मारपीट कर पिता की हत्या कर कोतवाली गुमशुदा की रिपोर्ट लिखाने पहुंचा पुत्र निकला हत्या का अरोपी
अनूपपुर। प्रथम अपर
सत्र न्यायाधीश अनूपपुर पंकज जायसवाल की न्यायालय ने थाना कोतवाली के अपराध की
धारा 302, 201, 34 भादवि के आरोपी गुलाब सिंह राठौर पुत्र स्वा. जयराम राठौर
निवासी ग्राम सेंदुरी को अपने पिता जयराम राठौर की लाठी डंडे से मारपीट कर हत्या
करने के आरोप में दो धाराओं में अजीवन करावास व 4 हजार रुपयें के अर्थदण्ड सजा
सुनाई। पैरवी प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी हेमंत अग्रवाल द्वारा की गई।
जिला अभियोजन
अधिकारी ने बताया कि 04 नवंबर 2020 को आरोपित गुलाब सिंह अपने पिता की गुमशुदगी की
रिपोर्ट थाना कोतवाली में लिखाए जाने पर पुलिस द्वारा उससे साधारण पूछताछ पर वह
हिचकिचाने लगा, जिस पर संदेह होने पर शक्ति से पूछताछ
पर गुलाब सिंह राठौर ने बताया कि उसने 27 अक्टूबर 2020 की रात पिता को गुस्से में
आकर बांस की लाठी से कई प्रहार किये जिससे उनकी मृत्यु हो गई, तत्पश्चात छोटे भाई पंकज राठौर के साथ मिलकर बोरी में मृतक जयराम
के शव को भरकर घर के पीछे लाईन के उस पार जंगल की झाडियों फेंक दिया। अन्वेषण के
दौरान आरोपी के द्वारा बताए स्थान पर झाडियों में बोरी में लाश बरामद किया जिसमें
कीडे पड़ चुके थे और दुर्गंध आ रही थी। पुलिस ने वैज्ञानिक एवं अन्य साक्ष्यों का
संकलन कर मौके पर अपराध में प्रयुक्त लाठी बोरी, खून आलूदा मिट्टी
आदि अन्य सामग्री जप्त कर जांच हेतु एफएसएल सागर भिजवाया गया, मौके पर फॉरेंसिक की टीम ने भी अनुसंधान किया, सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
जहां न्यायालय ने विचारण के दौरान साक्ष्य छुपाने के संबंध में पंकज राठौर को
संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करते हुए आरोपित गुलाब सिंह राठौर को हत्या सहित
साक्ष्य छुपाने के आरोपो को प्रमाणित पाते हुए 302 भादवि के अपराध के लिए आजीवन
कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदण्ड तथा साक्ष्य छुपाने के लिए धारा 201 भादवि के
अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं।
वहीं न्यायालय ने
मृतक की पत्नी को 4 लाख रूपये प्रतिकर दिलाये जाने का आदेश देते हुए निर्णय में यह
टीप अंकित करते हुए कहां कि इस प्रकरण में रक्षक ही भक्षक बना है और शिकायतकर्ता
ही आरोपी निकला है। इस कारण से आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से पीडिता एवं समाज
को न्याय मिला है।
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