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शनिवार, 10 अगस्त 2024

खोदा पहाड़,निकला केमिकल व टेस्टिंग किट की खाली शीशी


मामला पीएचई विभाग का,खुदाई में मिली एक्सपायरी व उपयोग हो चुकी खाली बॉटलें

अनूपपुर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खंड अनूपपुर कार्यालय के पीछे केमिकल की बॉटल व वॉटर टेस्टिंग किट को जमीन में खोद कर गाड़ दिए जाने की सूचना पर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने मामले को संज्ञान में लेते अपर कलेक्टर अमन वैष्णव को जांच के निर्देश दिए गए। जहां 10 अगस्त की सुबह से ही अपर कलेक्टर ने उक्त स्थल को पुन: खुदवाया गया,जहां खुदाई के दौरान वर्ष 2021,2022 एवं 2023 के समयावधि समाप्तर हो चुकी खाली शीशी तथा वर्ष 2024 में उपयोग हो चुकी खाली शीशी मिट्टी में दबी मिली, पीएचई ने उन बॉटलों का उपयोग प्रयोगशाला में पूर्ण रूप से टेस्टिंग के दौरान किया जाना पाया गया तथा केमिकल के हनिकारण होने पर उनका विनिष्टिकरण किया जाना बताया गया। पूरे मामले में अपर कलेक्टर ने एसडीएम अनूपपुर दीपशिखा भगत,नायब तहसीलदार मंगलदास चक्रवर्ती,पीएचई के कार्यपालन यंत्री एच.एस. धुर्वे सहित एसडीओ दीपक साहू की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर उक्त जब्त शीशी को बोरी में सील बंद कर दिया गया है। 

घंटो चली खुदाई में निकली चंद शीशी

मामले में सुबह 10 बजे से नायब तहसीलदार सहित पीएचई के कार्यपालन यंत्री एवं एसडीओ की उपस्थिति में चार मजदूरों द्वारा उक्त स्थल में घंटो खुदाई की गई। जहां खुदाई के दौरान केमिकल और फिल्ड टेस्टिंग कीट की चंद बॉटलें ही निकली, जिसके बाद दोपहर लगभग 1 बजे सूचना अपर कलेक्टर सहित एसडीएम अनूपपुर मौके पर पहुंच स्थल का निरीक्षण किया गया। खुदाई में निकले चंद बॉटल अधिकतर खाली और एक्सपायरी डेट की मिली। 

शीशी को पानी से साफ कराकर की गई जांच

खुदाई के दौरान निकाले गए शीशी में मिट्टी लगी हुई थी,जिसके बाद अपर कलेक्टर अमन वैष्णव ने अधिकतर बॉटलों को पानी से साफ कराया तथा स्वयं ही बॉटलों के एक्सपायरी डेट की जांच की गई। जहां अधिकतर बॉटल एक्सपायरी डेट की मिली साथ ही वर्ष 2024 की मिली बॉटल खाली पाया गया तथा बॉटल का सील टूटा पाया जाना अर्थात उन बॉटल का उपयोग पूर्व में ही टेस्टिंग के दौरान किया जाना पाया गया। 

10 बिन्दुओं पर पीएचई से मांगी गई जानकारी

अपर कलेक्टर अमन वैष्णव ने बताया कि पीएचई विभाग से 10 बिन्दुओं में जानकारी मांगी गई है। जिसमें वर्ष 2022-23,2023-24 एवं 2024-25 में भोपाल से कितनी टेस्टिंग कीट प्राप्त हुई और किसके माध्यम से उक्त कीट को बंटवाया गया है, जो किट को बंटवाया गया है उनसे संबंधित दस्तावेज तलब किया गया है। जैसे ही दस्तावेज प्राप्त होते ही पूरे मामले की जांच की जाएगी। जब तक खुदाई में मिले सभी खाली बॉटल को बोरी में सील कर दिया गया है, जरूरत होने पर दोबारा उन बॉटलों की फिर से जांच की जाएगी। 

नष्ट करने के लिए जमीन में किया गया था दफन 

सोशल मीडिया में चली पोस्ट पर फैक्ट जानकारी निकालने के लिए एक दिन पूर्व ही पूरे मामले की पड़ताल की गई। जहां पड़ताल के दौरान प्रयोगशाला में वाटर टेस्टिंग के दौरान बचे हानिकारक रासायनिक अपशिष्ट को मिट्टी में दबाकर डिस्पोज किया जाना पाया गया था। पीएचई कार्यपालन यंत्री एच.एस. धुर्वे ने बताया कि वॉटर टेस्टिंग के दौरान पूर्ण उपयोग में लाए गए फिल्ड टेस्टिंग कीट सहित अन्य केमिकल के खाली बॉटल को खुले में नही फेंका जा सकता है, जिसके कारण उन हानिकारक रासयन को मिट्टी में ही दबाकर नष्ट किया जाता है, जिसके कारण कार्यालय के पीछे परिसर में सुरक्षित रूप से उक्त रसायन को विनिष्टिकरण किया गया था। 

इनका कहना है

उक्त स्थल पर खुदाई की गई है,जहां एक्सपायरी डेट के खाली बॉटल मिले है साथ ही वर्ष 2024 के खाली बॉटल मिले है,जिनका पूर्ण उपयोग लैब में टेस्टिंग के दौरान किया जाना पाया गया है,पूरे मामले की जांच के लिए पीएचई विभाग से 10 बिन्दुओं में जानकारी वा अन्य दस्तावेज तलब किए गए है।

अमन वैष्णव,अपर कलेक्टर अनूपपुर


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