोपित पटवारी शैलेन्द्र शर्मा से कई
बार मिले उसके द्वारा पट्टा देने में आना-कानी कर पट्टा संबंधी कागज देने के एवज
में प्रति पट्टा 2000/- रू. की दर से 12000/- रू. रिश्वत की मांग
की, जिसे ग्रमीण देने में असमर्थ थे। ग्रमीण ने मीना केवट के माध्यम से
लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की, जिसके आधार पर
लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपित पटवारी शैलेन्द्र शर्मा को शिकायतकर्ता से रिश्वत
लेते रंगे हाथों पकड़ा,
लोकायुक्त द्वारा सम्पूर्ण विवेचना
पश्चात आवश्यक दस्तावेजी वैज्ञानिक साक्ष्यों का संकलन कर अभियोग पत्र न्यायालय
में प्रस्तुत किया जहां विशेष लोक अभियोजक (लोकायुक्त) द्वारा प्रकरण के सम्पूर्ण
तथ्यों व साक्ष्यों को जानने के बाद व दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात अपराध प्रमाणित
पाये जाने पर सजा सुनाई।
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