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बुधवार, 23 दिसंबर 2020

रक्तदान सबसे पवित्र कार्य,ढिंढोरा पिटवाऊं तो दान शब्द का महत्व ही नहीं


रक्तदान करते युवक ने फोटो लेने से किया मना

अनूपपुर रक्तदान सबसे पवित्र कार्य है। यदि इसका मैं ढिंढोरा पिटवाऊं तो दान शब्द का महत्व ही नहीं रह जाएगा। बुधवार को जिला चिकित्सालय में कोतमा विधानसभा अन्तर्गत ग्राम कोठी के एक मरीज के लिये बी पॉजिटिव रक्त की जरुरत थी। जो जिला चिकित्सालय में नहीं था। पुरानी बस्ती अनूपपुर निवासी कमलेश तिवारी ( पिन्टू) से सम्पर्क पर एक युवक रक्त देने को राजी हुआ वह पहली बार रक्तदान कर रहा था। रक्त परीक्षण के बाद जैसे ही उसके रक्तदान की प्रक्रिया शुरु हुई तो मौके पर उपस्थित कुछ पत्रकारों ने उनकी तस्वीर खींचने की कोशिश की तो उसने विनम्रता से फोटो लेने से मना कर दिया। पत्रकारों ने उन्हे समझाया कि रक्तदान बड़ा कार्य है, आप पहली बार रक्तदान कर रहे हैं,समाचार प्रकाशन से अन्य लोगों को प्रेरणा मिलेगी। लेकिन इसके बावजूद रक्तदाता ने पुन: यह कहते हुए फोटो खिंचवाने से मना कर दिया कि रक्तदान सबसे पवित्र कार्य है। यदि इसका मैं ढिंढोरा पिटवाऊं तो दान शब्द का महत्व ही नहीं रह जाएगा।

फोटो, सेल्फी, सोशल मीडिया के इस प्रचार - प्रसार वाले दौर में जब लोग नाखून कटवा कर शहीद बन जाते हैं तो महज 22 साल के एक युवक की ऐसी भावना देख कर हम सभी हतप्रभ थे। यह बडप्पन,उनके माता - पिता द्वारा दिये गये संस्कार,समझ से सभी अभिभूत थे। सबने उनका हृदय से अभिनन्दन किया। नि:स्वार्थ मदद का भाव सर्वश्रेष्ठ होता है। इतनी कम उम्र में यदि उन्हे इसका अहसास है तो निश्चित रुप से यह उनके माता- पिता, गुरु द्वारा दी गयी शिक्षा-संस्कार का प्रभाव ही है।

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