गुणवत्ता, सुरक्षा मानक तथा जनहित का निर्माण कार्य में रखा जाए ध्यान- कलेक्टर
ओव्हर ब्रिज निर्माण को लेकर नागरिकों के साथ जिला प्रशासन एवं रेल अधिकारियों की बैठक सम्पन्न
जिला फ्लाई ओवर ब्रिज संघर्ष समिति ने 1 अगस्त को अनूपपुर संकेतिक बंद की कहीं बात
अनूपपुर। रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्यों की लेट लतीफी को लेकर जनमानस पिछले तीन वर्षों से परेशान है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते नगर के पूर्वी रेलवे फाटक स्थित ओवर ब्रिज का निर्माण धीमी गति से हो रहा है जिससे इसकी समय अवधि लगातार बढ़ती जा रही है। निर्माण कार्य में हो रही देरी से से परेशान नगरवासियों ने मोर्चा खोल दिया है। वहीं बुधवार को कलेक्टर एवं रेल अधिकारियों सहित सेतु निगम के अधिकारियों के साथ जिला फ्लाई ओवर ब्रिज संघर्ष समिति की बैठक में खुलकर चर्चा की गई। जिसमें कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने रेलवे के अधिकारियों तथा सेतु निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए कार्यों की गति बढ़ाए जाने निर्देश दिए। रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज को लेकर स्थानीय स्तर पर एक अगस्त को फ्लाई ओवर संघर्ष समिति अनूपपुर द्वारा अनूपपुर बाजार बंद के संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में अपर कलेक्टर अमन वैष्णव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी, एसडीएम अनूपपुर दीपशिखा भगत, तहसीलदार अनुपम पाण्डेय, यातायात प्रभारी ज्योति दुबे, कोतवाली प्रभारी अरविंद जैन, रेलवे विभाग के वरिष्ठ मंडल अभियंता दीपक आहूजा, एडीईएन पंकज कुमार, सीनियर सेक्सन इंजीनियर सिविल अरविंद कुमार, सेतु निगम के कार्यपालन यंत्री वसीम खान, सहायक यंत्री देवेन्द्र मरकाम तथा फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण संघर्ष समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहें। वहीं इस बैठक के बाद समिति के लोगो ने बताया कि बैठक नतीजा सार्थक रहा। हमारी बातों को सुना गया और निराकरण की बात कहीं।
बैठक में हुई बातचीत का नतीजा सार्थक रहा तब अनूपपुर बंद के औचित्य के सवाल पर समिति के लोगो ने कहा कि यह संकेतिक हैं हम किसी से नहीं कहेंगे कि अपने प्रतिष्ठान बंद करें या खोले। जिसे लेकर अब व्यापारियों में असमंजस कि स्थिति बनी हैं।
कलेक्टर ने रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य की गति बढ़ाने के लिए मैन पॉवर बढ़ाने तथा आगामी कार्ययोजना का क्रियान्वयन समय-सीमा में करने हेतु माईक्रो प्लानिंग करते हुए कार्यों की दिन-प्रतिदिन मॉनीटरिंग के निर्देश दिए। समिति के सदस्य स्थानीय नागरिकों द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों के संबंध में अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण की तत्काल पहल करने के निर्देश दिए। उपस्थित समिति के सदस्यों ने अवगत कराया कि निर्माण स्थल के आसपास के रहवासियों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की बेसिक समस्याओं का संज्ञान लेकर निर्माण एजेंसियां समाधानकारक प्रयास करें। आवागमन के लिए मोटरेबल रोड बनी रहे, इसकी मॉनीटरिंग भी की जाए।
संघर्ष समिति के सदस्यों ने बैठक में रेलवे से संबंधित जनहित की समस्याओं की ओर रेलवे के अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 01 से 03, 04 में जाने वाले रेलवे फुटओवर ब्रिज को प्रारंभ कराया जाए, जिस पर रेलवे अधिकारियों ने अवगत कराया कि उक्त ब्रिज 65 वर्ष से अधिक अवधि का है। जिसके सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए उसके डिस्मेंटल का निर्णय लिया गया है। शीघ्र ही नया रेलवे फुटओवर ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। यह कार्य रेलवे के गति शक्ति योजना के तहत किया जाना है। रेलवे के अधिकारियों ने अवगत कराया कि रेलवे स्टेशन से अण्डर ब्रिज की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण भी गति शक्ति योजना के तहत कराया जाएगा। समिति के सदस्यों ने पुराना थाना के सामने से रेलवे पुलिस बैरक की ओर पूर्व में बने रेलवे फुट ओवर ब्रिज को पुनः बनाए जाने की मांग की। जिस पर अधिकारियों ने इसके परीक्षण की बात कही।
कलेक्टर ने सेतु निगम के अधिकारियों को रेलवे के कार्य के समानान्तर एक ओर से सड़क निर्माण एवं अन्य प्रस्तावित कार्य कराए जाने के संबंध में निर्देश दिए। जनहित को ध्यान में रखते हुए कार्यों की गति बढ़ाकर सुरक्षा के पैरामीटर के अनुसार मैन पॉवर बढ़ाकर कार्य किया जाए, ताकि आम जन को रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज का लाभ शीघ्र प्राप्त हो सके। समिति के सदस्य स्थानीय नागरिकों ने जनहित से संबंधित मुद्दों को रखा। जिस पर सार्थक चर्चा कर निर्णय लिया गया।
समिति के सदस्यों ने अवगत कराया कि निर्माणाधीन रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज के रेलवे फाटक से स्कूली बच्चे रेलवे लाईन को पार करने की कोशिश करते हैं, जिस पर निर्णय लिया गया कि सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे फाटक में स्थानीय पुलिस, जीआरपी, रेलवे पुलिस बल के अमले की तैनातगी की जाएगी।
जिला फ्लाई ओवर ब्रिज संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशीष त्रिपाठी न कहा कि वर्तमान पीढ़ी झूठे आश्वासनों और रोज हो रही समस्या से दो-चार हो रही है। सबके द्वारा किया गया प्रयास 7 वर्ष बाद भी अधूरा ही रह गया है। तीन बार इस ब्रिज का भूमि पूजन किया गया, और हर बार अनूपपुर नगर की जनता ने स्वयं को ठगा महसूस कर तालियां बजाई। चिकित्सकीय सुविधा, व्यापार और आवागमन प्रतिदिन बाधित हो रहा है। हर बार आंदोलन की बात पर बैठक एवं बैठक में प्रशासन की जय जयकार के बाद इस समस्या को भुला दिया जाता था। पूर्व की भांति इस बार भी नगर की जनता की भावनाओं की दुर्गति ना हो इसके लिए सांकेतिक कहें य विरोध स्वरूप बाजार बंद कर प्रशासन को उसके झूठे वादे को याद कराने का प्रयास किया जा रहा है।
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