बांधवगढ़ के गौतम और लक्ष्मण दिन भर किया प्रयास, रविवार को 3 हाथियों के साथ फिर शुरू होगा रेस्क्यू
अनूपपुर। जिले के वन
क्षेत्र जैतहरी अंतर्गत गोबरी गांव में हाथी के कुचलने से हुई ग्रामीण की मौत के
बाद ग्रामीणों और पुलिस एवं वन विभाग की टीम के मध्य हुए विवाद में दो ग्रामीणों को
गोली लगने से घायल हो गये थे जिसके बाद शुक्रवार शाम को हाथी का रेस्क्यू करने के
लिए बांधवगढ़ नेशनल पार्क उमरिया एवं संजय गांधी नेशनल पार्क सीधी से 35 सदस्यीय
टीम द्वारा शनिवार सुबह से रेस्क्यू कार्य प्रारंभ किया गया। शाम तक काफी प्रयासों
के बावजूद हाथी का रेस्क्यू नहीं किया जा सका। वहीं रेस्क्यू टीम में रविवार को एक
और हाथी बांधवगढ़ नेशनल पार्क से आने के बाद जंगली हाथी को ढूढ़ने में मदद मिलेगी।
रात्रि में भी प्रयास रहेंगा।
अनूपपुर वन मंडल अंतर्गत जैतहरी तथा अनूपपुर वन परिक्षेत्र में बीते डेढ़ महीने से छत्तीसगढ़ से भटककर आए 30 वर्षीय नर हाथी त्रिदेव द्वारा विचरण किया जा रहा था। ज्ञात हो कि एक फरवरी को इसके साथ ही हाथी की करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिए जाने के बाद से यह हाथी दुखी और गुस्से में है, जिसका नतीजा गोबरी में ग्रामीणों द्वारा भगाये जाने से नाराज हाथी ने ग्रमीण ज्ञान सिंह को कुचलकर हाथी ने कुचल कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद बांधवगढ़ से दो हाथी गौतम और लक्ष्मण को अनूपपुर त्रिदेव हाथी के रेस्क्यू करने के लिए लाया गया है, जो गोबरी के जंगल में सुबह 10 बजे से रेस्क्यू अभियान प्रारंभ किया और दोपहर 12 बजे ढूंढ लिया गया, जिसे लगभग 2 बजे एक डॉट (हाथी को बेहोश करने का इंजेक्शन) दिया गया। इसके पश्चात यह समीप स्थित नाले के पास जाकर बेहोश हो गया। नाले के समीप जंगल के बीच रेस्क्यू किया जाना संभव नहीं हो पाया।
हाथी के बेहोशी की हालत में होने के बावजूद जंगल में पिंजरा सहित हाइवे वाहन को ले जाना मुमकिन न होने पर त्रिदेव हाथी को होश में लाने के लिए रेस्क्यू टीम के द्वारा एंटीड़ोस दिया गया। बेहोशी की दवा दिए जाने के कारण घबराहट होने के कारण त्रिदेव हाथी तेजी से भागने लगा, जिसका कई किलोमीटर तक पीछा करने के बावजूद कोई पता नहीं चल पाया।
रेस्क्यू टीम को
देखने के पश्चात हाथी काफी सतर्क हो चुका है, जो तेजी से भागते
हुए गोबरी बीट के घने जंगलों में छिपकर बैठा हुआ है, जिसे शाम के 6 बजे तक लगभग चार घंटे तक रेस्क्यू टीम के साथ आए हुए
गौतम तथा लक्ष्मण हाथियों के द्वारा ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक वह नहीं मिल पाया।
हाथी का रेस्क्यू
किए जाने के लिए शहडोल संभागायुक्त के साथ ही मुख्य वन संरक्षक शहडोल एलएल उईके, कलेक्टर आशीष वशिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार वन मंडल
अधिकारी श्रद्धा पंद्रे, डॉ. नितिन गुप्ता, डॉक्टर सेंगर, संजय गांधी नेशनल पार्क सीधी के
डायरेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार सिंह, सहित एसडीएम तथा एसडीओपी एवं वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा
वन्य जीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल उपस्थित रहे। हाथी के रेस्क्यू के लिए पहुंचे वन
विभाग के टीम तथा गौतम और लक्ष्मण हाथी को देखने के लिए गोबरी गांव में आसपास के
ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ो की संख्या में लोग एकजुट हो गए, जिन्हें हटाने में पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम को परेशानी का
सामना करना पड़ा।
कलेक्टर आशीष
वशिष्ठ ने बताया कि सुबह से बांधवगढ़ नेशनल पार्क से आये दो हाथियो के साथ 35
सदस्यीय दल दोपहर में सफलता जंगली हाथी को ढूढ़ कर हाथी को बेहोश करने का इंजेक्शन
लगाया था लेकिन नाले के पास गिरने से वहां से उठाना मुश्किल हो रहा था जिसके बाद हाथी
को होश में लाया गया जिसके बाद वह डर कर कहीं जंगल में छुप गया हैं। बांधगढ़ से एक
और बड़े हाथी बुलाया गया हैं रविवार को उसके साथ पुन: ढूढ़ने का प्रयास किया जायेंगा।
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