https://halchalanuppur.blogspot.com

सोमवार, 29 जनवरी 2018

जनजातियों के सर्वांगीण विकास और आजीविका में वृद्घि का आह्वान इंगांराजवि में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार में 150 शोधार्थी प्रस्तुत करेंगे शोधपत्र, दो पुस्तकों का विमोचन

अनूपपुर जनजातियों के सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित रखते हुए इनके सर्वांगीण विकास और आजीविका में वृद्घि के आह्वान के साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार सोमवार से प्रारंभ हुआ। इसमें देशभर के प्रमुख शिक्षाविद् और सामाजिक वैज्ञानिक जनजातियों से जु$डे प्रमुख मुद्दों पर विभिन्न तकनीकि सत्रों में विमर्श कर नीति निर्धारकों को बहुमूल्य सुझाव देंगे। सेमीनार के साथ ही इंडियन एंथ्रोपोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ४७ वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए अध्यक्ष प्रो. रजत कांती दास ने जनजातियों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सामाजिक वैज्ञानिकों से इन चुनौतियों का हल ढूंढने को कहा जिससे उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल के निदेशक प्रो. सरित के. चौधरी ने प्रमुख रूप से उत्तर-पूर्व के राज्यों में कम जनसंख्या वाली जनजातियों तक उच्च शिक्षा को पहुंचाने पर जोर दिया। उनका कहना था कि शिक्षा के माध्यम से ही इन जनजातियों में सकरात्मक परिवर्तन सुनिश्चित किए जा सकते हैं। उन्होंने विभिन्न संकायों के शिक्षाविदों से मिलकर जनजातियों के विकास के लिए संयुक्त शोध करने का आह्वान किया। इंगांराजवि के निदेशक (अकादमिक) प्रो.आलोक श्रोत्रिय ने जनजातियों के विकास के लिए प्रचलित दो प्रकार की विचारधाराओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सर्वाधिक उपयोगी सिद्घांत दोनों को मिलाकर बनाया जा सकता है जिसमें जनजातियों के सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को संरक्षित रखते हुए नई तकनीक से इनके विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है। उनका कहना था कि शेष समाज जनजातियों की प्रकृति के साथ तारतम्यता से काफी कुछ सीख सकता है। तीन दिवसीय सेमीनार का आयोजन इंगांराजवि, आईजीआरएमएस-भोपाल, आईएएस-कोलकाता और टाटा स्टील-जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इसमें तीन दिनों तक विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनमें जनजातियों के विकास, गरीबी एवं बेरोजगारी, शासन और नीति, महिला सशक्तिकरण, जनजातीय कला, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर देशभर के प्रमुख शिक्षाविद् और नीति निर्धारक चिंतन करेंगे। इसमें 150 से अधिक शोधार्थियों के शोधपत्र प्रस्तुत होंगे। उद्घाटन सत्र के अवसर पर डॉ.नरसिंह कुमार की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रो. प्रसन्ना के. सामल और चेताली काम्बले भी उपस्थित थे।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोहरे हत्याकांड का का खुलासा: एक प्रेमिका दो प्रेमी बना हत्या का कारण

नबालिक सहित दो गिरफ्तार, भेजे गये न्यायिक अभिरक्षा  अनूपपुर। एक प्रेमिका दो प्रेमी के विवाद में एक प्रेमी युवक ने अपने नाबालिग साथी के साथ म...