अराक्षित भूमि में हो रहा अतिक्रमण
अनूपपुर। जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर उद्योग स्थापित करने के लिए कदमटोला गांव में भूमि आरक्षित की गई है, इसे औधोगिक क्षेत्र का नाम दिया गया। 4 वर्ष हो गए यहां उद्योग स्थापना की कार्रवाई शासन-प्रशासन की उदासीनता से ठंडे बस्ते में है। आरक्षित जमीन पर भी धीरे-धीरे अतिक्रमण होता जा रहा है। उद्योग स्थापित करने वाले निवेशक भी धीरे-धीरे अपना रुझान क्षेत्र से हटा रहे हैं। सरकार का मकसद उद्योग नगर बसाने का था कि जिले के लोग यहां उद्योग स्थापित करें जिससे यह क्षेत्र उन्नाति करे और रोजगार के लिए दूसरे शहरों पर जो बेरोजगार युवक निर्भर हैं उन्हें यही काम मिल सके।
9 करोड़ स्वीकृत के बाद भी अटका काम
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम टोला गांव और उद्योग में युवा उद्यमियों के लिए अवसर देने का काम करता है साथ ही हुनरमंद बेरोजगार युवकों को भी अपने आसपास से बेहतर नौकरी की तलाश खत्म होती। जानकारी अनुसार वर्ष 2016-17 में इस औद्योगिक क्षेत्र की मंजूरी हुई थी और 9.43 करोड़ रुपये इस परियोजना के लिए शासन ने स्वीकृत किए थे।
4 वर्ष बीत गये नोटिफिकेशन भी जारी नहीं
कोयला और बिजली उत्पादन से यह अनूपपुर जिला प्रदेश व राष्ट्र में पहचाना जाता है लेकिन यहां के लोग छोटे उद्योगों से अवसर को एक नया आयाम दें तथा क्षेत्र के विकास को गति मिले इस उद्देश्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सितंबर 2016 को कदम टोला गांव में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की घोषणा की थी, किंतु इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया। कई पूंजीपतियों ने और युवा इंजीनियरों ने अपने क्षेत्र में खुद का उद्योग स्थापित कर अपना कैरियर बनाना चाहा लेकिन इस परियोजना के लिए नोटिफिकेशन शासन स्तर से अभी तक जारी नहीं किये गये हैं। जिससे इस औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
उद्यमियों को भूखंडों का आवंटन अभी तक नही
यहा रोड ,नाली और बिजली की व्यवस्था तो बना दी गई है लेकिन भूखंडों का आवंटन उद्यमियों के लिए अभी तक नहीं की गई है। इंतजार है कि कब यह औद्योगिक क्षेत्र के लिये अधिसूचित हो। जानकारी अनुसार यहां 107 प्लाट निर्धारित किए गए हैं जिस उद्यमी को जैसा उद्योग लगाना है उसके अनुसार यहां भूमि दी जाएगी और अलग-अलग व्यवसाय के लिए अलग-अलग भूमि के लिए आवेदन भी करना होगा। और यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत होनी हैं।
16 प्लाटों पर ग्रमीणों का कब्जा
जानकारी अनुसार राजस्व विभाग के माध्यम से उद्योग एवं पर विभाग को जिला प्रशासन की तरफ से कदम टोला में औद्योगिक विस्तार के लिए 22.06 हेक्टेयर जमीन दी की गई है। बताया गया 16 प्लाटों पर अतिक्रमण भी स्थानीय ग्रामीण कर चुके हैं और मामला न्यायालय में पहुंच चुका है जिसका निपटारा अभी तक नहीं हो सका है। पेयजल व्यवस्था भी नहीं बन पाई है।
उद्योग लगाने वाले दूसरे क्षेत्र में कर रहे निवेश
यहां उद्योगों की स्थापना में देरी होने से उद्योग लगाने वाले लोग भी अब दूसरे क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। उद्योग नगर के लिए यह स्थान उपयुक्त भी है और निवेशकों ने रुझान भी दिखाया था लेकिन जिस तरह से देरी हो रही है उससे अनूपपुर जिला औद्योगिक हब बनने की दिशा में अग्रसर नहीं हो पा रहा है। निवेशक स्थापना की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं शासन की हरी झंडी न मिलने से निवेशक के साथ ही यहां के बेरोजगार भी निराश हैं। वहीं
औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना न होने से हजारों युवाओं को यहां योग्यता के अनुरूप मिलता नहीं दिखाई दे रहा, जिससे बेहतर रोजगार की आस में बैठें निराश हो रहे हैं।
प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयां नही लगेंगी
इस औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले इकाइयों की स्थापना नहीं की जाएगी तथा इस स्थान पर स्लाटर हाउस, तंबाकू आधारित उत्पादों का निर्माण, स्टोन क्रेशर,सभी प्रकार की खनन गतिविधियां, लकड़ी के कोयले का विनिर्माण,सोयाबीन पर आधारित सभी प्रकार के उद्योग, सीमेंट क्लिंकर विनिर्माण इकाइयां, सोने एवं चांदी के बुलियन से निर्मित आभूषण एवं अन्य वस्तुएं,आयरन मिल और लकड़ी की प्लेनिंग, विद्युत उत्पादन इकाइयां आदि क्षेत्र के लिए अपात्र घोषित की गई हैं।
महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार केंद्र अनूपपुर आरएस डाबर का कहना कि कदम टोला में रोड नाली बिजली जैसी व्यवस्थाएं बना दी गई है जैसे ही शासन से यहां के लिए नोटिफिकेशन जारी होता है टेंडर प्रक्रियाएं पूरी कर आधारभूत व्यवस्था यहां की पूरी कर ले जाएगी और ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन मांगे जाएंगे।
खाद्य नागरिक आपूर्ती मंत्री एवं अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि जानकारी में आया हैं इसके लिए प्रयास किये जायेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला
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