मामला:जैतहरी थाना का वर्ष 2017 में 500
के 437 नकली नोट किये थे जप्त
अनूपपुर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पंकज
जायसवाल अनूपपुर की न्यायालय ने थाना जैतहरी के अपराध की धारा 489(क), 489(ख), 489(ग), 489(घ) भादवि के 5 आरोपियों को धारा 489(ग) एवं 489(ख) में दोषी पाये
जाने पर 10 वर्ष का कारावास एवं प्रत्येक को दोनो अपराध में 4-4 हजार रूपयें के अर्थदण्ड
की सजा सुनाई। अरोपी मथुरा प्रजापति, पारसलाल यादव, रूपलाल पुरी, भुजबल मरावी एवं अनिलशरण दोशवा को भादवि की धारा 489(ख) के अपराध
में 10 वर्ष (दस वर्ष) का कठोर कारावास और 2,000/ जुर्माना तथा धारा- 489(ग) के अपराध में 05 वर्ष (पॉच वर्ष)
का कठोर कारावास और 2,000 अर्थदण्ड की सजा
इसमे कठोर कारावास के दण्डादेश को न्यायालय द्वारा साथ-साथ भोगे जाने हेतु
निर्देशित किया। वहीं एक आरोपी बल्देव सिंह अनुपस्थित रहा जिस पर स्थायी गिरफ्तारी वारण्ट जारी किया गया और आरोपी
के संबंध में निर्णय को बंद लिफाफे में रखा गया। इस आरोपी के गिरफ्तार होने पर
भविष्य में न्यायालय द्वारा दण्ड के विषय में सुनकर दण्डादेश पारित किया जा
सकेगा।
मामले में पैरवी प्र0 जिला अभियोजन अधिकारी हेमन्त अग्रवाल ने की।
प्र0 जिला अभियोजन ने बताया कि 01 नवंबर
2017 को फरियादी अंशु प्रजापति अपनी किराना दुकान में ग्राम छातापटार का मथुरा
प्रजापति दुकान में आया और 500/- का नोट 20/- का सामान लिया। जिसके बाद दुकानदार ने
480/- वापस दिया। शाम दुकानदार ने देखा कि मथुरा प्रजापति द्वारा दिया गया 500/-
का नोट का कागज मोटा था एवं दाएं भाग में 500/- अंक में लिखे भाग के ऊपर गांधी जी
का फोटो नहीं दिखाई दे रहा था। असली नोट से मिलाने पर उक्त 500/- का नोट नकली था, जिसकी शिकायत जैतहरी थाने में की गई, थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने विवेचना के दौरान
मथुरा प्रजापति को गिरफतार कर उससे पूछताछ की गई, कब्जे से एक और 500 का नकली नोट जप्त किया गया।
मथुरा प्रजापति ने बताया कि आरोपी
पारस लाल उसे चलाने के लिये दिया था, पुलिस ने पारसलाल को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर कब्जे से 500-500 के
34 नकली नोट जप्त किये गया। पारसलाल ने नकली
नोट आरोपी रूपलाल पनिका द्वारा दिए जाना बताया, रूपलाल पनिका से पूछताछ पर अपना अपराध स्वीकार किया, यहा से 44 नकली नोट जप्त किया गया, वहीं रूपलाल ने भुजबल से लेना बताया, पुलिस ने भुजबल से पूछताछ में 140 नग नकली 500 के नोट पाए गए, भुजबल ने अनिल शरण से प्राप्त होना बताया, जिस पर पुलिस ने अनिल शरण को भी गिरफ्तार करते हुए कब्जे से 197 नग नकली 500 के नोटो
को जप्त किया गए। साथ ही कब्जे से नोट बनाने में प्रयोग किया गया प्रिंटर, कम्प्यूटर आदि सामग्री जप्त की गई। अनिल शरण द्वारा बल्देव सिंह को भी नकली नोट देना बताया, बल्देव सिंह के कब्जे से भी 20 नग नकली नोट जप्त किया गए। आरोपियों
से जप्त नकली नोटों को जांच हेतु स्टेट बैंक एवं पुणे फॉरेंसिक विभाग को भेजा
गया, साथ ही नकली नोट
बनाने में प्रयुक्त प्रिंटर, कटर, कम्प्यूटर आदि
सामग्री को जांच हेतु भेजा गया, मौके पर ही अधप्रिंट व कटे हुए नकली नोट भी प्राप्त हुए उन्हें भी
जप्त किया गया। सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया, सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग प़त्र न्यायालय में प्रस्तुत किया
गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला दण्डाधिकारी अनूपपुर की अध्यक्षता में
आयोजित कमेटी द्वारा प्रकरण को चिन्हित एवं सनसनीखेज प्रकरणों की सूची में शामिल
किया गया। विवेचना व अन्य कार्यवाही की मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक द्वारा की
गई।
न्यायालय ने प्रथम दृष्टया समस्त
नोटों को फर्जी होना प्रमाणित पाये जाने पर अपने फैसलेमें कहा कि इस प्रकार के
अपराध से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए 10 वर्ष
का कारावास एवं प्रत्येक को दोनो अपराध में 4-4 हजार रूपयें के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
प्रकरण का एक आरोपी हुआ फरार
वहीं आरोपी बल्देव सिंह अनुपस्थित होने पर कार्यवाही को प्रकरण से पृथक करते हुए जमानत
मुचलका जप्त कर स्थायी गिरफ्तारी वारण्ट जारी किया गया और आरोपी के संबंध में
निर्णय को बंद लिफाफे में रख इस कहा कि गिरफ्तार होने पर भविष्य में न्यायालय
द्वारा दण्ड के विषय में सुनकर दण्डादेश पारित किया जा सकेगा।
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