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गुरुवार, 4 जून 2020

सेवा से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति जन उपयोगी लोक अदालत में दे सकता आवेदन- न्यायधीश

अनूपपुर म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिए लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों के निराकरण के लिए जन उपयोगी लोक अदालत की स्थापना की है। सुनवाई स्थाई लोक अदालत की पीठ द्वारा की जाती है, जिसके पीठासीन अध्यक्ष उच्च न्यायिक सेवा के न्यायाधीश होते है। लोक उपयोगी सेवा में वायु, सड़क, जलमार्ग द्वारा यात्रियों या माल के लिए यातायात सेवा, सार्वजनिक मार्ग पर अतिक्रमण हटाने हेतु या सार्वजनिक मार्ग समीप कोई न्यूसेंश हटाने हेतु या शैक्षिणिक संस्थानों के आसपास मादक पदार्थों के विक्रय रोकने या डाकतार, टेलीफोन सेवा, विधुत सेवा, जल प्रदाय सेवा, स्वच्छता प्रणाली जैसे नाली सड़क की सफाई, अस्पताल, औषाधालय सेवा, बीमा सेवा संबंधित विवाद, बैंकिग, वित्तीय संस्थान, शैक्षिणिक संस्थानों, आवास, रियल स्टेट सेवा से संबधित विवादों का निराकरण इस लोक अदालत में किया जाता हैै। सेवा में कमी से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति जन उपयोगी लोक अदालत में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। गुरूवार को उच्च न्यायिक सेवा जिविसेप्रा अनूपपुर भू-भास्कर यादव ने पत्रकारो से कही।

उन्होने बताया कि इस लोक अदालत में आवेदन प्रस्तुत के लिए किसी प्रकार न्याय शुल्क की आवश्यकता नहीं होती, अधिवक्ता के बगैर भी कोई आम व्यक्ति साधारण कागज में लिखकर आवेदन दे सकता है। लोक अदालत का कार्यालय प्रत्येक शनिवार को जिला न्यायालय अनूपपुर में लगाया जाता है।

सचिव जिविसेप्रा ने कहा जन उपयोगी लोक अदालत का प्रत्येक निर्णय सिविल न्यायालय की डिक्री समझा जाएगा। आवेदन शासन के किसी भी विभाग, नगरीय निकाय, सोसायटी, बैंक, अस्पताल प्रबंधन के विरूध प्रस्तुत किया जा सकता है। लोक अदालत में पहले संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाकर सुलाह का प्रयास किया जाता है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि जनता को अपेक्षित सुविधा उपलब्ध कराए। यदि शासन या संबंतिधत विभाग द्वारा उक्त कार्य नहीं किया जाता तब सिविल प्रक्रिया संहिता में दिये गये तरीके से आदेशिका जारी करके निश्पादन कार्य कराया जाता है। 

इसी प्रकार मनरेगा के अंतर्गत निर्धारित संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने तथा मजदूरों को समय पर भुगतान में लापरवाही के लिए भी रोजगार गारंटी से संबंधित लोक अदालत का भी आयोजन किया जाता है। जिसके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि बेरोजगारों को उक्त योजना के तहत नियत दिनों तक काम मिले और उसका भुगतान समय पर कराया जाए।


बुधवार, 3 जून 2020

कोरोना संक्रमण के बीच उप चुनाव की रणनीति बनाने की बैठक,एसडीएम ने थमाया नोटिस

अनूपपुर कोरोना संक्रमण के बीच कांग्रेस ने जिला मुख्यालय में नियमो को दरकिनार करते हुए मंगलवार को भारी हुजुम के साथ द्वय विधायक सुलीन सराफ कोतमा एवं फुंदेलाल सिंह पुष्पराजगढ़ सहित लगभग सैंकड़ो की लोगो के साथ उप चुनाव की रणनीति बनाने के लिए बैठक की। गुरुद्वारा के समीप एक बाड़े में जिलाध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल की अगुआई में कार्यकर्ताओं की बड़ी बैठक की गई। मोहल्ले के लोगों से सूचना मिलने पर इसकी जानकारी पूर्व विधायक रामलाल रौतेल को दी। जिसकी सूचना कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर को दी गई जिसपर एसडीएम कमलेश पुरी को जांच एवं कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

एसडीएम बुधवार को कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष करतार सिंह को नोटिस देकर कहा है कि सोशल मीडिया तथा दूरभाष पर प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुद्वारा बाड़ा में 50-100 व्यक्तियों को एकत्रित कर बैठक करने की जानकारी मिली है। यह धारा 144 एवं भादवि की धारा 188 के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। एसडीएम ने आदेशित किया है कि नोटिस जारी होने के 24 घंटे के भीतर स्वयं उपस्थित होकर आयोजन की वैधानिक अनुमति या जवाब प्रस्तुत करें। जवाब प्रस्तुत ना करने या समाधान कारक ना होने पर उक्त धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी।   

हत्या के आरोपियो को आजीवन कारावास

अनूपपुर थाना करनपठार धारा 302 भादवि में आरोपी शंभू सिंह गोंड़, पप्पू उर्फ शिवकुमार गोंड़, शिवराज गोंड़, नंदू उर्फ मनीष सिंह गोंड़ सभी निवासी ग्राम रनईकापा थाना करनपठार को हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश शर्मा की न्यायालय में विचाराधीन मामले में आरोपियो को आजीवन कारावास एवं २००० रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रारम्भिक पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि एवं अंतिम पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी शशि धुर्वे ने की। 

