हाथियों से हो रहें नुकसानी के लिए निर्देश
के बाद भी सर्वे करने नहीं पहुंच रहे पटवारी
जंगली हाथियों के विचरण से प्रभावित
लोगों को मिलेगी हर संभव मदद
अनूपपुर। पांच हाथियों का समूह के
अनूपपुर वन परीक्षेत्र में निरंतर सात दिनों से विचरण करने से ग्रामीणों में दहशत
की स्थिति बनी हुई हैं। ग्रामीण हाथियों के आतंक से रातजगा करने को मजबूर हैं, वहीं वन, पुलिस विभाग का अमला हाथियों के निगरानी में
लगा हुआ हैं। पूरे जिले में हाथियों के आने की खबर के बाद जिला एवं तहसील स्तर पर
विभिन्न विभागों के सक्रिय होने के बाद भी ग्राम पंचायत ताराडांड के कर्राटोला में
दो दिन पूर्व हाथियों के समूह द्वारा किए गए नुकसानी का सर्वेक्षण करने हल्का
पटवारी दो दिन बाद भी मौके में नहीं पहुंचें। जिससे ग्रामीणों में अक्रोस हैं, हाथियों का समूह सोमवार- मंगलवार की रात्रि दो
भागों में बट कर ग्राम औढरा एवं अगरियानार बीट के वन क्षेत्रों में विचरण करते रहें।
मंगलवार किस ओर अपना रूख करेंगे समय ही बतायेंगा।
ज्ञात हो की विगत 16 दिन पूर्व पांच
हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी और अनूपपुर वन
परीक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों व वन क्षेत्रों में विचरण कर रहें हैं। सोमवार की शाम
दुधमनिया से लखनपुर-पोडीखुर्द मार्ग के मध्य धन्नू पटेल, संतराम पटेल, बसंतलाल पटेल के खेतों में लगी धान की फसलों
को रौदते, खाते हुए अगरियानार बीट के लखनपुर जंगल में
प्रवेश कर दो भागों में बट गए,
जिसमें 3 हाथियों का समूह खोलईया गांव से लगे औढेरा बीट के वन क्षेत्र में मंगलवार
की सुबह से विचरण कर रहा है। वहीं दो हाथियों का समूह अगरियानार बीट के घोघराटोला
गांव के पास विचरण कर रहें हैं। दोनों दल किस गांव की ओर रुख करेंगे मंगलवार की
रात पता चलेगा।
हाथियों के निरंतर विचरण करने के बाद दिन
निकलने के पूर्व ग्रामीण अंचलों से वन क्षेत्रों में पहुंचकर पूरे दिन आराम करने
एवं देर साम जंगल से निकलकर खाने की तलाश में ग्रामीण अंचलों के कच्चे एवं पक्के
मकान जो गांव से बाहर हैं पर धावा बोलकर घरों के मकानों, दरवाजा तोड़कर एवं खेत-बाडियो में लगे विभिन्न
प्रकार के पेड़ों, फसलों को खाकर नुकसान पहुंचा रहें हैं
जिससे ग्रामीण जन विगत एक सप्ताह से दहशत की स्थिति में होने के कारण देर शाम होते
ही अपने परिवार बीच गांव व बस्ती में स्थित अपने अपने रिश्तेदारों के यहां आ जाते हैं।
और रात जागकर बिताने को मजबूर हैं। वही हाथियों को अपने गांव,मोहल्ला एवं घरों के पास आने से रोकने के लिए
ग्रामीण जन स्वयं इकट्ठा होकर हाथियों को मसाल, पटाखा, हो-हल्ला एवं अन्य माध्यमों से दूर भगाने का
प्रयास कर देर रात जागरण कर रहे हैं।
जंगली हाथियों के विचरण से प्रभावित
लोगों को मिलेगी हर संभव मदद
अनूपपुर जिले में पिछले 16 दिनों से छत्तीसगढ़ राज्य के सीमा से
जिले में प्रवेश कर 5 हाथियों के द्वारा जैतहरी एवं अनूपपुर वन परीक्षेत्र अंतर्गत
विभिन्न ग्रामों में पहुंचकर खेत ,खलिहान, बाड़ियों के साथ ही घरों को नुकसान पहुंचाया
गया है जंगली हाथियों के विचरण तथा ग्रामीण क्षेत्रों में हुए नुकसानी आदि के
संबंध में बैठक कर प्रभारी कलेक्टर अभय सिंह ओहरिया, वनमंडलाधिकारी एसके प्रजापति, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन ने आगामी
रणनीति के संबंध में विमर्श किया। जिसमें प्रभावितों को हर संभव मदद तथा राहत राशि
के वितरण,
व जंगली हाथियों के विचरण के दौरान
विशेष चौकसी रखने तथा ग्रामीणों को सतर्क रहकर जंगली हाथियों के प्रभावित क्षेत्र
से दूर रहने की अपील, मुनादी आदि के संबंध में बैठक में
चर्चा की गई। बैठक में जंगली हाथियों के विचरण को देखते हुए आवश्यक अमले की
व्यवस्था तथा समन्वित प्रयास के संबंध में विचार विमर्श किया गया।