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शनिवार, 1 जून 2019

टूटी जीवनदायनी नर्मदा की धार, कुंड का पानी तीन सीढ़ी नीचे खिसका

प्रदूषण और कंक्रीट के जंगलों को लोगो ने बताये कारण
अनूपपुरप्रदेश सहित गुजरात की प्यास बुझाने के साथ किसानो को जीवन देने वाली जीवन दायनी नर्मदा खुद संकट से गुजर रही है। नर्मदा उद्गम स्थल के समीप ही स्थित गायत्री व सावित्री सरोवर पूरी तरह से सूख गई है,यह पहली बार देखने को मिला की नर्मदा की धार अपने उद्गम से ही टूट गई। जब यह हाल अमरकंटक का है तो आगे अंदाजा लगाया जा सकता है। आज जीवन दायनी नर्मदा खुद संकट में हैं। लगातार हरे-भरे पेढ़ो की कटाई व ग्लोबल वार्मिंग की वजह से नर्मदा का जल स्तर दिनों दिन घटता जा रहा है। हालात यह है कि नर्मदा के उद्गम स्थल का जल स्तर ही काफी कम गया है। ऐसे में आगामी दिनो में हालात होंगे आकलन किया जा सकता है। नर्मदा कुण्ड का पानी तीन सीढ़ी नीचे खिसक गया है। गिरते जल स्तर चिंता का विषय बना है। स्थानीय व जिला प्रशासन इसके लिये ठोस कदम नहीं उठा रहे। प्रदूषण व साफ-सफाई के अभाव में जहां नर्मदा पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है वही कंक्रीट के जंगल खड़े होने से असर नर्मदा के उद्गम में पड़ा है। 
अमरकंटक स्थित नर्मदा उद्गम स्थल के समीप ही स्थित गायत्री व सावित्री सरोवर भी पूरी तरह से सूख गई है। इनमें अब एक बूंद पानी भी नहीं बचा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मी के इन दिनो में जल स्तर कितनी तेजी से नीचे खिसक रहा है। इसके लिये जरूरी है कि अमरकंटक क्षेत्र में पक्के निर्माण कार्य पर पूरी तरह रोक लगाई जाये। तेजी से बढ़ रहे आश्रमों में नवनिर्माण को रोका जाये। जीवन दायनी नदी को बचाने कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो निकट भविष्य में इसके घातक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। 

नर्मदा में प्रदूषण भी एक समस्या है नगर व आस-पास के क्षेत्रों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को माना जा रहा है। जानकारों की माने तो यहां के आश्रमों व नगरीय क्षेत्रों का पूरा गंदा पानी इसी में आकर मिलता है। जिस वजह से यह और भी प्रदूषित हो रही है। इसके अलावा आस-पास के क्षेत्रों में कंक्रीट निर्माण यहां के जल स्तर को नीचे गिरा रहा है। जिसे रोकने के लिए अभी तक नगर परिषद ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। गंदगी व जलीय पौधों से पटे नर्मदा के घाट रामघाट में दल-दल नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से राम घाट के लिए जाने वाली जल धारा भी पूरी तरह से सूख गई है। जिस वजह से रामघाट के भी दूर्दिन आ गए हैं। स्थानिय जनों के अनुसार रामघाट का पानी भी पूरी तरह से सूख गया है। अब यहां दल-दल के सिवा कुछ भी नहीं बचा है। एक हिस्सा तो पूरी तरह से सूख गया है। यहां थोड़ा बहुत पानी ही शेष रह गया है। सूखे हुए यह घाट पॉलीथिन व अन्य सामग्री से भरे पटे हैं। जिसकी सफाई के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।
इनका कहना है
मेरे संज्ञान में बात आई है इसके लिये नर्मदा से पानी लेने पर रोक लगाई गई है इसके साथ ही कुंड में पानी डालने की व्यवास्था की जायेगी। जहां नर्मदा धारा टूटने की बात है मै इसकी जानकारी के बाद कुछ कह पाऊगां।
चन्द्रमोहन ठाकुर,कलेक्टर अनूपपुर

नर्मदा किनारे खाली स्थानो में खस घांस व ह्रश्वलांटेशन लगाने की कार्य योजना बनाई गई है। जिस पर शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा। इसके अलावा सावित्री व गंगोत्री सरोवर के ऊपर चेक डैम बनाने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। जिससे कि पानी को रोका जा सके।

सुरेन्द्र सिंह उइके,सीएमओ,नगर परिषद अमरकंटक।

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