बुधवार को मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि घटना 14 दिसम्बर 2017 की सुबह करीबन 10 बजे की है फरियादिया उषाबाई का पति मृतक सूरज सिंह अपने मौसेरे भाई शिवचरण उर्फ दुर्गा के साथ काम की मजदूरी लेने ग्राम रनईकापा आरोपी शंभू सिंह गोंड के घर पर गया था। शाम को 4-5 बजे जब वह घर आया तो दर्द से कराह रहा था, उसने अपनी पत्नी उषाबाई को बताया कि शंभू सिंह ने उसे उसकी मेहनत के काम के पैसे नहीं दिये बल्कि अपने लड़के पप्पू उर्फ शिवकुमार, शिवराज एवं मनीष गोंड़ के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की और गला दबाने की कोशिश की, मृतक सूरज सिंह के पेट एवं गले में काफी चोटों के निशान था गले में एक लंबी चोट थी एवं पेट से खून निकल रहा था। दर्द के कारण वह घर जाकर सो गया एवं रात्रि 11 बजे उठा खाना खाकर फिर सो गया।  जब सुबह उषाबाई की नींद खुली तो देखा कि मृतक का शरीर ठण्डा हो गया है और वह मर चुका है जिसकी रिपोर्ट थाना करनपठार में कराई गई। थाना प्रभारी द्वारा मामला संज्ञान में लेकर पूर्ण विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

केद्रीय राज्य मंत्री पटेल के अनूपपुर अल्पप्रवास का कार्यक्रम

अनूपपुर भारत सरकार, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल 4 से 6 जून तक अनूपपुर के अल्पप्रवास में आएँगे। कार्यक्रम के अनुसार 4 जून शाम 6.45 बजे अमरकंटक (अनूपपुर) आगमन एवं सर्किट हाउस अमरकंटक में रात्रि विश्राम होगा। 5 जून प्रात: 7 से 8 बजे तक पुष्कर सरोवर, रामघाट में श्रमदान अभियान में शामिल होंगे। प्रात: 9.30 से 10 बजे धार्मिक आध्यात्मिक गुरुओं से भेंट। प्रात: 10 से 11.30 बजे तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा एवं स्मार्ट सिटी, सिंचाई एवं जल संसाधन, पर्यटन आदि विषयों पर जिला प्रशासन एवं सम्बंधित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक उपरांत अन्य स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे, रात्रि विश्राम अमरकंटक में रहेगा। 6 जून को प्रात: 10 बजे अमरकंटक से जबलपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।

मोटे अनाज के प्रसंस्करण से बने उत्पाद की मांग अर्थव्यवस्था को दे सकते है गति - कुलपति

कोरोना संकट लौटे श्रमिकों की आजीविका के लिए इंगांराजविवि ने बनाई योजना

अनूपपुर/अमरकटंक औषधीय गुणों से युक्त पारंपरिक फसलों की खेती, प्राचीन (मोटा) अनाज का प्रसंस्करण उद्यम एवं इनके खाद्य उत्पाद हेतु मोटा अनाज खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आजीविका के लिए संजीवनी साबित हो सकता है और इससे स्वस्थ, स्वतंत्र व सम्मानजनक स्थिति में स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध होगा। बाजार में मोटे अनाज की बढ़ती मांग ने इनकी कीमत भी बढ़ा दी है, वैज्ञानिक अब मोटे अनाज के क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं के लिए भविष्य तलाश रहे हैं, मोटे अनाज के प्रसंस्करण उद्यम तथा खाद्य उद्योग में इससे बने उत्पाद की मांग एवं खपत, निर्यात की संभावनाओं में अर्थव्यवस्था को गति देने स्थिति अनुकूल है। इससे गाँव में काफी संभावनाएं बन जाएगी तथा ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने का यह एक सुदृढ़ आधारस्तम्भ हो सकता है। यदि लोगों को आजीविका के लिए अपने क्षेत्र में ही काम मिलने लगे तो भला घर-परिवार को छोड़कर बाहर कौन जाना चाहेगा। इस कारण औषधीय गुणों वाले पारंपरिक फसलों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को पल्लवित करने की संकल्प शक्ति के साथ-साथ अनुसंधान शक्ति की भी जरुरत है। अनूपपुर, डिंडौरी, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलो के लिए जरूरी है। कोरोना संकट के चलते अन्य राज्यों से कामगारों के लौटने के बाद अमरकंटक अरण्य क्षेत्र में आये प्रवासी के लिए जीविकोपार्जन रोजगार एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, ऐसे श्रमिकों के भविष्य में कार्य करने के अवसर, आजीविका की संभावनाएं तथा उनके जीविकोपार्जन में निरन्तरता बनाए रखने के लिए बुधवार को  इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रमिकों को आजीविका उपलब्ध कराने की योजना पर प्रभावी रणनीति तैयार करने की बात कही।

