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रविवार, 18 सितंबर 2022

प्राचीन रंग महला मंदिर में 40 साल बाद होगी पूजा, स्थानिय को न्यायालय ने दिया आदेश

अनूपपुर। हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र अमरकंटक स्थित प्राचीन रंग महला मंदिर में कोर्ट के आदेश के बाद 40 साल से पूजा से वंचित प्राचीन विष्णु,शिव और सत्यनारायण भगवान का मंदिर में विधि विधान से पूजान होगा। अनूपपुर जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा मंदिर के सामने प्राचीन कलचुरी कालीन रंगमहला मंदिर जिसकी भव्यता सुंदरता देखने बनती हैं। यहां विष्णु,पातालेश्वर शिव, सत्यमनारायण भगवान विराजे हैं जहां लगभग 40 सालों से न्यानयलय में प्रकरण चलने के कारण मंदिर परिसर को पुरातत्व विभाग का अधिग्रहण कर पूजा पाठ पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिस पर तत्तपकालीन द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वर्गीय स्वामी स्वरूपानंद ने भारत सरकार पुरातत्व विभाग रात्यं सरकार के खिलाफ पूजा पाठ की अनुमति की मांग को लेकर 7 साल पहले 2015 में अपर सत्र न्यायालय राजेंद्रग्राम में याचिका दर्ज करवाई थी। जिस पर मंदिर परिसर क्षेत्र और मंदिरों की संपूर्ण देखरेख और पूजा पाठ का उत्तरादयी द्वारिका शारदा पीठ की हैं, जिसमे उल्लेख किया गया था। इस वाद को न्यारयलय ने स्वीकार करते हुए द्वारिका शारदा पीठ के पक्ष में शनिवार को फैसला देते हुए मंदिरों पर पीठ द्वारा देखरेख एवं पूजा पाठ करने की अनुमति प्रदान कर राज्य सरकार पुरातत्व विभाग, कलेक्टर को आदेश की प्रतिलिपी भेजी गई हैं। हिंदू आस्था के अनुसार और अमरकंटक पुजारियों के बताया कि किमविदती है की रंग महला मंदिर के अंदर विराजे पातालेश्वर मंदिर में श्रवण मास में खुद गंगा मां मंदिर में आती है और शिव का अभिषेक करती हैं। आस्था के इस बड़े केंद्र मंदिर को पूजा पाठ से वंचित कर कहीं न कही क्षेत्र वाशियो के अंदर रोष था। आदेश के बाद लोगो में खुशी हैं। ज्ञात हो कि इस प्राचीन मंदिर पहले लोग आते थे वहां पूजा कर आराधना करते थे आस्था का केंद्र था वह मंदिर बिना पूजा पाठ के जर्जर स्थिति में हैं। न्यारयलय के आदेश के बाद अब वहां पूजा पाठ होगी सभी मंदिरों में पुजारी भी नियुक्त किए जाएंगे। विदित हो की 7 दिन पूर्व द्वारिका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरवस्ती का दुखद निधन हो गया जिसके बाद उनके उत्तराधिकारी अविमुक्तेसरानन्द महाराज को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनाए गए हैं। इस पर अपनी प्रतिक्रिया पर उन्होंने इस खुशी को परमपूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वर्गीय स्वरूपानंद सरस्वती की जीत बताई और आस्थाक की जीत बताई।

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