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सोमवार, 17 जून 2019

डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध किया उपचार,जताया विरोध

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की मांग में कोलकाता में चिकित्सक पर हिंसक घटना की निंदा
अनूपपुर पंश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर से मारपीट की घटना के बाद सोमवार 17 जून को जिला चिकित्सालय अनूपपुर के डॉक्टरों ने सांकेतिक रूप में काली पट्टी बांध मरीजों का उपचार कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचे डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज जारी रखते हुए 11 बजे समस्त डॉक्टरों की बैठक बुलाई,जहां सभी डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से घोषित किए गए हड़ताल में मप्र. मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन भोपाल के निर्देशन में हड़ताल नहीं करने पर एक राय बनाते हुए ड्यूटी ऑवर में काम कर अपना विरोध जताने पर आम सहमति बनाई। विरोध में डॉक्टरों ने माथे पर पट्टी और बाजू पर काली पट्टी बांध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की मांग में कोलकाता में चिकित्सक पर हुए हिंसक घटना की भत्र्सना की। डॉक्टरों की मुख्य मांगों में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से मारपीट करने पर गैर जमानती अपराध माना जाए, गैर इरादतन हत्या के बराबर का अपराध माना जाए तथा अस्पताल में मरीजों के रिश्तेदारों की संख्या सीमित किए जाए, चोटिल डॉक्टरों को न्यूनतम मुआवजा 20 हजार रूपए या अधिक का प्रावधान और डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट को ज्यादा असरदार बनाया जाए शामिल है। डॉक्टरों का कहना था कि प्रदेश के कुछ स्थानों पर हड़ताल है शेष पर डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस मामले में हमारी ओर से पूर्व में जिला प्रशासन सहित ऐसोसिएशन को हड़ताल करने के सम्बंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जबकि सप्ताह के प्रथम दिन सोमवार को सुबह से ही सैकड़ों की तादाद में मरीज उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंच चुके थे, मरीजों को देखते हुए समस्त डॉक्टरों ने सांकेतिक हड़ताल के रूप में बैठक में व्यतीत हुए समय तथा काली पट्टी बांध सामूहिक रूप में चंद समय के लिए अस्पताल से वॉक आउट के रूप में व्यक्त किया। बैठक के दौरान इलाज के लिए मरीजों की लम्बी कतार ऑपीडी कक्ष के बाहर लग गई थी। कुछ गम्भीर इलाज के आए मरीजों को देखकर डॉक्टरों ने तत्काल अपनी जिम्मेदारी निभाई। हालांकि डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि अगर एक-दो दिनों में शासन की ओर से मामले में अनदेखी की गई और विवाद बढ़ा तो वे भी आगामी दिनों हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। कुल मिलाकर जिला अस्पताल के डॉक्टरों सांकेतिक रूप में विरोध प्रदर्शन करते हुए ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखी।
जिला व पुलिस प्रशासन के आए फोन
अस्पताल सूत्रों के अनुसार सोमवार को डॉक्टरों की होने वाली एकदिनी हड़ताल में डॉक्टरों की ओर से अबतक नहीं दिए गए कोई संकेत पर सुबह से ही जिला प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन और खुफिया विभाग अधिकारियों के फोन डॉक्टरों के पास आने आरम्भ हो गए थे। प्रशासन ने सुबह ९ बजे तक हड़ताल को लेकर स्पष्ट रूख अख्तियार करने की पुष्टि करने के निर्देश दिए। जिसपर डॉक्टरों ने बैठक के उपरांत अपना जवाब प्रस्तुत करने व एसोसिएशन के निर्देशन में मरीजों के इलाज जारी रखने की बात कही। 
सीएस गए भोपाल, कक्ष पर लगा ताला
जिला अस्पताल सिविल सर्जन के कक्ष पर सोमवार को ताला लगा रहा। अस्पताल कर्मचारियों के अनुसार सिविल सर्जन जरूरी बैठक में शामिल होने भोपाल गए हैं। प्रावधानों के अनुसार उनके कक्ष खुले होने चाहिए थे। लेकिन  सुबह से ही उनके कक्ष पर ताला लगा रहा। डॉक्टरों का मानना था कि इस प्रकार की तस्वीर से अन्य डॉक्टरों ने अलग इमेज बनती है।
इनका कहना है
पूर्व में हड़ताल को लेकर कोई जानकारी प्रशासन व एसोसिएशन को हमने नहीं दी। एसोसिएशन के निर्देशन में आज काली पट्टी बांधकर मरीजों का ईलाज करते हुए विरोध दर्ज कराया है।

डॉ.एससी राय,मेडिकल ऑफिसर जिला चिकित्सालय  

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