कुलपति ने कहा गेहूं और धान की अपेक्षा मोटे अनाज की खेती में कम लागत आती है इसकी खेती के लिए रसायनिक उर्वरक की जरूरत कम पड़ती है। खरीफ की इन फसलों के लिए वर्षा जल पर्याप्त रहता है। इसकी मांग बढऩे के पीछे इसके पोषक तत्व हैं, जो अन्य अनाजों की अपेक्षा ज्यादा होते हैं। अवशेष भी पशुओं के लिए पौष्टिक होते हैं, जो दूध की पौष्टिक क्षमता बढ़ाते हैं। यह किसानों की आय बढ़ाएगा लेकिन किसान इन फसलों के प्रति इतने जागरुक नहीं हैं। पिछले चार दशक में देशी फसलें लुप्त हो रही है कई ऐसे अनाज हैं जो आज ढूंढऩे से भी नहीं मिल रहे हैं। नई पीढ़ी कई फसलों के नाम तक भूल गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मूल्य 258 अरब अमेरिकी डॉलर है, घरेलू रूप से पांचवां सबसे बड़ा उद्योग है। मोटा अनाज खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र स्वरोजगार के लिए अच्छे करियर का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। ग्रामीण परिवार आजीविका के अपने मुख्य साधन के रूप में इससे उच्च लाभ का विकल्प बना सकते है इस क्षेत्र में किसानों की आय में भारी सुधार के साथ-साथ रोजगार वृद्घि की संभावनाएं हैं।

उन्होने कहा बीते पचास सालों में नए चलन की खेती और उत्पादन बढ़ाने की होड़ में औषधीय गुणों वाली पारंपरिक फसलों बकला, खेरही, कौनी, बाजरा, लड़कटिया, तीसी, कुसमी, कुर्थी, चीन्ना (चेना) तुलबुली मकई, सांवा, टागुन (टवनी/बालटाउन), कोदो, मेडुआ (मरुआ/ रागी) जैसी देशी फसलें विलुप्ति की कगार तक पहुँच गई हैं, इन अनाजों की कमी से दूरस्थ और आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों को पोषण सम्बन्धी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय छोटे जोत के आकार अर्थात कम जमीन वाले श्रमिकों/किसान की रुचि तथा कौशल के अनुसार किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) एफपीसी प्रारम्भ कराकर पारंपरिक फसलों से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करवाया जाएगा। केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने की जरुरत है।

आजीविका की संभावनाओं पर कुलपति ने बताया कि स्वास्थ्यवर्धक आइसक्रीम प्रसंस्करण उद्योग (चिया आइसक्रीम, सीताफल, रामफल, बेल आइसक्रीम, बेसिल आइसक्रीम एवं तेन्दुफल आइसक्रीम), स्वास्थ्यवर्धक बिस्कुट/ बेकरी/ फ्लेक्स उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग, प्राचीन अनाज के स्वास्थ्यवर्धक आटा / दलिया उत्पाद उद्योग सहित बांस उत्पाद, रेशम उत्पाद, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन: डिब्बाबंद मशरूम (निर्यात उन्मुख) तथा मशरूम पाउडर, निर्जलित सब्जियां, कटहल उत्पाद, आलू, केला वफर, सोया आधारित खाद्य उत्पाद सहित कई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इसके अंतर्गत शामिल है।

कुलपति ने पारंपरिक फसलों के इस ज्ञान की बानगी को बचाने एवं उस पर आधारित आजीविका की संभावनाएं को तराशने, प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल पर मैसेज भेजने, उनसे विडिओ कॉल पर बात करने, पंचायतवार वाट्सऐप ग्रुप बनाने, कृषि आधारित उद्यम की जानकारी देने, श्रमिकों के किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) का पंजीयन करवाने, मुद्रा लोन, एमएसएमई लोन की व्यवस्था हेतु फोर्म भरवाने, उद्यमिता की रूपरेखा एवं डॉक्युमेंट करने, व्यवहार्यता परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने समस्त संकाय के अधिश्ठाता, कृषि विज्ञान केन्द्र, राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, भारत सरकार के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सहित प्रशासनिक अधिकारी को सम्मिलित करके एक वृहद समिति बनाकर कार्य किया जाएगा। इस योजना का अधिक से अधिक लाभ क्षेत्रीय जनजातीय परिवार को मिलेगा।     बैठक में प्रो.ए.के. शुक्ला, प्रो. हरी नारायण मूर्ति, प्रो. अजय वाघ, डॉ. संजीव सिंह, डॉ. विकास सिंह, कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन तथा अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

मंगलवार, 2 जून 2020

राजनगर में युवक में कोरोना की पुष्टि, 26 मई को आया था मुंबई से वापस

होम क्वॉरंटीन में था युवक, स्वास्थ्य स्थिर है, कोई लक्षण परिलक्षित नहीं

सुभाष नगर क्षेत्र को बनाया गया कंटेनमेंट जोन

अनूपपुर जिले के अंतिम थाना राजनगर के सुभाषनगर क्षेत्र में एक कोरोना संक्रमित युवक की की पुष्टि के बाद कोतमा अनुविभाग में कोरोना संक्रमितो की सख्या बढ़कर 2 हो गई है और जिले में 19 कोरोना संक्रमितो में 3 स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके है। जबलपुर से मंगलवार देर रात्रि आयी 17 रिपोर्ट में से 1 युवक को कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। 31 वर्षीय युवक 26 मई को मुंबई से राजनगर(अनूपपुर) पहुँचा था, जहाँ प्रारम्भिक स्वास्थ्य जाँच की गई एवं स्वस्थ पाए जाने पर होम क्वॉरंटीन के लिए निर्देशित किया गया। हॉटस्पॉट से आने की वजह से एहतियातन संदर्भित युवक का सैम्पल 31 मई को जाँच हेतु भेजा गया तथा क्वॉरंटीन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया, 2 जून रात्रि को प्राप्त रिपोर्ट में युवक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

