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मंगलवार, 9 नवंबर 2021

दीपेन्द्र राईस मिल वेंकटनगर से मिल कर विभाग लगा 1740 बोरी चावल अमानक खपनेकीतैयारी

सतना वेयर हाउस की टीम की जांच में ,10 दिनों के अंदर अपग्रेडेशन करने दिए निर्देश केन्द्र प्रभारी के साथ सांठगांठ कर मिल संचलक पीडीएम में भेजने की थी तैयारी अनूपपुर। जिले में धान की मिलिंग के बाद मिलरों द्वारा जमा किए जाने वाले सीएमआर चावल की गुणवत्ता पर प्रश्र चिन्ह लग गया है, मिलर द्वारा शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार चावल न जमाकर गुणवत्ता विहीन व अमानक चावल जमा कर पीडीएम के माध्यम से शासकीय उचित मूल्य की दुकान में भेजने की तैयारी में जुटे हुए है। दीपेन्द्र राईस मिल वेंकटनगर के मिल संचालक ने धान मिलिंग के बाद अमानक व गुणवत्ता विहीन सीएमआर चावल वेयर हाउस सजहा में जमा किया गया, जहां 29 अक्टूबर को चावल की गुणवत्ता जांचने सतना से आई वेयर हाउस की टीम ने दीपेन्द्र राईस मिल के तीन लॉट चावल को एक साथ रिजेक्ट करते हुए रिजेक्शन स्लीप बना 10 दिनों के अंदर अपग्रेडेशन करने के निर्देश जारी किए गए थे। जो आज तक नहीं हो सका। समय बीतने के बाद भी नही हुआ अपग्रेडेशन दीपेन्द्र राईस मिल वेंकटनगर के संचालक शासन के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप जाकर घटिया व अमानक चावल जमा किया गया है, जिसमें ब्रोकन की मात्रा अधिक होने पर जांच टीम ने तीन लॉट चावल लगभग 1740 बोरी वजन 870 क्विंटल चावल को रिजेक्ट करते हुए बीआरएल घोषित कर अपग्रेडेशन के आदेश दिए गए। लेकिन केशरवानी राईस मिल के संचालक ने सजहा वेयर हाउस में रखे बीआरएल चावल का अपग्रेडेशन करने की बजाय उसे केन्द्र प्रभारी हर लाल गौर से सांठगांठ कर शासकीय उचित मूल्य की दुकान में पीडीएस के माध्यम से भेजने की जुगत लगा रहे है। काली सूची में जाने से बचाने में जुटा विभाग सतना से पहुंची वेयर हाउस की टीम ने दीपेन्द्र केशरवानी राईस मिल का तीन लॉट चावल अमानक व गुणवत्ता विहीन पाए जाने पर उसे बीआरएल कर दिया गया, जिसके बाद नियमत: मिलर को 10 दिनों के अंदर बीआरएल चावल के अपग्रेडेशन करने तथा लेट होने पर मिलर को काली सूची (ब्लैक लिस्टेड) में डालने की कार्यवाही संबंधित विभाग की होती है, लेकिन विभाग मामले में मिलर को बचाने के लिए बीआरएल चावल को पीडीएस के माध्यम से शासकीय उचित मूल्य की दुकान भेजकर उसे गरीबो को वितरण करने का प्रयास विभाग के साथ मिलकर खेला जा रहा है। जिससे मिलर अब तक अपग्रेडेशन नही किया। मिलिंग नीति के अनुरूप किया जा रहा कार्य म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल द्वारा नई मिलिंग नीति जारी की गई है, बिन्दु क्रमांक 9 के तीन कंडिकाओं में चावल के बीआरएल होने के संबंध में दंडिक प्रावधान का लेख किया गया है। जिसमें चावल के बीआरएल होने पर संबंधित मिलर द्वारा जब तक उसे वापस उठाकर अपग्रेडेशन पश्चात एफएक्यू चावल जमा नही करता है तब तक उसे नवीन धान प्रदाय नही की जाएगी, किसी भी लॉट के चावल के बीआरएल होने पर उस लॉट हेतु देय देय राज्य की मिलिंग प्रोत्साहन राशि अथवा अपग्रेडेशन राशि की 4 गुना राशि पेनाल्टी के रूप में मिलर से वसूल की जाएगी एवं मिलर द्वारा पूरे खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मिलिंग हेतु किए गए कुल अनुबंध के विरूद्ध मिलिंग उपरांत प्रदायित कुल सीएमआर की मात्रा का 10 प्रतिशत अथवा अधिक सीएमआर चावल के रिजेक्ट हो जाने की स्थिति में मिलर को नोटिस दिया जाकर चालू खरीफ सीजन के लिए ब्लैक लिस्टेड घोषित कर अनुबंध निरस्त किया जाएगा तथा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी जैतहरी का कहना है कि जानकारी मिली है, नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। प्रदीप द्विवेदी, प्रभारी प्रबंधक नागरिक आपूर्ति विभाग एम.एस. उपाध्याय का कहना है कि मिलर को नोटिस जारी की जाकर आगे की कार्यवाही की जाएगी। उक्त बीआरएल चावल को पीडीएस में नही भेजा जाएगा।

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