शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं एनजीओ की सांठ-गांठ आवासीय प्रशिक्षण की कागजी खानापूर्ति
अनूपपुर। बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए
शिक्षकों का मोटिवेशन प्रशिक्षण अनूपपुर के शिक्षकों का शहडोल एवं उमरिया जिले के
विभिन्न स्कूलों में कराया जाने के विरोध में बुधवार को आजाद अध्यापक संघ जिला
इकाई अनूपपुर ने संभागायुक्त के नाम कलेक्टर को सौप कर जिले में कराये जाने की
मांग की हैं।
आजाद अध्यापक संघ ने बताया कि संभागायुक्त
द्वारा संभाग स्तर पर मोटिवेशनल प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें संभाग के तीनों जिलों के
शिक्षक शामिल हैं। अनूपपुर जिले के शिक्षकों का प्रशिक्षण शहडोल जिला मुख्यालय के
साथ जैतपुर एवं उमरिया जिले में रखकर रखा गया है। इस भीषण गर्मी में दूरस्थ स्थलों
के शिक्षकों को समस्याओं का सामने करना पड़ेगा। संघ ने मांग प्रशिक्षण जिला स्तर
पर करायें जान की मांग की हैं। ज्ञात हो कि बोर्ड परिक्षाओं में शहडोल और उमरिया
जिले के परीक्षा परिणामों में भारी गिरावट आई थी, वहीं
अनूपपुर जिले का परिक्षा परिणाम प्रदेश हाई स्कूल में 5वां व हायर सेकेंडरी में
चौथा स्थान रहा। इसके साथ शहडोल संभाग में अनूपपुर जिला लगातार 5 वर्षो से प्रथम
रहा हैं।
जानकारी अनुसार संभागायुक्त के निर्देश पर संभाग स्तर पर बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए मोटिवेशनल प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा हैं जिसमें शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण के नाम पर एनजीओ और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सांठ- गांठ कर आवासीय प्रशिक्षण का दिखावा कर कागजी खाना पूर्ति पूरी की जा रही है। जबकि प्रशिक्षण से शिक्षकों को कोई लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा है। बल्कि प्रशिक्षण देने वाली संस्था और शिक्षा विभाग के अधिकारी लाभान्वित हो रहें हैं। प्रदेश भर में ग्रीष्मकालीन अवकाश के अवसर पर केवल शहडोल संभाग के शिक्षकों को मोटिवेशनल प्रशिक्षण के नाम पर जिला बदर की सजा दी गई है। जिसमें अनूपपुर जिले के शिक्षकों को जिला शहडोल एवं उमरिया जिले के विभिन्न नगरो में प्रशिक्षण लेने हेतु आदेशित किया गया है। जबकि अनूपपुर जिले में प्रशिक्षण हेतु पूरी व्यवस्था है किंतु प्रशासनिक अधिकारियों के हिटलर शाही आदेश के कारण इस भीषण गर्मी में जिले के अधिकांश शिक्षक परेशान हो रहे हैं।
एनजीओ से साथ गांठ का मोटीवेशनल
प्रशिक्षण पिरामल फाउंडेशन नामक एनजीओ कराया जा
रहा है। पूर्व में भी इसी एनजीओ के द्वारा विकासखंड अनूपपुर में प्रशिक्षण कराया
गया था जिसका कोई सार्थक परिणाम नहीं आया। आवासीय प्रशिक्षण के दौरान शिक्षक रात
में नहीं रुकते है। जिससे एनजीओ व शिक्षा विभाग के अधिकरियों की मिलीभगत से आवास
एवं भोजन के ऊपर व होने वाले राशि के बचत का बंदरबांट का प्रोग्राम हैं। वहीं जिले
में अनुभवी एवं वरिष्ठ शिक्षक उपलब्ध होने के बावजूद भी नवनियुक्त शिक्षकों को
मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे प्रशिक्षण कितना सफल होगा यह
विचारणीय प्रश्न है।
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