रिपोर्ट प्राप्त होते ही व्यक्ति को रात्रि में ही कोविड केयर सेंटर अनूपपुर भेज दिया गया। बुधवार को सिविल सर्जन डॉ एससी राय ने बताया कि व्यक्ति का स्वास्थ्य स्थिर है एवं किसी प्रकार के लक्षण भी नही पाए गए हैं। जिले में ऐक्टिव कोरोना संक्रमितो की सख्या बढ़कर 16 एवं कुल 19 संक्रमित हो चुके हैं। जिनमे से 3 व्यक्तियों को स्वस्थ होने पर अपने घर जा चुके है। कोतमा एसडीएम अमन मिश्रा ने बताया कि युवक के सारे प्राथमिक कॉंटैक्ट की जानकारी अनुसार सम्बंधितों के सैम्पल जाँच हेतु भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है। राजनगर के सुभाषनगर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है एवं स्वास्थ्य दल द्वारा कंटेनमेंट जोन के सभी नागरिकों की स्क्रीनिंग की कार्यवाही जारी है। जिले में अबतक 5 कंटेनमेंट जोन हैं। पूर्व में बनाए गए 2 कंटेनमेंट जोन को प्रतिबंध से मुक्त किया जा चुका है।

मां नर्मदा में प्रवाहित हुई जोगी पार्थिव मिट्टी, बेटे अमित ने दी विदाई

अमरकंटक से था खास लगाव, जोगी की अंतिम इच्छा को पूरा किय बेटे ने

अनूपपुर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत प्रमोद जोगी के निधन के बाद मिट्टी को नर्मदा नदी में प्रवाहित किया गया। बेटे अमित जोगी परिवार के साथ पिता मिट्टी मंगलवार को अमकंटक पहुंचे। जहा पूरे रीति रिवाज के साथ पूजन करा पार्थिव मिट्टी को सोनभद्र उद्गम स्थल पहुंचकर बहती जलधारा में प्रवाहित किया। इस दौरान अमित जोगी के साथ मां रेणु जोगी व परिवार के अन्य सदस्य और बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह, अजय जायसवाल, अमरकंटक से कल्याण सेवा आश्रम के संत, अमरकंटक पटवारी प्रेमलाल, थाना प्रभारी अमरकंटक व स्टाफ उपस्थित रहे।

अजीत जोगी की अंतिम इच्छा जहां से था खास लगाव

अजीत जोगी का अनूपपुर जिले से अधिक लगाव था और मां नर्मदा में उनकी अपार आस्था भी थी,जीवित रहते हुए भी वो वक्त मिलने पर मां नर्मदा के दर्शन के लिए आया करते थे,उनकी इसी आस्था और लगाव को देखते हुए और अजीत जोगी की अंतिम इच्छा के अनुरूप बेटे अमित जोगी और परिवार के सदस्यों ने उनकी पार्थिव मिट्टी को मां नर्मदा में प्रवाहित किया। अजीत जोगी ने भी निधन से पहले ये इच्छा जताई थी कि उनकी मिट्टी को मां नर्मदा सहित विभिन्न क्षेत्रीय नदियों में प्रवाहित किया जाए।

29 मई को हुआ था जोगी का निधन

74 वर्षीय अजीत जोगी का इलाज के दौरान 29 मई को निधन हो गया था। जिसकी जानकारी बेटे अमित जोगी ने खुद ट्वीट कर पिता के निधन के बारे में जानकारी दी थी। बता दें कि अजीत जोगी को 9 मई की दोपहर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस की नली में गंगा इमली का बीज फंस जाने से उनकी सांस रुक गई थी और कॉर्डियक अरेस्ट हुआ था। तब से वे वेंटीलेटर पर थे। उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था, डॉक्टरों की टीम दिन-रात से हर संभव प्रयास कर रही थी


गुट्टीपारा के संदिग्ध मृतक में नही मिले कोरोना के लक्षण, रिपोर्ट में पुष्टि, परिवार के सदस्यों का निगेटिव

संदिग्ध मृत्यु होने पर परिवार जन तुरंत प्रशासन को दें सूचना, मृतक से बनाकर रखें सुरक्षित दूरी

अनूपपुर पुष्पराजगढ़ के ग्राम गुट्टीपारा में रविवार 30 मई को 45 वर्षीय के व्यक्ति की प्रशासन के निर्देश में होम क्वॉरंटीन रहा संदिग्ध कारणो से मृत्यु की सूचना परिवारजनो एवं ग्रामवासियों द्वारा एसडीएम पुष्पराजगढ़ को दी गई। मंगलवार को जबलपुर से प्राप्त रिपोर्ट में मृत व्यक्ति सहित समस्त परिवार जन के निगेटिव होने की पुष्टि हुई है। जिले के लिए एक और राहत भरी खबर यह रही सोमवार को प्राप्त समस्त 21 रिपोर्ट निगेटिव रही।

उल्लेखनीय है कि संदर्भित व्यक्ति 24 मई को जम्मू से दिल्ली होता हुआ अनूपपुर पहुँचा था। प्रशासन ने पूरी गम्भीरता दिखाते हुए एवं सम्भावित कोरोना पॉजिटिव प्रकरण की आशंका में स्वास्थ्य दल के साथ जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर की अगुवाई में गुट्टीपारा पहुँची। जहाँ पर मृत व्यक्ति सहित समस्त परिवार जनो के नमूने लिए गये एवं स्वास्थ्य विभाग के कोरोना संदिग्ध प्रकरण व्यक्तियों के अंतिम संस्कार हेतु दिए गए दिशानिर्देशों अनुसार मृतक का अंतिम संस्कार किया गया एवं घर सहित आस पास के स्थलों को सैनिटाईज भी किया गया। इसके साथ ही समस्त परिवार जनो को ढाढ़स बंधाते हुए उन्हें एहतियातन आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया, जिस पर परिवार जनो द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया। मृतक के परिवारजनो 20 हजार रुपए एवं रेड क्रॉस से 5 हजार रुपए की राशि दी गई।

कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने अनूपपुर जिले के समस्त आमजनो से अपील की है कि संदिग्ध मृत्यु होने पर परिवार जन तुरंत प्रशासन को सूचना दें एवं मृतक से सुरक्षित दूरी बनाकर रखें। इस कठिन समय में बचाव एवं सुरक्षा हेतु सजग तथा सावधान रहना आवश्यक है। सभी नागरिक कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु दिए गए निर्देशों का पालन कर शासन प्रशासन को सहयोग करें।


नियमो को पालन करते हुए दुकाने प्रात: 5 से रात्रि 9 बजे तक,रात्रि 9 से सुबह 5 बजे तक रहेगा कफ्र्यू

अनूपपुर कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा हेतु भारत सरकार एवं राज्य शासन के निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर ने मंगलवार को धारा- 144 के तहत नये आदेश दिये है जो 15 जून तक प्रभावशील रहेंगे। जारी आदेश के अनुसार सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान आदि बंद रहेंगे। हालांकि, ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा की अनुमति रहेगी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार हायर सेकेण्डरी परीक्षा यथावत् सम्पन्न की जावेगी। परीक्षा के दौरान समस्त सुरक्षा उपायों को अपनाया जाना अनिवार्य होगा। सभी सिनेमा हॉल, जिम, खेल परिसर, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इसी तरह के अन्य संस्थान बंद रहेंगे। सभी सामाजिक/ राजनीति/ खेल/ मनोरंजन/ शैक्षणिक/ सांस्कृतिक/ धार्मिक समारोह एवं अन्य एकत्रीकरण कार्यक्रम प्रतिबंधित रहेंगे। पके हुए भोजन की बिक्री करने वाले मिठाई दुकानों/ ढाबे/रेस्टॉरेंट/ भोजनालय/होटल आदि पूरे दिन होम डिलेवरी कर सकेंगे प्रतिष्ठान पर बैठाकर खिलाने पर प्रतिबंध रहेगा। होम डिलीवरी करने वाले व्यक्ति का मास्क एवं ग्लब्स पहनना अनिवार्य होगा।

एकल स्थायी दुकानें प्रात: 5से रात्रि 9 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। ग्राहकों के बीच 6 फीट (2 गज) की दूरी सुनिश्चित करने हेतु विके्रता/दुकानदार गोल निशान लगाएं। यदि किसी दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता है तो उपखण्ड मजिस्ट्रेट, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी 3 दिवस के लिए संबंधित दुकान सील कर सकेंगे। 30 जून तक कंटेनमेंट क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू रहेगा। जिले में 4 कन्टेनमेंट जोन हैं, समय-समय पर आवश्यकता अनुसार कन्टेनमेंट जोन बढ़ाए जा सकते हैं।

आरोग्य सेतु एप का प्रयोग आरोग्य सेतु के माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की पहचान होने से व्यक्तियों एवं समाज की सुरक्षा होती है। कार्यस्थलों में सुरक्षा की दृष्टि से हर नियोक्ता की यह जिम्मेदारी होगी कि वह समस्त कर्मचारियों के मोबाइल फोन मे आरोग्य सेतु एप इन्स्टाल कराये।


सोमवार, 1 जून 2020

नगरीय निकाय कोतमा की सीमा में एसडीएम ने लगाया 1 दिवस का कर्फ्यू

कल 2 जून को मध्यरात्रि 1 बजे से रात्रि 12 बजे तक रहेगा कर्फ्यू
अनूपपुर। कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एसडीएम कोतमा अमन मिश्रा ने धारा -144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए नगरीय निकाय कोतमा की सीमा में एक दिवस का कर्फ्यू लगाया है। ज़ारी आदेश के अनुसार दिनांक 02 जून 2020 की मध्यरात्रि 01 बजे से 02 जून की रात्रि 12 बजे तक की अवधि में कर्फ़्यू प्रभावी रहेगा।
कर्फ्यू के दौरान दिवस के दौरान दो /चार पहिया वाहन, राशन, सब्जी एवं आम नागरिक से संबंधित सभी प्रकार की अति आवश्यक सेवाएं बंद रहेगी। किसी भी व्यक्ति के घर से निकलने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
घर-घर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता सुबह 6.00 बजे से 9.00 बजे तक एवं अनुविभग अन्तर्गत संचालित समस्त मेडिकल स्टोर्स भी उक्त से मुक्त रहेंगे।
नगरीय निकाय कोतमा में संचालित समस्त बैंक शाखाएँ, एलपीजी वितरण केंद्र से संबंधित कार्य उक्त प्रतिबंध से मुक्त रहेगें। ऐसे व्यक्ति जिन्हें शादी/विवाह कार्यक्रमों की पूर्व अनुमति प्राप्त है वह शादी/विवाह कार्यक्रम का आयोजन कर सकते है। इस दौरान शासन के निर्देशानुसार उल्लेखित शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। प्रतिबंध से मुक्त संस्थाओं को निर्देशित किया जाता है कि वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए स्वच्छता एवं सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित समस्त नियमों का पालन करना सुनिश्चित करेंगे। उल्लेखनीय है कि सोमवार शाम गोविन्दा कॉलोनी में 1 कोरोना पॉजिटिव प्रकरण प्राप्त होने को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

