राजस्व महाअभियान एवं अपनी समस्यायों को निराकरण किये जाने की मांग
अनूपपुर। श्रीमद् भगवत गीता में कहा गया है कि मजदूर का पसीना सूखने के पहले उसकी मजदूरी दे देनी चाहिये। किन्तु प्रदेश के पटवारियों को 05 महीनों से वेतन भतों के लाले पड़ें हैं। पटवारी भूखे पेट रहकर अधिकारियों के निर्देशानुसार अन्नदाता के हितों में प्रदेश के पटवारी प्रशासन द्वारा चलाये जा रहें राजस्व महाअभियान को भी सफल बनायेंगे। पटवारियों ने 19 जुलाई को मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर माध्यपम से डिप्टीि कलेक्टर दिलीप पाण्डेय को राजस्व महाअभियान में आने वाली एवं अपनी समस्यायों का ज्ञापन सौंप कर शीघ्र निराकरण किये जाने की मांग की हैं।
पटवारियों ने बताया कि राजस्व महाअभियान प्रशासन द्वारा चलाये जाते हैं, संपूर्ण राजस्व अभियान में संपूर्ण कार्य करने वाला इकलौता कर्मचारी पटवारी है, जिसकी मॉनिटरिंग (समीक्षा) राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-अभिलेख, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख, अनुविभागीय अधिकारी, अपर कलेक्टर, कलेक्टर, संभागायुक्त, आयुक्त भू-अभिलेख एवं प्रमुख सचिव राजस्व सभी करते हैं। हमारे लिए सिर्फ घोषणायें होती हैं, वह भी पूरी नहीं हो पाती। गत अभियान को भी पूर्णतः पटवारियों ने ही सफल बनाया था। अभियान के शुरुआत में राजस्व मंत्री द्वारा कहा गया था कि अभियान सफल करो, आपकी सारी माँगें पूरी होगी। माँगे पूरी होनी तो दूर हड़ताल अवधि का वेतन भी आज दिनांक तक अप्राप्त है, जबकि पटवारियों से संबंधित तत्समय का कोई भी कार्य शेष नही है।
राजस्व महाअभियान की समस्यायें
15 जून से 15 अक्टूबर का समय बर्षा का होता है, जिसमें अतिवृष्टि, बाढ, जलभराव, भूस्खलन, प्रदूषित पानी से डायरिया जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है, जिसकी रिपोटिंग इकाई पटवारी ही है। बाढ़ कन्ट्रोल रुम में प्रत्येक दिन 24 घंटे में 6-6 घण्टे में सभी पटवारियों की ड्यूटी, परीक्षाओं में पटवारियों की इयूटी, सीबीआई जाँच में पटवारियों की ड्यूटी, एनएआई में पटवारियों की ड्यूटी लगायी हुई है, इनसे मुक्त कराया जाय। राजस्व अभियान पर इयूटीरत पटवारियों को लक्ष्य प्राप्ति के अभाव में प्रताडित नहीं किया जाय। अभियान के सारे कार्य ऑनलाईन होते हैं एप के सर्वर की व्यवस्था कार्यालयीन समय में कराई जाय, नक्शा बटांकन, सीमांकन के कार्यों में बरसात, खेतों की स्थिति और वन सीमा का ध्यान रखते हुए कार्यों को कराया जाय। पटवारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश हैं, अभियान के दौरान तहसीलों में न बुला समीक्षा बैठके कार्यालयीन समय में ऑनलाईन करायी जाय। प्रातः 10.00 बजे से 6.00 बजे तक की अवधि में पटवारियों से भी कार्य कराया जाय। अवकाश के दिनों में समीक्षा बैठक अथवा अन्य कार्य नही लियें जाय।
पटवारियों की समस्यायें-
कर्मचारी आयोग में लंबित वेतनमान का निराकरण कर वेतनमान संशोधित करने, समयमान वेतन विसंगति दूर करने एवं प्रदेश में डीपीसी के माध्यम से उसी जिले में पटवारियों की पदोन्नति राजस्व निरीक्षक के पद पर अबिलम्ब की जाए, पटवारी संवर्ग से नायब तहसीलदार परीक्षा विभागीय आधार पर तत्काल आयोजित कराई जाए। घोषणानुसार नवोदित पटवारियों को 100 प्रतिशत वेतन दिया जाय। प्रदेश के पटवारियों को हडताल अवधि का वेतन, गत 05 महीनों का वेतन भत्तों के एरियर सहित और नवोदित प्रशिक्षु पटवारियों का संपूर्ण वेतन और स्वामित्व योजना का मानदेय तत्काल दिलाया जाय। सर्व सुविधायुक्त मोबाईल दिलाया जाय, लैपटाप की राशि 50000 से बढ़ाकर 75000 की जाय, सीपीसीटी उत्तीर्ण सभी पटवारियों को परिवीक्षा अवधि से मुक्त कर उनके इंक्रीमेंट लगाये जाय। प्रमुख सचिव द्वारा पटवारियों की समस्याओं के लिए विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक हेतु जिला कलेक्टरों को निर्देशोंका पालन किया जायें। बार-बार मुख्यालय में रहने और निष्पक्ष कार्य करने की बात कही जाती है. जबकि 95 प्रतिशत पटवारियों को आवास भते के नाम पर 219.00 से 429.00 रुपये मिलते हैं, जिससे कहीं किराये का भी मकान नहीं मिलता और किसी के घर में रह 219.00 से 428, माना जाता। अतएव सर्वसुविधा युक्त पटवारी आवास सह कार्यालय निर्मित कराया जाय, जिससे पटवारी मुख्यलय में कार्यालय संचालित किया जा सके। कार्यालय बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाय कि वर्तमान परिपेक्ष्य में 1/3 महिला पटवारी हैं। भोपाल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई डायरी प्रारंभ की गयी है, जो पूर्णत अव्यवहारिक कार्य की दशा के विपरीत है, सारे कार्य आनलाईन है उसकी उपस्थिति एवं समीक्षा के लिए राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं उपखण्ड अधिकारी होने से ई डायरी संधारण औचित्यहीन होकर प्रासंगित नहीं होने से यह व्यवस्था समाप्त किये जाने की कृपा की जाय।
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