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सोमवार, 10 जनवरी 2022

उपार्जन केन्द्रो में जगह न होने के साथ बारिश व बारदाने की कमी बना कारण,जिले मे धान खरीदी के सभी केंद्र बंद

2 लाख 16 हजार क्विंटल बारिश में भींगी, जिले में भंडारण की नही व्यवस्था,खाद्य मंत्री के गृह जिले में प्रशासनिक कार्यक्षमता पर उठे सवाल अनूपपुर। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के गृह जिले में किसान और गरीब दोनो ही परेशान है। एक तरफ जिले के 30 धान खरीरी केन्द्र में किसानो की धान खरीदी बंद पड़ी है, तो जिले के पुष्पराजगढ़ व जैतहरी विकासखंड में गरीबों को राशन नही मिलना बंद हो गया है। मामले में या तो कलेक्टर की उदासीनता या फिर प्रशासनिक अधिकारियों की कर्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए है। दोनो ही योजनाओं में ग्रहण लगने का कारण जिला उपार्जन समिति की निष्क्रियता व कार्यालयों में बैठकर मैदानी स्तर के कार्यो को देखने ना जाना भारी पड़ गया है। प्रशासन द्वारा धान उपार्जन के पहले बनाई गई हर रणनीति व कार्ययोजना फेल हो गई है, दोनो ही योजनाओं में बची कुची कसर बारिश ने पूरा कर दिया, जिससे खरीदी केन्द्रों में रखे हजारो क्विंटल धान अव्यावास्थाी की भेट चढ़ गई। लेकिन प्रशासनिक अमला आंख बंद करते हुए किसानों को धान बेचने की परेशानी में और गरीबों को भूखा रहने के लिए छोड़ दिया है। उपार्जन केन्द्र में बंद पड़ी धान की खरीदी जिले में बनाये गए 30 धान उपार्जन केन्द्रों में 10 जनवरी से धान के भंडारण की व्यवस्था व खरीदी केन्द्रों में जगह का ना होना तथा बारिश के कारण जमीन पूरी तरह से गिली हो जाने के कारण खरीदी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। 5 लाख 23 हजार 743 क्विंटल की हो चुकी खरीदी जिले में 9 लाख क्विंटल लक्ष्य के अनुरूप अब तक 5 लाख 23 हजार 743 क्विंटल की खरीदी की जा चुकी है। लेकिन अब जिले में धान के भंडारण की कोई व्यवस्था नही होने पर जिले के सभी उपार्जन केन्द्र किसानों की धान से भर चुके है। जहां उपार्जन केन्द्र में जगह की कमी के कारण धान खरीदी प्रभारियों द्वारा मजबूर होकर किसानों को अपनी धान न लाने की बात कहते हुए खरीदी ही बंद कर दिया गया है। 2 लाख 16 हजार क्विंटल बारिश में भींगी जिले में धान के भंडारण की व्यवस्था न होने के कारण उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमानों के नीचे पड़ी लगभग 2 लाख 16 हजार क्विंटल धान पूरी तरह से भींग गई है। वहीं धान की सुरक्षा के लिए जहां समितियों द्वारा लाखों की त्रिपाल क्रय कर उसे बचाने की कोशिश भी की गई। इतना ही नही धान के भंडारण के लिए प्रशासन ने कच्चे स्टेक भी बनवाये है, लेकिन बारिश के कारण कच्चे स्टेक में धान रखने की योजना भी पूरी तरह से फेल हो चुकी है। बारदानें की कमी से जूझ रहा वेंकटनगर व धनगवां केन्द्र बारिश व भंडारण की व्यवस्था में नाकाम प्रशासन के कारण जहां वेंकटनगर व धनगवां खरीदी केन्द्रों में बीते 3 तीनों से बारदाने तक की व्यवस्था नही कर पाई है। जिसके कारण दोनो ही केन्द्रों ने बारदाने की कमी के कारण किसानो की धान को खरीदने से मना कर दिया गया है। इतना ही नही खूंटाटोला में 60 ईंट के कच्चे बनाया जाने का ठेका दिया गया, लेकिन ठेकेदार द्वारा अब तक मात्र 38 कच्चे कैंप बनाकर उसे छोड़ दिया गया है। जहां तेजी से चल रही धान खरीदी पर 38 कैंप भर चुके है। जबकि जिला उपार्जन समिति जिसमें स्वयं कलेक्टर अध्यक्ष व डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया नोडल अधिकारी के साथ साथ खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, नागरिक आपूर्ति विभाग, सहकारिता विभाग, कृषि विभाग, भू-अभिलेख विभाग के अधिकारी शामिल इसके बाद भी ऐसी स्थिति बनना जिला प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नध चिन्हख खड़ा होता हैं।

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