79 रिपोर्ट में 1 और मिला कोरोना संक्रमित बढ़ कर हुई 18

गोविन्दा कॉलोनी चिन्हित सीमा को बनाया गया कंटेनमेंट क्षेत्र

होम क्वॉरंटीन में कोविड केयर सेंटर अनूपपुर में किया गया शिफ्ट, स्वास्थ्य स्थिर है एवं कोई भी लक्षण नही

अनूपपुर79 रिपोर्ट में से 1 व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। सोमवार रात 10 बजे जबलपुर से जाँच रिपोर्ट प्राप्त होते ही संदर्भित व्यक्ति को कोविड केयर सेंटर अनूपपुर भेज दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ.एससी राय ने बताया कि व्यक्ति का स्वास्थ्य स्थिर है एवं किसी भी प्रकार का कोई लक्षण परिलक्षित नही है। अनूपपुर जिले में अब तक संक्रमित प्रकरण 18 एवं वर्तमान में ऐक्टिव पॉजिटिव प्रकरण 15 हो गए हैं।

एसडीएम कोतमा अमन मिश्रा ने के अनुसार सम्बंधित व्यक्ति 23 मई को मुंबई से अनूपपुर आया था, आते ही व्यक्ति द्वारा सर्वप्रथम प्रशासन को सूचना दी थी, प्रारम्भिक जाँच में कोई लक्षण न पाए जाने पर व्यक्ति को होम क्वॉरंटीन हेतु निर्देशित किया गया। उल्लेखनीय है कि यह व्यक्ति गोविंदा कॉलोनी के वार्ड 12 का निवासी है। जिसे एक खाली मकान में अकेले होम क्वॉरंटीन में रहा तथा उसके द्वारा परिवार जनो से भी सम्पर्क नही किया गया।

उल्लेखनीय है कि हॉटस्पॉट क्षेत्र से आने के कारण कोई लक्षण न पाए जाने पर भी एहतियातन सम्बंधित व्यक्ति एवं बाहर से अन्य हाट्स्पॉट क्षेत्रों से आए व्यक्तियों के सैम्पल 30 मई को जाँच हेतु भेजे गए। ऐसे सभी व्यक्ति जिनका सैम्पल लिया गया उन्हें संस्थागत क्वॉरंटीन में रखा गया। जबलपुर से प्राप्त जाँच रिपोर्ट में सिर्फ़ संदर्भित व्यक्ति में ही कोरोना पॉज़िटिव होने की पुष्टि हुई है।

कोरोना पॉजिटिव प्रकरण की पुष्टि के साथ ही एसडीएम कोतमा द्वारा गोविन्दा कॉलोनी वार्ड नंबर-12 की व्यावहारिक सीमा को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है एवं स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन अनुसार स्क्रीनिंग की कार्यवाही की जा रही है। सम्बंधित व्यक्ति के प्राथमिक सम्पर्क की जानकारी एकत्र करके उनके भी सैम्पल जाँच हेतु भेजे जा रहे हैं एवं सभी प्राथमिक सम्पर्क को आइसोलेट कर दिया गया है। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने सभी आमजनो से अपील की है कि घबराए नहीं, सावधान रहें, सुरक्षित रहें। कोरोना से बचाव हेतु दिए गए समस्त निर्देशों का पालन कर शासन एवं प्रशासन को सहयोग करें।

तेज आंधी में दर्जनो घरो के उड़े छप्पर,७ घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ती रही बाधित

20स्थानों पर बिजली के खम्भे को नुकसान

अनूपपुर। 1 जून को मौसम का मिजाज फिर बदला, जहां दोपहर जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित उससे लगे 50 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र में प्रकृति ने आंधी-तूफान और बारिश में कहर बरपाया। दोपहर 2 बजे तेज आंधी तूफान के साथ झमाझम हुई बारिश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। तेज तूफान में अनूपपुर उपकेन्द्र से लगी जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित उससे लगे आधा सैंकड़ा से अधिक गांवों में २० से अधिक स्थानों पर बिजली की गुजरी तार पर पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। जबकि दर्जनभर से अधिक स्थानों पर बिजली के खम्भे टूटकर धराशायी हो गया। बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण जिला मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में 7 घंटे से अधिक समय के लिए ब्लैक आउट बना रहा। वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दो दर्जन से अधिक कच्चे घरों के बने खप्पर व टिन शेड उड़ गए।

सहायक अभियंता विद्युत विभाग दिनेश कुमार तिवारी ने बताया कि तेज आंधी बारिश के कारण नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के अनेक स्थानों पर ११केवी और सर्विस लाईन की तार टूट गई है। उपकेन्द्र से मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों की आपूर्ति बंद है। कर्मचारियों द्वारा सुधार कार्य कराया जा रहा है। लेकिन इनमें 7 घंटे से अधिक का समय लग सकता है। बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण अनूपपुर नगरीय क्षेत्र में जलापूर्ति बाधित रही। जिसके कारण वार्डवासियों को स्थानीय हैंडपम्प के सहारे पेयजल की पूर्ति की। इससे पूर्व 30 मई को बिजुरी नगरपालिका क्षेत्र सहित 40 गांव में आंधी और तूफान के साथ हुई बारिश मे तबाही मचाई थी।

