खरीदी प्रभारी को बचाने मामले को दबा कर रखे थे नॉन व खाद्य अधिकारी
अनूपपुर। वर्ष
2023-24 में भंडारण केन्द्र विपणन संघ कोतमा के गोदाम से 4 हजार 994 बोरी धान गायब
होने के मामले में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के निर्देश पर एसडीएम कोतमा अजीत तिर्की, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी बालेन्द्र सिंह परिहार, वेयर हाउस जिला प्रबंधक प्रीति शर्मा, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सीमा सिन्हा, सहकारित निरीक्षक अनुज ओहदार ने विपणन संघ कोतमा के गोदाम की जांच 31
जनवरी की दोपहर से रात लगभग 2.30 बजे तक चलती रही। जांच टीम ने गोदाम में रखे धान
के बोरियों का भौतिक सत्यापन किया गया। जिसमे गोदाम में भंडारित धान की 4 हजार 994
बोरी स्टॉक में कम पाई गई। जिसके बाद स्टॉक रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज जप्त करने
के साथ मौके पर ही पंचनामा तैयार किया गया। पूरे मामले में दूसरे दिन 1 फरवरी को
भी टीम जांच में जुटी हुई है।
मामले में जहां पूर्व
में 27 जनवरी एवं 30 जनवरी को प्रकाशित खबरों में गोदाम से 4 हजार 994 बोरी धान
गायब होने तथा पूरे मामले की जानकारी नागरिक आपूर्ति विभाग के जिला प्रबंधक मधुर
खर्द एवं जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी बालेन्द्र सिंह परिहार को होने के पश्चात
मामले को दबाने एवं कोतमा समिति के खरीदी प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी उर्फ लल्लू
धतुरा को बचाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन इस प्रयास में वह स्वयं अपने ही
बिछाये जाल में बुरी तरह से फंस गये।
म.प्र. राज्य
सहकारी विपणन संघ मर्यादित कोतमा गोदाम के गोदाम प्रभारी कीर्ति प्रजापति ने 23
जनवरी को जिला विपणन अधिकारी शहडोल आनंद नारायण पांडेय सहित म.प्र. स्टेट सिविल
सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड अनूपपुर के जिला प्रबंधक मधुर खर्द सहित आदिम जाति
सेवा सहकारी समिति कोतमा के प्रबंधक मोहन द्विवेदी को लिखा गया था साथ ही जिला
आपूर्ति अधिकारी बालेन्द्र सिंह परिहार को भी सूचना दी गई थी। लेकिन संबंधित अधिकारी
भ्रष्टाचार को दबाने के लिए लग गये, लेकिन पूरे मामले
का खुलासा कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से करते हुए मामले को उनके संज्ञान में लाया गया।
जिले में धान
उपार्जन में सबसे बड़ा घोटाले की जांच में पहुंच अधिकारियों ने गोदाम प्रभारी
कीर्ति प्रजापति, गोदाम के सुरक्षा कर्मी रविचंद्र
मिश्रा, खरीदी प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी के
बयान दर्ज किये गये है। बयान में सुरक्षा कर्मी रविचंद्र मिश्रा ने बताया कि खरीदी
प्रभारी चंद्रशेखर ने धान खरीदी ज्यादा दिखाने तथा मौके पर उसके पास धान नही होने
की बात कही और लगातार दवाब आने की बात कहते हुए दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाकर
दो दिन के अंदर धान देने की बात कही गई। लेकिन बाद में उसने धोखाधड़ी करते हुए उसे
धान वापस नही दी गई और नॉन से एसी नोट कटवा लिया गया। वहीं चंद्रशेखर ने पूरा धान
देने का बयान दर्ज कराया गया है।
खाद्य विभाग के
अधिकारियों पर आरोप
खाद्य एवं आपूर्ति
अधिकारी बालेन्द्र सिंह परिहार एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सीमा सिन्हा पर आदिम
जाति सेवा सहकारी समिति कोतमा के कर्मचारियों को बचाने का प्रयास आरोप लगा है। एक
तरफ जहां कोतमा समिति के प्रबंधक मोहन द्विवेदी के पुत्र द्वारा मॉ ज्वाला उचेहरा
राईस मिल का संचालक है। वहीं राईस मिल से 25 जनवरी को 407 वाहन क्रमांक एमपी 18
जीए 1550 में 124 बोरी धान लेकर विपणन कोतमा गोदाम पहुंचने तथा उसी दिनांक को
हैण्डलिंग चालान काटे जाने पर पूरा मामला का खुलासा हुआ था। मामले की जांच पूरी भी
नही हुई की थाना कोतमा में जप्त वाहन को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा छोड़वा
दिया गया। जानकारी के अनुसार जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी बी.एस. परिहार वर्ष 2010
के आसपास सहायक आपूर्ति अधिकारी के तौर पर जिले के कोतमा, पुष्पराजगढ़ एवं जैतहरी में रह चुके है। वहीं कनिष्ठ आपूर्ति
अधिकारी सीमा सिन्हा बीते 9 वर्षो से एक ही जिला अनूपपुर और एक ही जैतहरी ब्लॉक
में पदस्थ होने पर समितियों से व्यवहार निभाये जाने की चर्चा भी गर्म है।
नागरिक संचालक खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल तरूण कुमार पिथोड़े ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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