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सोमवार, 10 जनवरी 2022

दुष्कर्म के आरोपित इंगाराजवि के प्रोफेसर की अग्रिम जमानत याचिका उच्च न्यायालय जबलपुर ने किया निरस्त

अनूपपुर। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में इतिहास विभाग के प्रोफेसर राकेश सिंह के द्वारा हमेशा विश्वविद्यालय के छवि को धूमिल किया गया। प्रोफेसर राकेश सिंह विरुद्ध गत दिनों उनके ही विभाग की शोध छात्रा ने बलात्कार के आरोप में महिला थाना, शहडोल में भादवि 1860 की धारा 376, 376 (2F), 376 (2N), 506 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कराया था। इसके बाद अरोपित प्रोफेसर पुलिस के अनुसार फरार हो गयें। इस दौरान प्रोफेसर ने पहले शहडोल न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी परंतु न्यायालय द्वारा आपराधिक इतिहास और आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत की याचिका को निरस्त कर दिया था। फरार रहते हुए आरोपी प्रोफेसर ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय, जबलपुर की शरण लिया और एमसीआरसी 55250/2021 के तहत अग्रिम जमानत याचिका दायर किया परंतु उच्च न्यायालय ने भी उच्चतम न्यायालय के द्वारा स्टेट रिप्रसेन्टेड थ्रू सीबीआई विरुद्ध अनिल शर्मा (1997) प्रकरण में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त कर दिया। ज्ञात हो कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में छात्रा के साथ विवि के प्रोफेसर द्वारा पत्नी बनाने के झांसे में बलात्कार करने का मामले 5 अक्टूबर 2021 को छात्रा द्वारा शहडोल महिला थाना ने 11 बिन्दूओं में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें पीएचडी कर रही छात्रा ने बताया कि मार्च 2020 में जब कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन शुरू हुआ तब मेरे ही कॉलेज के प्रोफेसर मेरे रूम में आए और सामान्य बातचीत करते हुए मेरे साथ मेरी इच्छा के विरूद्ध मेरे साथ दुष्कर्म किया। पुलिस के कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह फिलहाल आरोपित प्रोफेसर अभी भी फरार है और शहडोल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जो शहडोल पुलिस के ऊपर सवालिया निशान कर रहे है। सूत्रों की माने तो प्रोफेसर जनजातीय विश्वविद्यालय अमाकंटक के शिक्षकों और अधिकारियों से लगातार फोन और अन्य माध्यमों से संपर्क में है। ऐसी परिस्थिति में भी शहडोल पुलिस द्वारा आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार न कर पाना उसे सवाल के घेरे में खड़ा करती है। विवादो से पुराना नाता प्रोफेसर राकेश सिंह का विवादो से पुराना नाता रहा हैं इस प्रकरण के पूर्व 7 मई 2021 को फेसबुक पर भगवान को जूता मारने जैसी अभद्र टिप्पणी करके हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उपरांत उसके विरुद्ध थाना अमरकंटक में धारा 151 (A), 505 (2), 295(A) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था जिसमे अमरकंटक पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार न करते हुए शिथिलता दिखाई थी जिससे मनोबल बलात्कर जैसे अपराध को अंजाम देने के लिए बढ़ गया था।

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