उपसंचालक कृषि विभाग एनडी गुप्ता ने बताया कि दक्षिण पूर्व उससे लगे पूर्वी मध्य अरब सागर और लक्ष्यद्वीप में कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। जिसमें मौसम विभाग द्वारा पूर्व में ही भारी आंधी और बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। इसी दवाब में अनूपपुर में यह बारिश हुई है। हालांकि आसमान में काले बादल छाए हुए हैं, अभी बारिश की सम्भावनाएं बनी हुई है। 

बिजली विभाग के उड़ा छप्पर

एक ओर तूफान के प्रभाव में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों टिन शेड व खप्पर से बने कच्चे घरों के छत उड़ गए, वहीं जिला मुख्यालय स्थित बिजली विभाग एई कार्यालय की एडबेस्टर्डयुक्त छत उड़ गया। तेज हवाओं के थपेड़े में छत के उपर ही सीट उखड़कर टुकड़े-टुकड़े में बिखर गया और कार्यालय में पानी भर आया। इससे विभागीय कार्य प्रभावित हुए। बताया जाता है कि कार्यालय  कई दशक पुरानी है।

9 ग्राम पंचायत में एसडीएम पुष्पराजगढ़ ने लगाया 2 दिवस का कफ्र्यू

कन्या शिक्षा परिसर राजेंद्रग्राम कंटेनमेंट जोन घोषित

अनूपपुर।
कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एसडीएम पुष्पराजगढ़ विजय डहेरिया ने सोमवार को धारा-144 में प्रदत शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए अनुभाग पुष्पराजगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत किरगी (राजेंद्रग्राम) बसनिहा
, शिवरीचंदास, कोहका, लीलाटोला, दमेहड़ी, देवरी,खाटी,बेनीबारी में दो दिवस का कफ्र्यू लगाया है। जारी आदेश के अनुसार 02 जून की मध्यरात्रि 01 बजे से 3 जून की मध्यरात्रि 12 बजे तक की अवधि में कफ्र्यू प्रभावी रहेगा। इस दौरान दो /चार पहिया वाहन, राशन, सब्जी एवं आम नागरिक से संबंधित सभी प्रकार की अति आवश्यक सेवाएं बंद रहेगी। किसी भी व्यक्ति के घर से निकलने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। प्रतिबंधके दौरान घर-घर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता सुबह 6 से 9 बजे तक एवं अनुभाग के अन्तर्गत संचालित समस्त मेडिकल स्टोर्स कर्फयू से मुक्त रहेंगे।

साथ ही पुष्पाजगढ़ में संचालित समस्त बैंक शाखाए, एलपीजी वितरण केंद्र एवं मनरेगा योजना से संबंधित समस्त कार्य उक्त प्रतिबंध से मुक्त रहेगें। शादी की अनुमति जिन लोगों को मिली हुई है वह शादी का आयोजन कर सकते है। इस दौरान शासन के निर्देशानुसार उल्लेखित शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। प्रतिबंध से मुक्त संस्थाओं को निर्देशित किया जाता है कि वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए स्वच्छता एवं सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित समस्त नियमों का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।

इसके साथ ही एसडीएम पुष्पराजगढ़ द्वारा शासकीय कन्या शिक्षा परिसर राजेंद्रग्राम (पुष्पराजगढ़) एवं इसके परिधि के 500 मीटर के क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है। उक्त कंटेनमेंट एरिया में आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा एवं उक्त एरिया के समस्त निवासियों को होम क्वॉरंटीन में रहना आवश्यक है। आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के लोगों का बाहर जाना प्रतिबंधित होगा। इस दौरान नगर पंचायत अमरकंटक क्षेत्र सैनिटाइजेशन किया जाएगा। कोविड 19 के सस्पेक्टेड केस की मानीटरिंग प्रतिदिन की जाएगी एवं कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर आरआरटी टीम को तत्काल सूचित करेगी तथा जिन्हें क्वॉरंटीन किया जाना है उनका प्रतिवेदन फॉलोअप लेना अनिवार्य होगा।

विद्युत सुधार अधिनियम और निजीकरण के विरोध में अधिकारी-कर्मचारी ने काली पट्टी बांध जताया विरोध

अनूपपुर मप्र के बिजली कर्मियों ने 1 मई को  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज किया। जिसमें बिल वापस लेने की मांग की। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ  इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई ) के निर्णय के  बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के साथ म प्र के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में काली पट्टी बाँध कर विरोध दर्ज किया और केंद्र सरकार से  बिल वापस लेने की मांग की। जिसमें विद्युत अभियंता संघ अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के साथ मप्रपूक्षेविवि कंपनी लिमिटेड के अधिकारी और कर्मचारियों ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 सुधार नहीं होने पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए कार्य किया। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त  समिति ने स्पष्ट किया  है कि वस्तुत:  निजीकरण  किसानों और आम घरेलू उपभोक्ताओं के साथ धोखा है और निजीकरण के बाद बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि होगी। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 में कहा गया है कि नई टैरिफ नीति में सब्सिडी और क्रॉस सब्सिडी समाप्त कर दी जाएगी और किसी को भी लागत से कम मूल्य पर बिजली नहीं दी जाएगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, जिसके चलते इन उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है। अब नई नीति और निजीकरण के बाद सब्सिडी समाप्त होने से स्वाभाविक तौर पर  इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी होगी।

