अनूपपुर।
छत्तीसगढ से होकर उड़ीसा से अनूपपुर जिले में
पहुंच रही गांजे की खेप को जहां छत्तीसगढ़ पुलिस ने मनेन्द्रगढ़ थाना अंतर्गत
सिद्धबाबा घाट के नीचे घेराबंदी कर ४ आरोपियो को पकड़ा कार से ५१ किलो गांजा जब्त
किया गया। लगातार जिले में पहुंचती गांजे की खेप में जहां पुलिस अधीक्षक द्वारा
लगाम नही कसा जा रहा है, वहीं
उड़ीसा से पहुंचने वाले गांजे जिले के राजेन्द्रग्राम, जैतहरी तथा भालूमाडा
सहित अनूपपुर थाना होकर गुजरती है। इतना ही नही गांजे की खेप पहुंचने की जानकारी
पुलिस अधिकारियो को होने के बाद भी गांजा तस्करो को खुली छुट दी गई। जिसके कारण आए
दिन जिले में गांजा तस्करो द्वारा गांजा लाकर इसका स्टॉक किया जाता रहा है। लेकिन
जैतहरी,राजेन्द्रग्राम,भालूमाडा तथा
अनूपपुर थाने की पुलिस अधिकारियो द्वारा गांजा तस्करो को छूट दे रखी है।
उड़ीसा से
अनूपपुर आ रही गांजे की खेप को मुखबिर की सूचना पर कोरिया पुलिस अधीक्षक विवेक
शुक्ला के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पाल के मार्गदर्शन में
क्राईम ब्रांच की टीम मनेन्द्रगढ़ की टीम को साथ लेकर सिद्धबाबा घाट के नीचे
घेराबंदी कर टाटा जेस्ट कार क्रमांक एमपी ६५ सी १९७८ को घेराबंदी कर पकड़ा गया
जिसमें कार में रखे ५१ किलो गांजे के साथ चार आरोपी जिनमें दिगम्बर राठौर पिता
पितमलाल उम्र ३२ वर्ष, प्रकाश
नापित पिता रामदीन नापित उम्र १९ वर्ष दोनो निवासी रामपुर, प्रदीप राठौर पिता
राम निवास उम्र २६ वर्ष निवासी खाड़ा तथा मुकेश वर्मा पिता बद्रिका वर्मा उम्र २३
वर्ष वार्ड क्रमांक ८ निवासी भाटापारा जिला बलौद छ.ग. को गिरफ्तार किया गया।
अनूपपुर आ
रहे गांजे को छग पुलिस ने किया जब्त

जैतहरी व
रामपुर-खांडा बना गांजा तस्करो का गढ़
जिले में
उड़ीसा से लाई जा रही गांजे की खेप को गांजा तस्करो द्वारा छग से होकर
राजेन्द्रग्राम, जैतहरी, भालूमाडा तथा बिजुरी
की ओर से लाकर तस्करी की जाती है, वहीं
पुलिस को इसकी जानकारी के बाद भी विभाग के अधिकारियो तथा कर्मचारियो की मिलीभगत से
गांजा तस्करो को आसानी से इन थानो से होकर गुजरने की पूरी छूट दी गई है। जिसके
कारण गांजा तस्कर आए दिन उड़ीसा से गांजा की बडी खेप को जिले में एकत्रित कर अन्य
जिलो में सप्लाई किया जाता है। लेकिन पुलिस विभाग को गांजे की तस्करी में लगे सभी
आरोपियो की जानकारी होने तथा उनके द्वारा उड़ीसा लाए जाने वाले गांजे की मुखबिर से
सूचना मिलने के बाद कार्यवाही नही की जाती। जिसके कारण गांजा तस्करो के हौसले
बुलंद है।
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