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सोमवार, 5 अगस्त 2024

एक ही परिवार की गर्भवती महिला सहित 3 की मृत्यु, प्रशासन मौके पर

सरपंच का बयान विरोभास मिडिया को उल्टी दस्त, प्रशासन को बताया उल्टी दस्त के मरीज नहीं थे  

अनूपपुर। आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के सालारगोंडी में दादी सास के मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने आये (संरक्षित जाति बैगा) एक ही परिवार की गर्भवती महिला सहित तीन दिन में 3 की अलग-अलग स्वास्थ्य कारणों से मृत्युे हुई हो गई। जिला प्रशासन ने मामले का लिया संज्ञान लेते हुए सालरगोंदी सहित आसपास के ग्रामों में स्वास्थ्य जागरूकता चला कर स्वास्थ्य टीम घर-घर दस्तक दे हैं। साथ ही जल स्त्रोतों का पुनः क्लोरीनेशन कराया गया हैं। वहीं सच्चााई कुछ अलग बया करती हैं। जहां ग्रमीण खेत में बने झिरिया से पीने एकत्रित कर पीने के लिए उपयोग में लेते हैं।

मौके पर पहुंची प्रशासननिक टीम

जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सालरगोंदी में तीन ग्रामीणों की मृत्यु के मामले का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच कराई गई है। कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के निर्देश पर मौके पर एसडीएम पुष्पराजगढ़ सुधाकर बघेल तथा स्वास्थ्य विभाग एवं पीएचई विभाग के अधिकारियों की टीम भेजकर वस्तुस्थिति की जांच कराई गई जिसमें बताया गया कि ग्राम सालरगोंदी में जिन तीन लोगों की मृत्यु हुई है। वह डायरिया से नही बल्कि अन्य कारणों से मृत्यु हुई है। जिसमे जाति बैगा जनजाति के एक ही परिवार के 56 वर्षीय माखन बैगा, 75 वर्षीय झिखिया बाई, 20 वर्षीय लीलाबत्ती की मौत हो गई हैं। वहीं लीलावती के पेट में पल रहे 8 माह का गर्भ भी था। वहीं उल्टी दस्त से दो अन्य 65 वर्षीय जेठू बैगा, डेढ़ वर्षीय अनुज बैगा की हालत गंभीर होने पर शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया हैं।

अलग-अलग स्वास्थ्य कारणों से हुई मृत्युु - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 31 जुलाई 24 को शाम 7 बजे माखन पिता किर्रा बैगा की मृत्यु एक-दो साल बीमारी थी जिसमें उसका वजन लगातार कम हो रहा था और बुखार लिवर सिरोसिस थी क्योंकि वह क्रॉनिक अल्कोहलिक था मृत्यु की दिनांक को बुखार उल्टी पेट में दर्द दो-तीन दिन से था जिसका इलाज स्थानीय निजी डॉक्टर कर रहा था, इलाज के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई। 75 वर्षीय झिंघिया बाई सरई पटेरा पुष्पराजगढ़ को बुखार एवं उल्टी थी और बच्चे की मृत्यु के कारण अत्यंत सुस्त व उसको बवासीर एवं खून की कमी तथा अल्कोहलिक हिस्ट्री थी उसकी मृत्यु हृदय गति रुकने से घर पर हुई हैं। 25 वर्षीय लीलाबाई नरेंद्र गर्भवती थी एवं मायके में रहती थी वह ससुराल आने की पश्चात रात्रि को अचानक बेहोश हो गई इसके बाद अस्पताल पहुंचने के पूर्व मृत्यु हो गई।

सरपंच का बयान में विरोभास

सालारगोंडी के सरपंच विक्रम प्रसाद के बयान में विरोभास रहा जिसमें मिडिया को दिये बयान में बताया कि उल्टी दस्त की शिकायत पर बैगा परिवार के तीन सदस्यों की मृत्यु हुई हैं। करपा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है, वहां डॉक्टर नहीं है। डॉक्टर के अभाव में ही उनकी मृत्यु हुई है। इसके साथ ही नल जल की भी व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों को शुद्ध पीने का पानी नहीं मिल रहा है।

वहीं प्रशासन को लिखे पत्र में सरपंच ने अवगत कराया कि जो मृतकों में कोई भी उल्टी दस्त के मरीज नहीं थे, मृत्यु अन्य कारणों से हुई है। ग्राम में उल्टी दस्त के कोई मरीज नहीं है। पेयजल स्त्रोतों तथा ग्राम में स्थित हैण्डपंप में पीएचई विभाग द्वारा जल शुद्धिकरण पूर्व से कराया गया था। इस संबंध में विभाग द्वारा पुनः जल शुद्धिकरण का कार्य अमले द्वारा कराया गया है। 

पानी के जांच के लिए गये नमूने

जिला प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की टीम द्वारा ग्राम सालरगोंदी में पानी के जांच के लिए नमूने लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए औषधियों का वितरण किया गया है। पूर्व में ग्राम के सभी जल स्त्रोतों में क्लोरीनेशन/ब्लीचिंग पाउडर डालकर पानी का शुद्धिकरण किया गया है। बताया गया है कि प्राथमिक शाला सरईपटेरा के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है। ग्रामवासियों को स्वास्थ्य एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की टीम ने मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए उबला हुआ या शुद्ध पानी पीने, खाने से पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, खुले में शौच न करने, स्वच्छता का पालन करने, खाने की वस्तुओं को ढककर रखने और ताजे भोजन का सेवन करने की अपील की गई है। ग्रामीणों को अवगत कराया गया है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में सम्पर्क कर उपचार लेने की अपील की गई है। 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के स्वास्थ्य सेक्टर करपा के ग्राम लमसरी, सरईपतेरा, लेढ़रा, गोंदी, घाठा, बकान, देवरीदादर के घरों में घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य जागरूकता के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण तथा इन इलाकों के 22 कुओं के जल शुद्धिकरण का कार्य किया गया है।


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