अज्ञात महिला की जली लाश मिलने से क्षेत्र में फैली सनसनी

अनूपपुर थाना राजेन्द्रग्राम अन्तर्गत ग्राम जीलंग बन्दर पानी के जंगल में अज्ञात महिला की जली हुई लाश मिली हैं। थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम खेम सिंह पेन्द्रो ने बताया कि अज्ञात महिला की लाश जली एवं सड़ी गली हालत में ग्राम जीलंग बन्दर पानी जंगल में मिली है। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ में महिला की पहचान नही हो सकी है। जिसपर  पुलिस द्गारा मामला पंजीबद्ध कर जांच में जुटी हुई है। ज्ञात हो की इस सबंध मे अभि तक किसी प्रकार की पुलिस को सुराग नहीं प्राप्त हुआ है। वही थाना प्रभारी ने अपील करते हुए यदि अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में किसी के यहां से 12 से 15 दिन के अन्तराल में महिला गायब हुआ हो तो इस सम्बन्ध मे कोई जानकारी प्राप्त होती है तो थाना राजेन्द्रग्राम को तत्काल सूचित करने की बात कही है।

इंगाराजविवि में संचार परम्पराओं की प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन

अनूपपुर भारतीय परम्परा के कई अवलंबन है, पहला अवलंबन है परिचर्चा। इस परिचर्चा के दो सामान्य बिम्व है पंचायत और पनघट प्राचीन भारत में पनघट भी जन में होने वाली हलचल या सूचनाओं का केन्द्र थे। सबसे सुलभ प्रचलित सूचना का माध्यम हमारे यहॉ पंचांग था जिसमें मौसम, नक्षत्र, राशि, व्रत, त्यौहार हर प्रकार की सूचना हमें मिल जाती थी यह सूचना सम्प्रेशण का सबसे प्रभावी, वैज्ञानिक माध्यम था। यह प्राचीन भारत में और आज भी प्रासंगिक है। उक्त आशय का विचार सोमवार को इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में संचार परम्पराओं की प्रासंगिकता'' विषय पर एक दिवसीय वेबिनार के आयोजन की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो.प्रकाशमणि त्रिपाठी ने कही। वेबीनार में प्रो.वी.के.मल्होत्रा, सदस्य सचिव, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली,वेबिनार विषय विशेषज्ञ प्रो. संजीव भानावत, प्रो. अनिल अंकित राय, मनोज टिबडेवाल रहे।

कुलपति ने कहा जन सामान्य को आकाशवाणी द्वारा सूचना मिल जाती थी। स्वप्न विधान भी था। स्वप्न के माध्यम से भी संदेश पहुंचाये जाते है। ये आगत का बोध कराते हैं। ध्यान, अध्यात्म भी सूचना सम्प्रेषण का माध्यम है। सूचना बोधगम्य, ध्यानगम्य, प्रामाणिक होनी चाहिए। हमें शब्द का ध्यान रखना चाहिए। शब्द ब्रह्म में जहॉ हम शब्दों के माध्यम से सूचना भेजते हैं वहीं नाद ब्रह्म जिसमें वाद्ययंत्रों के माध्यम से सूचना व संदेश भेजे जाते थे। उन्होंने प्राचीन भारत में प्रचलित पॉच सूचना केन्द्रों परिचर्चा, पनघट, पंचायत, पत्र-पत्रांक और प्राचीन भारतीय वाडमय पर अपनी बात कही।

प्रो.वी.के.मल्होत्रा ने कहा कि संचार की सफलता तब मानी जाती है जब वह सम्प्रेषक से ग्रहीता तक उसी रूप में तथा प्रभावी रूप में पहुचता है। हमारी संचार परम्परा वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है। भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से है। हमारी परम्पराए हमें बताती है कि हम संकट के समय में भी कैसे सुरक्षित रह सकते है। आभ्यान्तर संचार आध्यात्मिक संचार है जब हम स्वयं से बात करते हैं तो हम ईष्वर से बात करते हैं। भारतीय परम्परागत ज्ञान, हमारे रीति-रिवाज रामायण, महाभारत के विषय में भी अपनी बात रखी।

प्रो.संजीव भानावत ने कहा कि संचार की परम्परा धूमंतू जीवन से प्रारंभ होते हुए श्रुति, स्मृति से आगे बढ़ी। प्राचीन काल में शिलालेख लोककल्याण की बातों के सम्प्रेषण के लिए होते थे। धार्मिक संस्कारों द्वारा भी सामाजिक संचार को विकसित किया गया। प्रो. अनिल अंकित राय, मोतीहारी बिहार ने कहा कि हमारे यहां संचार की परम्पराएॅ जनहिताय और लोक कल्याणकारी रही है। वैदिक साहित्य संचारित परम्परा पर आधारित है। इन परम्पराओं का प्राचीन स्वरूप हम अषोक के शिलालेखों में देख सकते है। नचिकेता-यमराज के बीच हुए संवाद के विषय में भी बात की। मनोज टिबडेवाल ने कहा कि संचार ही जीवन है और सूचना ही शक्ति है। प्राचीन काल से वर्तमान काल तक संचार की विकास यात्रा के विषय में बात की और सामाजिक मीडिया के महत्व को भी बताया। वेबिनार में लगभग 850 से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन करवाया था। वेबिनार का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जनसंचार डॉ. मनीषा शर्मा ने किया।


सोते समय जहरीला कीड़ा काटने से युवती की मौत,परिवार में पसरा मातम

  अनूपपुर । कोतवाली थाना अनूपपुर अंतर्गत ग्राम बरबसपुर निवासी युवती को गुरुवार एवं शुक्रवार रात्रि सो रही थी सुबह जहरीले कीड़े ने हाथ की को...