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बुधवार, 16 दिसंबर 2020

विभाग बना खलनायक, वनपाल की बेवा को अबतक नहीं मिली एग्रेसिया की राशि


15
दिन पहले पैर फिसल से हुई थी मौत

अनूपपुर वन मंडल अनूपपुर के जैतहरी वन परिक्षेंत्र में वनपाल(डिप्टी रेंजर) के पद पर पदस्थ रहे लोकमणि रौतेल की 30 नवम्बर को गृह ग्राम गोरसी में पैर फिसल जाने और इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसमें  मृत्यु के उपरांत मृतक की बेवा को शासकीय स्तर पर सहायता राशि विभाग द्वारा नहीं प्रदान की गई है।

बताया जाता है कि डिप्टी रेंजर की मौत हुए अब 15 दिन से अधिक समय गुजर गया है। लेकिन परिवार द्वारा विभाग को दिए गए कागजी दस्तावेज के बावजूद शासन से मृत्यु पर मिलने वाली एग्रेसिया की राशि परिजनों को नहंी उपलब्ध कराई गई है। परिजनों का कहना है कि स्थापना शाखा में जल्द काम के लिए गुहार भी लगाई गई। लेकिन पारिवारिक दयनीय आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जानकारी के अनुसार शासकीय सेवक की मृत्यु उपरांत 24 घंटे के भीतर अंत्येष्टि और कार्यक्रम के लिए सरकार द्वारा 50 हजार रूपए की तत्कालिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है।  

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला 

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