रात के अंधेरे में परिजन मरीजों की करते देखभाल, भय का बना रहता है माहौल
अनूपपुर। प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं अनूपपुर जिले का ही अलग ही नजारा है। जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों को संसाधन की कमी से जूझना पड़ रहा है। तो वहीं मरीजों के लिए इलाज परेशान होना पड़ रहा हैं। वार्ड में बिजली न होने से डॉक्टरों व नर्स को टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना मजबूरी है। यही कारण है कि लोग इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करते है।
आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले का जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए आए मरीज व डाक्टर सहित स्टाफ को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय के महिला मेडिकल वार्ड में बिजली गुल होने से दिन के उजाले में भी अंधेरे में डूबा रहता है। अव्यवस्थाओं को जानते हुए भी स्वास्थ्य अधिकारी समस्याओं को दुरुस्त नहीं करवा पा रहीं हैं, जिसके कारण यहां के डॉक्टर और स्टाफ को दिन हो या रात मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ता रहा है। व्यडवस्था ओं की जिम्मेंदारी संभालने वाले इतने गैर जिम्मे दार हो चले है कि माहभर से महिला वार्ड में बिजली की समस्यास का समाधान नहीं करा पा रहें हैं। हालात यह है कि महिला मेडिकल वार्ड में मरीजों की देखभाल करने वाले मेडिकल स्टायफ के साथ मरीजों के परिजनों को अंधेरे में ही इलाज कराना पड़ रहा है। परिजनों का कहना है कि इस सम्बंमध में मौजूद स्टा फ नर्स से कई बार शिकायत की गई, लेकिन इस अब तक बिजली के सुधार में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। जिला अस्पाताल की मेटरनिटी भवन के उपर मंजिल पर संचालित महिला मेडिकल वार्ड में पिछले एक माह से बिजली की समस्याल बनी हुई है। वार्ड में लगी ट़यूब लाइट और बल्वल मानो आंख मिचौली खेल रहें हो, दिन के उजाले में मरीजों व परिजनों का समय तो किसी तरह कट जाता है, लेकिन शाम होते ही बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है। बल्वप और ट़यूब लाइट 10 मिनट जलने के बाद गुल हो जाती है, और लगभग घंटाभर बाद पुन उपस्थिति दर्ज कराती है, यह सिलसिला रातभर बना रहता है।
टार्च की रोशनी में मरीजों का इलाज, अप्रिय घटना की आशंका
महिला मेडिकल वार्ड में ऑपरेशन उपरांत इलाजरत महिलाओं को रखा जाता है। इनमें कई गंभीर लेकिन हालात सामान्यट स्थिति की भी मरीज होती है। जिन्हें ऑक्सीाजन सहित अन्य मेडिसीन चढाए जाते हैं, लेकिन इनके इलाज के प्रति स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। यहां मरीजों को टार्च की रोशनी में दवा चढ़ाया जाता है, वहीं परिजन भी टार्च की रोशनी में अपने मरीजों की देखभाल करते है। जबकि यहां सुरक्षा को लेकर जिला अस्पताल की ओर से कोई विशेष व्यवस्था नहीं बनाई गई है। जिसके कारण रातभर परिजनों को अप्रिय घटना के साए में समय गुजारना पड़ता है। वैसे भी जिला अस्पताल में मोबाइल, पर्स सहित अन्य कीमती सामानों की चोरी सामान्या घटना बनी रहती है।
एसबी अवधिया, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय अनूपपुर ने कहा कि मै रोज मॉनीटरिंग कर रही हूं, ऐसा कुछ नहीं है। बिजली लगातार गुल हो रही है, उसके लिए हमारे पास उपलब्धब चारों जनरेटर उपयोग में लाए जा रहे हैं। फिर भी मैं देखवा लेती हूं।
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