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मंगलवार, 23 नवंबर 2021

एमबी पावर और एसीसी ने फ्लाई ऐश के परिवहन के लिए मिलाए हाथ, संभागायुक्त ने पहली रेल वैगन को झंडी दिखा किया रवाना

पहली रैक ACC लिमिटेड कैमोर के लिए रवाना की गई, रेलवे को 14 लाख रुपये की अतिरिक्त राजस्व की आय अनूपपुर। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाते हुए अग्रणी विविधीकृत विद्युत उत्पादन कंपनी एमबी पावर ने कटनी के कैमोर स्थित एसीसी सीमेंट फैक्ट्री को रेलवे के जरिए कंडीशन्ड फ्लाई ऐश की आपूर्ति शुरू कर दी है। एमबी पावर जैतहरी अनूपपुर स्थित अपने प्रमुख ताप विद्युत संयंत्र से एसीसी सीमेंट को कंडीशन्ड फ्लाई ऐश की आपूर्ति करेगी, जिससे फ्लाई ऐश का उपयुक्त इस्तेमाल सुनिश्चित होगा। एमबी पावर का अनूपपुर संयंत्र पहल करने वाला चुनिंदा संयंत्रों में से एक है। हिंदुस्तान पावर विद्युत संयंत्र जैतहरी से रेल वैगन के द्वारा फ्लाई ऐश परिवहन का शुभारंभ 23 नवंबर की शाम संभागायुक्तव राजीव शर्मा ने किया। इस अवसर पर कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जैतहरी विजय डेहरिया,हिंदुस्तान पावर ताप विद्युत संयंत्र के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इा अवसर पर संभागायुक्तर ने कहा कि हिंदुस्तान पावर विद्युत संयंत्र से पहले ट्रकों के माध्यम से फ्लाई ऐश का परिवहन होता था इससे काफी कठिनाइयां होती थी रेल वैगन के माध्यम से फ्लाई ऐश परिवहन होने से काफी लाभ होगा। हिंदुस्तान पावर ताप विद्युत संयंत्र का उत्तरोत्तर विकास होगा। हिंदुस्तान पावर ताप विद्युत संयंत्र से रेल वैगन के माध्यम से फ्लाई ऐश परिवहन का शुभारंभ होने पर कंपनी के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे अच्छा संदेश जाएगा तथा शहडोल संभाग में अच्छा औद्योगिक वातावरण तैयार होगा। क्षेत्र में सड़क यातायात से लेकर पर्यावरण तक से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान है। इससे दूसरे उद्योगों को भी प्रेरणा मिलेगी। कलेक्टर सोनिया मीना ने कहा कि हिंदुस्तान पावर ताप विद्युत संयंत्र से रेल वैगन के माध्यम से फ्लाई ऐश परिवहन होने से परिवहन व्यवस्था सहज होगी स्थानीय समस्याओं का निराकरण होगा तथा फ्लाई ऐश परिवहन को लेकर जिला प्रशासन के समक्ष जो समस्याएं आती थी उसका निराकरण होगा। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता का विस्तार होगा।
एमबी पावर के संयंत्र प्रमुख एवं सीओओ बीके मिश्रा ने कहा यह हमारे लिए गौरव का क्षण है। यह पहल निश्चित ही एक जिम्मेवार कारपोरेट की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह स्थानीय समुदाय सहित सभी सहभागियों के हित में है। रेल नेटवर्क के जरिए एक निश्चित अवधि में बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश की ढुलाई की जा सकेगी, जो न सिर्फ किफायती होगी, बल्कि इससे समय और संसाधन की बचत भी सुनिश्चित होगी। ऐसी पहल पर्यावरण की सेहत के बेहद अनुकूल है। एक ओर जहां ऐश बल्कर के माध्यम से एक बार में 20 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश भेजा जा सकता है, वहीं रेल के जरिए 3500 से 4000 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश की ढुलाई की जा सकती है। इससे न सिर्फ सड़क हादसों और यातायात समस्याओं में कमी होगी, बल्कि यह पर्यावरणानुकूल भी साबित होगी।विद्युत उत्पादन में उत्सर्जित फ्लाई ऐश के अधिक से अधिक पर्यावरणानुकूल इस्तेमाल के लिए इस पहल के विस्तार पर मंथन कर रहे हैं। एसीसी के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, अगले दशक के लिए एसीसी की सततता रणनीति है सततता विकास (एसीडी) 2020 योजना, जो कि समूह की समग्र सततता विकास योजना से जुड़ी है। यह योजना तापमान, वर्तुल अर्थव्यवस्था, जल और प्रकृति,जन और समुदाय जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित है।रेल के जरिए फ्लाई ऐश की ढुलाई इनमें से एक है। एसीसी और एमबी पावर का संबंध काफी सशक्त रहा है और रेल के माध्यम से कंडीशन्ड फ्लाई ऐश का परिवहन एक-दूसरे को और अधिक फ्लाई ऐश की पर्यावरणानुकूल तरीके से ढुलाई में मददगार साबित होगा। ज्ञात हो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 के अप्रैल से अब तक पूरे भारतीय रेलवे में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा सर्वाधिक फ्लाई-एश की ढुलाई का कीर्तिमान स्थापित किया गया है। फ्लाई-एश की ढुलाई द्वारा जहां रेलवे पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा रहा है वहीं, रेलवे को दोहरे फायदे के रूप में पावर प्लांट तक कोयला पहुंचाने जाने वाली गुड्स ट्रेनों को दूसरी ओर से भी लोडिंग का फायदा मिल रहा है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा फ्लाई-एश की लदान को बढ़ावा देने हेतु 10 अतिरिक्त लोडिंग टर्मिनल खोले गए हैं। रेल्वे ने जैतहरी एमबी पावर साइडिंग में अतिरिक्त लाइन बिछाकर फ्लाई एश की लोडिंग के लिए अतिरिक्त टर्मिनल का प्रावधान कर फ्लाई एश की पहली लोडिंग की गई। पहली रैक ACC लिमिटेड के कैमोर JQSG साइडिंग के लिए रवाना की गई जिससे रेलवे को 14 लाख रुपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ।

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